हाइलाइट्स :
राज एक्सप्रेस। क्षेत्र में उड़द की फसल (Urad Crops) लगभग सभी जगह पीली पड़ने व रोग की चपेट में आने से नष्ट हो गई हैं। फसल को रोग के प्रकोप से बचाने के लिए किसानों ने कीटनाशक दवा छिड़की थी, लेकिन इसके बाद भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा। किसान मजबूर होकर फसल को हटाने का विकल्प चुन कर जानवरों को काटकर खिलाने के लिए मजबूर हैं।
किसानों का कहना :
किसानों का कहना है कि, उड़द की फसल पीली होने से उसमें फल नही लग सके जिससे वे मजबूर होकर फसल काटकर या खेतों में जानवर छोड़ रहे हैं। उड़द की फसल खराब होने को लेकर सरकारी अधिकारी या जनप्रतिनिधियों ने सुध नहीं ली। ऐसे में किसानों के ऊपर अगली फसल के लिए संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गत वर्ष उड़द की फसल बाजार में भाव तथा मुनाफा अच्छा मिलने से इस वर्ष सबसे अधिक उड़द की फसल बोई गई थी, लेकिन पीली पड़ने व रोग की चपेट में आने से उड़द के पौधों में फलियां ही नही लगी और खराब हो गई है।
किसानों ने मुआवजे की गुहार लगाई :
किसानों ने बताया कि, इस वर्ष लगाई गई पूंजी भी निकालना मुश्किल हो रहा है। किसानों ने उड़द की फसल को खराब होते हुए देख मुआवजे की गुहार लगाई है। सरकार हमारी फसल का सर्वे कराकर किसान हित की ओर ध्यान दें, ताकि अगली फसल की बुबाई हो सके। फसल पूरी तरह नष्ट होती जा रही है। सरकार द्वारा मुआवजा मिल जाए तो, उनको कुछ हद तक राहत मिल सके।
बारिश की चपेट में तिल की फसल :
वहीं गुरुवार की शाम से बारिश का जोरदार दौर शुरू होने से तिल की फसल को भी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि, बारिश रुकते ही धूप निकलने से तिल की फसल में लगे फल के वजन से झुक कर सूख जाएगी, जिससे किसानों की बची हुई फसल भी तबाह होने की संभावना है।
तहसीलदार का कहना :
नौगांव के तहसीलदार भानुप्रताप सिंह का कहना है कि, "अभी किसानों के माध्यम से इस प्रकार की कोई शिकायत नही आई है। अगर किसानों से शिकायत आती है और शासन से ऐसे कोई निर्देश आते हैं तो, किसानों की फसल का सर्वे कराया जाएगा।"
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