Indore : 6 माह पहले मृत व्यक्ति के परिजनों को मिला कोविड टीका लगाने का मैसेज

इंदौर, मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन ड्राइव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। 6 महीने पहले मरे हुए शहर के एरोड्रम निवासी को 25 दिसंबर को लगे टीके का सर्टिफिकेट जारी।
6 माह पहले मृत व्यक्ति के परिजनों को मिला कोविड टीका लगाने का मैसेज
6 माह पहले मृत व्यक्ति के परिजनों को मिला कोविड टीका लगाने का मैसेजRaj Expresss

इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन ड्राइव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इंदौर में मृत एक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर उसके परिजनों को कोविड-19 के खिलाफ टीके की दूसरी खुराक लेने का एक मैसेज मिला। इसके बाद सर्टिफिकेट भी जारी किया गया। शहर के कृष्ण विहार कॉलोनी एरोड्रम थाने के पीछे निवास करने वाले 58 वर्षीय सुरेश परमार का 6 महीने पहले निधन हो गया था। सुरेश की मृत्यु 1 मई 2021 को हुई। मृतक का रजिस्ट्रेशन 27 मई को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए किया गया, जो कि 2 जून को जारी किया गया। मृतक के नंबर पर कोविड टीके के दूसरी खुराक 25 दिसंबर को ली जाने का मैसेज प्राप्त हुआ। टीका रामवती सोनी ने लगाया, जो कि मोबाइल जोन 2-1 दर्शा रहा है। मृतक व्यक्ति के मित्र घनश्याम मौर्य ने बताया मृतक के पुत्र दीपक और अजय ने सोश्यल मीडिया पर प्रशासन की गलती उजागर की हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल पर एक संदेश मिला और साथ ही वैक्सीन प्रमाण पत्र भी डाउनलोड किया गया। घनश्याम ने बताया उनके मित्र ने 2 अप्रैल को टीके की पहली खुराक ली थी। जबकि मई में उनकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने पूरे मामले पर हैरानी जताई।

सुरक्षा चक्र के आंकड़ों में ही दिख रही जादूगरी :

कोरोना की तीसरी लहर के एहतियातन राज्य सरकार के निर्देश पर दिसंबर में शत- प्रतिशत दूसरे डोज का लक्ष्य पूरा करना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टारगेट पूरा करने के लिए सामान्य दिनों के अलावा समय-समय पर महाअभियान भी चलाया जा रहा है। विभाग अब आंकड़ों को पूरा करने के दबाव व जद्दोजहद में मरे लोगों को भी टीका लगा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले को सुरक्षा चक्र का घेरे बनाने के दावों के आंकड़ों में कितनी स'चाई है। कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर जिले का महकमा पूरी तैयारियों का दावा कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के बचाव होने वाले सुरक्षाचक्र के आंकड़ों में ही जादूगरी दिखा रहा है। विभाग ऐसे लोगों को भी टीके लगा रहा है, जिनको मरे हुए महीने बीत गए। अधिकारियों का कहना हंै कि तकनीकी त्रुटि हो जाती है। विभाग द्वारा मौत होने के 6 महीने बाद दूसरा डोज लगाने की गड़बड़ी सामने आई हैं। मौत के बाद वैक्सीन के दूसरे डोज का प्रमाण-पत्र भी जारी हो गया। शासन द्वारा जारी किए प्रमाण-पत्र में वैक्सीन के दूसरा डोज लगाने की तारीख 25 दिसंबर बताई है। साथ ही प्रमाण-पत्र में टीका लगाने वाले व स्थान का भी नाम दर्शाया है।

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