शहडोल : आदिवासी संभाग में मुफ्त जांच बंद, स्वास्थ्य मंत्री पर टिकी निगाहें

शहडोल, मध्य प्रदेश : शहडोल जिला चिकित्सालय में बीते दिनों अब तक मुफ्त में हो रही जांचों पर शुल्क लगाने के तुगलकी फरमान को रद्द करने की आस जिले के वाशिंदे स्वास्थ्य मंत्री से लगाये बैठे हैं।
आदिवासी संभाग में मुफ्त जांच बंद
आदिवासी संभाग में मुफ्त जांच बंदRaj Express

हाइलाइट्स :

  • मरीजों का दबाव कम करने के लिए जारी हुए तुगलकी फरमान।

  • संभाग के उमरिया-अनूपपुर में आज भी हो रही मुफ्त जांचे।

  • स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी पर टिकी संभागवासियों की निगाहें।

  • व्यवस्था को दुरूस्त करने के फेर में अब कटेगी सबकी जेब।

शहडोल, मध्य प्रदेश। आज स्वास्थ्य मंत्री शहडोल दौरे पर हैं, बीते सप्ताह भर से नवजात बच्चों की असमय मौत के मामले सहित अन्य बिन्दुओं पर अधिकारियों की बैठक लेंगे, इस दौरान शहडोल जिला चिकित्सालय में बीते दिनों अब तक मुफ्त में हो रही जांचों पर शुल्क लगाने के तुगलकी फरमान को रद्द करने की आस जिले के वाशिंदे स्वास्थ्य मंत्री से लगाये बैठे हैं। गौरतलब है कि अनूपपुर और उमरिया में आज भी नि:शुल्क जांचे हो रही हैं।

नवजात बच्चों की असमय मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण सुर्खियों में आये शहडोल के कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में निरीक्षण के लिए आज स्वास्थ्य मंत्री यहां पहुंच रहे हैं, जिले के वाशिंदो ने इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री से रोगी कल्याण समिति के द्वारा जांचों को लेकर लगाये गये शुल्क के मामले को भी संज्ञान में लेने की अपील की है। ज्ञात हो कि संभवत: शहडोल बच्चों की मौत के अलावा प्रदेश का अकेला आदिवासी बाहुल्य जिला है, जहां सरकारी अस्पताल में अब जांचों के लिए भी शुल्क देना पड़ेगा। जबकि इसी संभाग के अनूपपुर व उमरिया जिले में अभी भी शिवराज सरकार की मंशा के अनुरूप मुफ्त जांचे हो रही हैं।

तो फिर क्यों आयें सरकारी अस्पताल :

शासकीय चिकित्सालयों में जो मरीज इलाज कराने आते हैं, उनमें 80 से 90 प्रतिशत आदिवासी समाज के साथ ही गरीबी रेखा या उसके नीचे जीवनयापन करने वाले लोग ही रहते हैं। प्रदेश सरकार ने संभवत: इनके लिए ही मुफ्त जांच की व्यवस्था की थी, शेष 10 से 20 प्रतिशत लोग ही ऐसे थे, जो मध्यम या निम्न वर्ग के हैं तथा आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण यहां दिन भर का समय व्यतीत कर देते थे। रोगी कल्याण समिति के द्वारा इस छोटे से वर्ग को निशाने में रखकर जांचों का शुल्क तय कर दिया गया, यह बात भी गौर करने योग्य है कि दुर्घटना या अन्य आकस्मिक बीमारी के समय वे अपना कार्ड जल्दबाजी में कम ही यहां ला पाते हैं, ऐसी स्थिति में उन्हें भी शुल्क अदा करना पड़ेगा। यदि घंटो इंतजार के बाद शुल्क देना पड़े तो, सरकारी अस्पताल की उपयोगिता पर ही सवाल खड़े हो जाते हैं।

यह दरें हुई हैं निर्धारित :

जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी का चार्ज एपीएल के व्यक्तियो से 500 रूपये, एक्स-रे का चार्ज 200 रूपये तथा पैथालॉजी का चार्ज बाजार दर से 25 प्रतिषत कम लिये जाने का निर्णय लिया गया। इसी तरह प्राईवेट वार्ड का सामान्य कक्ष का किराया 400 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये, एसी का 1000 से बढ़ाकर 1100 रूपये, डायलिसिस का एपीएल के व्यक्तियों से 500 की जगह 800 रूपये लिये जाने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया।

स्वास्थ्य मंत्री का यह है कार्यक्रम :

मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी 8 दिसम्बर को जिले के प्रवास पर रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री 7 दिसम्बर को दोपहर 03:30 बजे भोपाल से प्रस्थान कर रात्रि 12:25 बजे शहडोल पहुंचकर उच्च विश्राम गृह में रात्रि विश्राम करेंगे एवं 08 दिसम्बर को प्रात: 9.45 बजे जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री प्रात: 10:45 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभागार में बैठक में भाग लेंगे। दोपहर 12 बजे संभागीय समीक्षा बैठक लेकर कोविड-19 एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। दोहपर 02:10 बजे शहडोल से जिला अनूपपुर की ओर प्रस्थान करेंगे तथा अनूपपुर पहुंचकर दोहपर 03 बजे जिला चिकित्सालय अनूपपुर का निरीक्षण करेंगे एवं अपरान्ह 04 बजे जिला उमरिया के लिए प्रस्थान करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री शाम 05 बजे जिला उमरिया पहुंचकर जिला चिकित्सालय उमरिया का निरीक्षण करेंगे तथा सायं 06 बजे उमरिया से कटनी हेतु प्रस्थान करेंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co