हाइलाइट्स :
तिलहन फसल सोयाबीन में पुनः अंकुरण होने का खतरा।
बारिश का मौसम 8 दिनों तक ऐसा ही रहा, तो किसानों के लिए नई आफत।
बारिश के कारण खेतों में जल जमाव।
बारिश होने की वजह से बाजार में नहीं बिकी चवला फली।
राज एक्सप्रेस। आने वाले दिनों में बारिश का मौसम लगातार 8 दिनों तक ऐसा ही बना रहा तो किसानों के लिए एक नई आफत खड़ी हो सकती हैं और मौसम के इन्हींं हालातों के चलते तिलहन फसल सोयाबीन में पुनः अंकुरण होने का खतरा है, जिन किसानों की सोयाबीन फसल पकने की स्थिति में है, उनके यहां ठोस दाना होते ही नमी में भी सूख जाएगा और पुनः अंकुरण होने लगेगा, जो सोयाबीन फसल खराब होने की प्राथमिक परिस्थिति है 20 प्रतिशत किसानों के यहां तिलहन फसल सोयाबीन के पौधों में फली पक कर तैयार है।
किसानों की नई आफत :
अगर बारिश का मौसम ऐसा ही बना रहा और समय रहते बारिश बंद नहीं हुई, तो किसानों के लिए एक नई आफत आ जाएगी। देवास जिले में बागली के एक वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी राजेश धारे द्वारा यह बताया गया कि, तिलहन फसल की निश्चितं समयावधि रहती है और उसके बाद यह पककर पुनः बीज बन जाती है। इसे लगातार नमी से कोई फर्क नहीं पड़ता, पकने के बाद इसमें अंकुरित बीज बन जातेे है और ऐसे में मानसून के मौसम में बारिश का खुलना बहुत ही जरूरी है।
पानी की वजह से नहीं बिक पाई चवला फली :
बारिश के चलते जिन किसानों के खेतों में जल जमाव है, वह जल निकासी का प्रबंध करें क्षेत्र में धीरे-धीरे कई किसानों के यहां अत्यधिक नमी के कारण इस प्रकार की स्थिति बनने लगी है। वैसे चवला फसल में यह स्थिति बन चुकी है, सब्जी उत्पादक लोगों ने चवला फली की फसल लगाई थी, लेकिन बारिश होने की वजह से बाजार में नहीं बेच पाए और अब यह फसल खराब होकर अंकुरित होने लगी है। सब्जी की तरफ मुकेश बागबान ने बताया कि, 2 बीघा हाइब्रिड चवला फसल लगाई पानी की वजह से बेच नहीं पाए और अब फलियों में अंकुरण होने लगा है।
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