छतरपुर: कर्ज माफी की आस लगाए बैठे किसानों को बैंक थमाने लगे नोटिस

छतरपुर, मध्यप्रदेश: सरकार का कहाँ गया वादा? किसानों के खातों में नहीं पहुंची कांग्रेस ने किसानों को ‘कर्ज माफी’ का सपना दिखाया और सरकार बनते ही 10 दिनों में कर्ज माफ करने की घोषणा की थी।
कर्ज माफी की आस लगाए बैठे किसानों को बैंक थमाने लगे नोटिस
कर्ज माफी की आस लगाए बैठे किसानों को बैंक थमाने लगे नोटिसPankaj Yadav

राज एक्सप्रेस। सत्ता में आने के लिए छटपटा रही कांग्रेस ने किसानों को 'कर्ज माफी' का सपना दिखाया और कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनते ही 10 दिनों में कर्ज माफ करने की घोषणा की। यदि कर्ज माफ न हुआ तो मुख्यमंत्री को बदलने की भी घोषणा की थी। आज भी किसान कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं। यह बात अलग है कि मुख्यमंत्री को बदलने की बात कहने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बदल गए। कर्जदार किसानों को बैंकों के नोटिस आ रहे हैं।

सरकार का कहाँ गया वादा? किसानों के खातों में नहीं पहुंची राशि :

प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने पर किसानों की कर्ज माफी की घोषणा हो गई थी और फरवरी से किसानों के खातों में राशि भेजे जाने के लिए सरकार ने जगह-जगह दीवार लेखन कराया था लेकिन शायद ही 20 से 25 फीसदी किसानों को कर्जमाफी का लाभ मिल सका हो। हजारों ऐसे किसान हैं जो कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं। पैसे की तंगी से जूझ रहे किसान खातों में राशि जमा नहीं करा सके। परिणामस्वरूप बैंकों द्वारा किसानों को ऋण चुकाने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं।

बैंक के नोटिस आने से बढ़ गई किसानों की चिंता

बैंक का कहना है कि, आपने ऋण लिया था इसलिए उसको समय पर चुकायें और योजना का लाभ लें, क्योंकि कर्ज-कर्ज है कोई दान नहीं है। बैंक के नोटिस आने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। एक ओर पर्याप्त बारिश न होने के कारण खरीफ की फसल में संकट के बादल मंडरा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बैंकों के नोटिस किसानों की धड़कनों को बढ़ाने में लगे हैं।

बैंक से संपर्क करने वाले नोटिस

मध्यांचल ग्रामीण बैंक की छतरपुर शाखा के केसीसी खातेदार दुलीचन्द्र अहिरवार निवासी कतरवारा ने बताया कि, बैंक से उसे 20 अगस्त को नोटिस आया था जिसमें कहा गया था कि बैंक से 14 हजार रूपए ऋण लिया गया है जिसकी किश्त नहीं चुकाई गई। समय पर ऋण को ब्याज के साथ चुकायें और शासन द्वारा दी जा रही, ब्याज सहायता का लाभ लें। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए नोटिस मिलते ही राशि चुकाने के लिए कहा गया है। हालांकि नोटिस मिलने वाले किसानों की संख्या हजारों में है। मीडिया तक चंद नोटिस ही आ सके हैं।

झूठी साबित हो रही मुख्यमंत्री की किसानों के नाम की पाती

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों के नाम एक पाती जारी की थी जिसमें उन्होंने अपनी सरकार को वचन की पक्की सरकार बताते हुए 10 दिन में ऋण माफी की घोषणा का उल्लेख किया है। मुख्यमंत्री का दावा है कि, 20 लाख किसानों के लोन आचार संहिता के पहले माफ किए गए हैं। पहले चरण में 50 हजार रूपए चालू खाता तथा दो लाख रूपए डिफाल्टर लोन माफ किए गए।

जिस तरह से किसानों को बैंकों से नोटिस मिल रहे हैं उसको देखकर कमलनाथ की किसान भाईयों को जारी की गई पाती झूठी साबित हो रही है। किसानों का कहना है कि सिर्फ वोट हासिल करने के लिए कांग्रेस ने लोक लुभावन वादे कर दिए थे और अब ऋण माफ किए जाने के बजाय नोटिस दिलवा रहे हैं। कलेक्टर का कहना-नोटिस के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। किस पीरियड में नोटिस जारी हुए हैं। मैंने मध्यांचल ग्रामीण बैंक से जानकारी मंगाई है। जानकारी आने के बाद ही कुछ बता सकूंगा।

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