ग्वालियर : आखिर पूर्व गृह मंत्री महेन्द्र बौद्ध ने थामा हाथी का साथ

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : भाण्डेर से महेन्द्र बौद्ध टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। मंगलवार को उन्होंने बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
महेन्द्र बौद्ध ने थामा हाथी का साथ
महेन्द्र बौद्ध ने थामा हाथी का साथSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। चुनाव के समय टिकट न मिलने से हर दल के नेता दूसरे दल का सहारा लेते है। यही कारण है कि प्रदेश में 28 सीटों पर उप चुनाव होना है और कांग्रेस ने एक सूची जारी कर दी है, लेकिन उस सूची में जिसके नाम शामिल नहीं है उसमें से कुछ लोगों ने दूसरे दल का साथ लेना शुरू कर दिया है। भाण्डेर से पूर्व गृह मंत्री एवं दिग्विजय सिंह समर्थक महेन्द्र बौद्ध टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। मंगलवार को उन्होंने बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

भाण्डेर से कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है जबकि वहां से पूर्व गृह मंत्री महेन्द्र बौद्ध भी टिकट के दावेदार थे। बौद्ध काफी समय से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उस समय सिंधिया की अंचल में चलती थी जिसके कारण बौद्ध को टिकट नहीं मिल सका था। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद बौद्ध को आस थी कि अब उनकी राह में कोई रोड़ा नहीं बनेगा, लेकिन बरैया ने कांग्रेस में आकर उनके रास्ते को बंद कर दिया था। पहली सूची में फूल सिंह बरैया को कांग्रेस ने भाण्डेर से टिकट दिया है। बरैया को अनुसूचित जाति वर्ग में बड़ा चेहरा माना जाता है जिसका लाभ कांग्रेस को उप चुनाव में मिल सकता है यही कारण है कि उनको भाण्डेर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। बरैया का टिकट होने के बाद से बौद्ध नाराज हो गए थे और पहले कांग्रेस के सभी पदो से इस्तीफा दे दिया था। जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ग्वालियर आए तो बौद्ध भी उनसे मिलने आए थे कमलनाथ से उनकी बात भी हुई थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा था कि बात हुई है अब विचार करने के बाद आगे का निर्णय लूंगा। मंगलवार को महेन्द्र बौैद्ध ने कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजकुमार कुशवाहा ने भी मंगलावर को भाजपा को दामन थाम लिया है। कुशवाहा मेहगांव क्षेत्र के रहने वाले हैं।

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