दीपावली में हानि पहुंचाने वाले पटाखों का उपयोग न करने की ली शपथ

शहडोल : इको फ्रेंडली पर्व मनाने के लिए विद्यार्थी, शिक्षक आये सामने, दीपावली में हानि पहुंचाने वाले पटाखों का उपयोग न करने की ली शपथ
दीपावली में हानि पहुंचाने वाले पटाखों का उपयोग न करने की ली शपथ
दीपावली में हानि पहुंचाने वाले पटाखों का उपयोग न करने की ली शपथAfsar Khan

राज एक्सप्रेस। दीपावली के पर्व के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण के नियंत्रण के लिये जनजागृति एवं जन जागरण के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा शुक्रवार को शहर के गुड्स शेफर्ड कान्वेंट स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा पटाखे का उपयोग न करने के पक्ष में एवं विपक्ष में मत व्यक्त किये। प्रतियोगिता में शामिल छात्र-छात्राओं को बोर्ड की ओर से पुरूस्कृत भी किया गया। स्कूल में बोर्ड के द्वारा जनजागृति लाने के लिये विद्यार्थियों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम में संयोजन स्पोर्टस प्रभारी ने किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में चयनित विद्यार्थियों को पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार मेहरा के द्वारा पुरूस्कृत किया गया।

हानिकारक रोग छोड़ जाते हैं पटाखे :

दीपावली पर्व के अवसर पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण हेतु केन्द्र, राज्य सरकार के अलावा सर्वोच्च और उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों और अधिसूचनाओं की जानकारी बोर्ड के अधिकारियों ने द्वारा विद्यार्थियों के बीच साझा की गई। पीसीबी के वैज्ञानिक आनंद कुमार दुबे ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि, ध्वनि प्रदूषण से मानव अंग जैसे नाक, कान, मस्तिष्क पर दुष्प्रभाव पड़ता है और कई हानिकारक रोग से लोग ग्रस्ति हो जाते हैं, पटाखों के निर्माण में उपयोग में लाये जाने वाले विभिन्न रसायन जो कि सीधे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।

दिलाई गई शपथ :

आयोजन के दौरान दीपावली पर्व पर अधिक शोर उत्पन्न करने वाले पटाखों का उपयोग न करने और इकों फ्रेंडली तरीके से दीपावली पर्व मनाने की सभी को शपथ दिलाई गई।आयोजन में मौजूद सभी लोगों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पीसीबी की इस पहल को मानते हुए इको फ्रेंडली दीपावली मनाने का वचन दिया।आयोजन के दौरान पीसीबी के अधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी मुद्दों पर अपनी बातें रखी। विद्यार्थियों ने भी परिचर्चा में मन में उठ रही जिज्ञासा पर सवाल पूछे, जिसका अधिकारियों ने सरल तरीके से जवाब दिया। ये रहे कार्यक्रम में शामिल आयोजन में विद्यालय की प्राचार्य सिस्टर, उपप्राचार्य , खेलकूद शिक्षिका एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।

रसायन से पड़ने वाले दुष्प्रभाव :

पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार मेहरा ने बताया कि पटाखों में उपयोग होने वाले विभिन्न रसायन एवं उसके दुष्प्रभाव काफी घातक हैं, पोटेशियम क्लोराइज जो कि ईंधन का काम (रोशनी निर्माण) का काम करता है, जिससे फेफड़ों का कैंसर, एंटीमनी सल्फाइड जो कि चमकीला रंग कारक है, जिससे सांस लेने में परेशानी एवं फेफड़ों का कैंसर, बेरियम नाईट्रेड हरा रंग देता है, जिससे मांस-पेशियों में कमजोरी के साथ ही रेडियो एक्टिव प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। केडीमियम रंग कारक होता है, जो कि फेफड़ों पर नुकसान, पाचन तंत्र पर नुकसान, लीथियम मिश्रण लाल रंग कारक करता है, स्वशन तंत्र में दुष्प्रभाव, तांबे का मिश्रण नीला रंग कारक करता है। जिससे कैंसर जनक हार्माेन्स पर दुष्प्रभाव, सीजीएम नाइट्रेट लाल रंग कारक करता है, जो हवा को जहरीला बनाता है और सोडियम नाईट्रेट पीला रंग देता है, जो हवा को जहरीला बनाने का काम करता है।

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