भोपाल : जब ई-कंपनियों को परमीशन तो हमें क्यों नहीं

भोपाल, मध्य प्रदेश : लॉक डाउन से इलैक्ट्रानिक व्यापारियों में नाराजगी। प्रशासन पर उठाये सवाल जब ई-कंपनियों को परमीशन तो हमें क्यों नहीं।
लॉकडाउन  के दौरान बंद बाजार
लॉकडाउन के दौरान बंद बाजारSocial Media

भोपाल, मध्य प्रदेश। कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए राजधानी में एक बार फिर टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। लेकिन इस लॉकडाउन ने मंदी से उबर रहे बाजार की एक बार फिर कमर तोड़ दी है। दो बड़े त्यौहार सामने होने के बाद भी व्यापारी लॉकडाउन के हाथों मजबूर हैं, इसी को लेकर सबसे पहले इलेक्ट्रिॉनिक्स व्यापारियों ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई है, इनका कहना है, कि सरकार जब अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कामर्स कंपनियों को लॉकडाउन में व्यापार करने की इजाजत दी है, तो हमें क्यों नहीं। इसी मुद्दे पर व्यापारियों नेे बैठक भी आयोजित की।

दरअसल व्यापारियों की दलील है, कि हम छोटे व्यापारी हैं, जो रोजमर्रा की परेशानियों को झेल रहे हैं, हम सरकार को बिजली, पानी और सभी लोकल टैक्स भी समय पर दे रहे हैं, लेकिन सरकार स्थानीय व्यपार को बढ़ावा देने की जगह बड़ी कंपनियों को व्यापार का अधिकार दे रही है, जिनका पैसा सीधे विदेशों में जा रहा है। कुछ व्यापारियों का कहना है, कि एफडीआई आने के आद वैसे भी हमारा व्यापार चौपट हो चुका है। व्यापारियों का कहना है, कि हम स्थानीय व्यापारी हैं, जो समय पर सभी करों का भुगतान करते हैं, लेकिन इसके बाद भी हमें काम करने की इजाजत नहीं दी जा रही है। व्यापारियों के मुताबिक हम मार्च से लॉकडाउन झेल रहे हैं, कई व्यापारियों की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। लेकिन फिर भी सरकार हमें लॉकडाउन में धकेल रही है। इस मामले में व्यापारियों की यह भी दलील है, कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने बयान में कहीं भी बड़े व्यापारियों को कहीं भी छूट नहीं दी थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें व्यापार करने का मौका मिल रहा है। लेकिन स्थानीय व्यापारी जो कि स्थानीय लोगों से सीधे तौर पर जुड़े हैं, उन्हें काम करने से रोका जा रहा है। आने वाले दिनों में राखी और बकरीद जैसे दो बड़े त्यौहार हैं, व्यापारियों की मांग है, कि उन्हें भी अपने बिगड़े बजट को ठीक करने का मौका दिया जाए। राजधानी के व्यापारियों का कहना है, कि, जब सरकार ऑनलाईन व्यापार को अनुमति दे रही है, तो फि र ऑफलाईन व्यापार को भी अनुमति दी जाए

इनका कहना है :

हम स्थानीय व्यपारी हैं, जब सरकार ई-कामर्स कंपनियों को होम डिलीवर की अनुमति दे रही है, तो हमें भी दे। भले ही दो घंटे की अनुमति दे दी जाए। ताकि हम एक दिन आर्डर लेकर दूसरे दिन होम डिलीवरी कर सकें। लॉकडाउन में पहले ही हमारा काफी नुकसान हो चुका है, कम से कम बड़ों के साथ हम छोटे व्यपारियों की भी चिंता सरकार को करनी चाहिए।

रूप कुमार रावतानी, चित्रहार इलैक्ट्रिॉनिक्स एमपी नगर

पहले लॉकडाउन के बाद भी सरकार ने हमें होम डिलीवरी करने की परमीशन दी थी, हमारा पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है, कर्मचारियों को वेतन और शोरूम का खर्च भी हमारे व्यपारी अपनी जेब से दे रहे हैं। लोग हम पर भरोसा करते हैं, ऐसे तो हमारे पुराने ग्राहक भी हमसे दूर हो जाएंगे। दो-दो बड़े त्यौहार सामने है, हमें भी होम डिलीवरी की अनुमति सरकार और प्रशासन को देनी चाहिए।

रूपेश श्रीवास्तव, मामा, ऑनर मामा इलैक्ट्रिॉनिक्स

हमने मीटिंग की है, सभी व्यापारी साथी आपस में विचार-विमर्श कर रहे हैं, हम सोशल मीडिया पर भी मुहिम छेड़ेंगे। हमारा किसी से विरोध नहीं बस इतना निवेदन है, कि सरकार हमें भी कारोबार की इजाजत दें, हम सारे नियमों का पालन करते हैं, टैक्स भी दे रहे हैं, ग्राहक हम पर भरोसा करता है, हम शोरूम लेकर बैठे हैं, हम महामारी से जुड़े सभी नियमों का पालन करने को तैयार हैं, फिर सरकार हमें भी काम करने का मौका दे।

बलमीत सिंह, ऑनर नोवल इलैक्ट्रिॉनिक्स

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