दिग्विजय सिंह ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
दिग्विजय सिंह ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्रSyed Dabeer Hussain - RE

फसल जलने से पीड़ित किसानों को मंडी में चल रही कीमत पर मुआवजा दिया जाए : दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि होशंगाबाद जिले के बाबई कस्बे में 04 अप्रैल को आप एक सभा संबोधित कर रहे थे, उसी समय सभा स्थल से 20 किमी दूर हुए एक अग्निकांड में कई किसान बरबाद हो गए।

भोपाल, मध्यप्रदेश। विगत 04 अप्रैल को होशंगाबाद जिले के बाबई से 20 किलोमीटर दूर अग्निकांड में फसलों के जलने से बरबाद हुए किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने और समय पर दमकल न भेजने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है।

श्री सिंह ने पत्र में लिखा है कि होशंगाबाद जिले के बाबई कस्बे में 04 अप्रैल को आप एक सभा संबोधित कर रहे थे, उसी समय सभा स्थल से 20 किमी दूर हुए एक अग्निकांड में कई किसान बरबाद हो गए। अज्ञात कारणों से लगी आग से गेंहू की करीब एक हजार एकड़ में लगी फसल जलकर राख हो गईं। इस आकस्मिक आपदा ने आपके प्रशासन की संवेदनशीलता की कलई खोल दी है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को पीड़ित किसानों द्वारा फायर ब्रिगेड वाहन भेजने की अपील की गई। लेकिन असंवेदनशील प्रशासन किसानों के दर्द से बेखबर आपकी सभा की रक्षा में लगा रहा। होशंगाबाद जिला प्रशासन का ग्राम शुक्करवाडा, गुडला, तमचरू, चीलाचोन, कडईया और खरगावली के किसानों के प्रति बरता गया यह व्यवहार अमानवीयता की पराकाष्ठा है। सैकड़ों क्विंटल गेंहूं की फसल जल गई है। कई किसानों के पास अब खाने के लिए भी गेहूं नहीं बचेगा। खेतों में खड़े हार्वेस्टर और ट्रैक्टर भी जल गए हैं। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि किसानों को प्रति एकड़ औसत पैदावार के हिसाब से मंडी में चल रही गेहूं की कीमत पर पूरा मुआवजा दिया जाए। किसानों के कीमती उपकरण, घर अथवा झोपड़ी तथा कीमती सामान के जलने पर उसका भी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के साथ-साथ सम्पूर्ण क्षतिपूर्ति की जाए।

श्री सिंह ने कहा कि अग्निकांड स्थल इतना करीब होने के बाद भी न तो आपको इस हादसे की जानकारी दी न ही दमकलें आग बुझाने के लिए भेजीं। आग से पीड़ित किसानों के प्रति यह रवैया बहुत हृदयविदारक है। इस मामले में जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच होना चाहिए। किसान जलती फसल को बचाने के लिए चीखते-चिल्लाते रहे पर जवाबदेह अधिकारियों ने दमकलों को भेजना उचित नहीं समझा। श्री सिंह नेे निवेदन किया है कि किसानों की जली हुई फसल का 10 दिन के भीतर मुआवजा दिलाया जाए और अधिकारियों के किसानों के प्रति बरते गए असंवेदनशील रवैये की उच्च स्तर से जांच कराते हुए कार्रवाई की जाए।

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