हरदा: प्रबंधक पर एफआईआर, करोड़ों के फर्जी बिलों का बड़ा घोटाला उजागर

हरदा, मध्य प्रदेश: प्रबंधक पर एफआईआर होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि डेढ करोड़ के फर्जी बिलों में कौन-कौन के नाम शामिल हैं?
प्रबंधक पर एफआईआर, करोड़ो के फर्जी बिलों का बड़ा घोटाला उजागर
प्रबंधक पर एफआईआर, करोड़ो के फर्जी बिलों का बड़ा घोटाला उजागरRaj Express

हरदा, मध्य प्रदेश। हरदा जिले में चना उपार्जन में फर्जी बिलों का बड़ा घोटाला उजागर हुआ, सहायक आयुक्त ने प्रबंधक पर तो कार्यवाही कर दी है, लेकिन प्रारंभिक जाँच में 2804 क्विंटल के जो फर्जी बिल बने हैं, वे किन किन लोगों के नाम से बने हैं? यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है, इसकी जाँच बहुत जरूरी है। कई नामचिन लोग के नाम इन फर्जी बिलों की फैहरिस्त में आ सकते हैं।

सहकारिता सहायक आयुक्त द्वारा सेवा सहकारी समिति चौकड़ी के प्रबंधक को टर्मिनेट कर एफआईआर करने तथा संस्था को ब्लैक लिस्टैड करने के बाद भविष्य में उपार्जन करने के रास्ते भले ही पूरी तरह बंद हो गये हो, लेकिन प्रबंधक पर गबन की एफआईआर होने के बाद सेवा सहकारी समिति द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक खुल रहीं है। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि 2804 क्विंटल के संस्था द्वारा जो फर्जी बिल गबन की मंशा से बनाये गये है, वे किन किन के नाम से बनाये गये है, क्योंकि पहली जाँच में एफआईआर के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि संस्था 2804 क्विंटल के फर्जी बिल तैयार किये गये हैं। अब जिस नाम से संस्था द्वारा फर्जी बिल तैयार किये गऐ है, उनकी जाँच भी जरूरी हो गई है। लगभग डेढ़ करोड़ के फर्जी बिलों की फैहरिस्त में आखिर किस किस के नाम हैं, और क्या ये नाम भी फर्जी या डमी है, क्या ये किसान नहीं है ? ये सारे सवाल अब उठ रहे हैं। इसीलिए जाँच का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। संस्था प्रबंधक पर भले ही एफआईआर हो गई हो लेकिन एक करोड़ से अधिक इस फर्जीवाड़े में आखिर कौन-कौन शामिल है, यह जाँच का विषय है। क्योंकि चना उपार्जन में इसी संस्था द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा घोटाला है। संस्था प्रबंधक की इतनी मजाल नहीं कि वह अकेले दम पर, निडर होकर इतने बड़े घोटाले को अंजाम दे सके। सवाल उन लोगों पर भी उठ रहे हैं, जिन्हे उपार्जन के समय निरीक्षण और पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

एफआईआर के बाद फरार समिति प्रबंधक :

छीपाबड़ पुलिस द्वारा फरियादी ललित सकवार सहायक निरीक्षक सेवा सहकारी समिति मर्यादित हरदा के आवदेन पर नाम आरोपी दिनेश बघेल द्वारा चना उपार्जन केन्द्र चौकड़ी के संबंध में दिनेश बघेल द्वारा चना उपार्जन में की गई अनियमित्ताओं के चलते थाना छीपाबड़ अपराध क्रमांक 276/20 धारा 420, 406 भादवी का कायम किया जाकर विवेचना में लिया गया।

8 दिन की जाँच का दायरा बढ़कर हुआ 16 दिन :

चौकड़ी सेवा सहकारी समिति चना उपार्जन में हुई अनियमित्ताओं और घोटाले का मामला इतना बड़ा है कि आठ दिन की जाँच 16 दिन में तबदील हो गई है। महाप्रबंधक होशंगाबाद द्वारा नोडल अधिकारी सतीश सिटोके को जाँच अधिकारी बनाकर 5 सदस्यीय टीम के साथ 8 दिन में जाँच प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे। 22 जून को महाप्रबंधक द्वारा जाँच के आदेश जारी किए गए थे, इस जाँच दल में आर.के. पारे सहायक निरीक्षक सहकारिता, रमेश भारद्वाज, ललीत सकवाल एवं जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक अनील शर्मा को शामिल किया गया है। 22 जून से प्रारंभ की गई जाँच अभी तक पूरी नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि जाँच का दायरा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। एक के बाद एक समिति के कारनामे उजागर हो रहे है।

इनका कहना है :

सेवा सहकारी समिति चौकड़ी की जाँच करके आठ दिवस के अंदर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश महाप्रबंधक द्वारा दिए गए थे, लेकिन जाँच का आकार बड़ता जा रहा है, अभी जाँच जारी है, लगभग आठ दिन और लगेंगे। जाँच प्रतिवेदन महाप्रबंधक को प्रस्तुत किया जाएगा।

सतीश सिटोके, नोडल एवं जाँच अधिकारी

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