Gwalior Angipath Protest Update : रेलवे ट्रैक पर टायर जलाकर रोकी ट्रेन, शहर में भारी तोड़फोड़

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : पकड़े जाने के डर से लोगों के घर में घुसे, पुलिस ने खदेड़े। कलेक्टर, एसएसपी सहित पुलिस और प्रशासन ने संभाला मोर्चा।
Gwalior Angipath Protest Update
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए गोला का मंदिर पर चक्कााजाम कर बीच सड़क पर टायर फूंके। रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की और ट्रैक पर कुर्सियां फेंक दी और टायरों में आग लगा दी। ऐसे में यात्रियों को स्टेशन से अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। हालात इतने काबू से बाहर हो गए कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठियां मारी, कुछ युवकों को हिरासत में भी ले लिया। कलेक्टर, एसएसपी सहित पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने सड़क पर उतरकर स्थिति को काबू में किया।

पुलिस के इंटेलिजेंस फेलियर का नजारा उस समय देखने को मिला जब हजारों की संख्या में युवाओं का हुजूम गोले का मंदिर चौराहे पर पहुंच गया और उसने हंगामा शुरू कर दिया। शुरुआत में कुछ लड़के पहुंचे उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और टायरों में आग लगा दी। जब तक पुलिस कुछ समझ पाती तब तक हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकठ्ठा हो गए और हंगामा करने लगे।

Gwalior Angipath Protest Update
अग्‍न‍िपथ का विरोध हिंसक, पुलिस ने उपद्रवियों पर दागे आंसू गैस के गोले

पुलिस के पहुंचते ही और उग्र हो गए उपद्रवी :

सूचना पर पुलिस फोर्स गोले का मंदिर चौराहे पहुंचा और समझाने की कोशिश की तो माहौल और खराब हो गया। प्रदर्शनकारी यहां वहां भागने लगे। चौराहे से बिरलानगर रेलवे स्टेशन की तरफ प्रदर्शनकारी भाग गए , यहां स्टेशन के बेंच और डस्टबिन आदि को उखाड़कर रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया। यहां खड़ी एक ट्रेन पर पत्थर फेंके। रेलवे स्टेशन के ऑफिसों को तोड़फोड़ दिया।

कारों से शीशे तोड़े, पुलिस ने आंसूगैस छोड़ी :

जब पुलिस बिरलानगर स्टेशन पहुंची तो प्रदर्शनकारी मेन रेलवे स्टेशन की तरफ भागे, भागते हुए तानसेन रोड, पड़ाव क्षेत्र में इन लोगों ने पत्थरबाजी की, सड़क पर खड़ी 40-50 कारों के शीशे तोड़ दिए। इतने में भारी संख्या में पुलिस फोर्स ने भीड़ को चारों तरफ से कवर किया, इन पर आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस के गुस्से को देखकर कुछ प्रदर्शनकारी लोगों के घरों में घुस गए जिन्हें पुलिस ने खींचकर बाहर निकाला और लाठियां मारते हुए हिरासत में ले लिया। इस घटनाक्रम में 2 पत्रकार समेत 10 लोग घायल हुए हैं।

कलेक्टर व एसएसपी उतरे मैदान में :

सुबह अचानक कोचिंग सेंटरों से निकलकर कुछ युवाओं ने गोला का मंदिर, बिरलानगर रेलवे स्टेशन और मुख्य रेलवे स्टेशन पर उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अमित सांघी मौके पर पहुंचे और युवाओं से चर्चा कर स्थिति को नियंत्रण में किया। भ्रमित युवाओं ने गोला का मंदिर के साथ ही दोनों रेलवे स्टेशनों पर भी उग्र प्रदर्शन करने का प्रयास किया। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को पूर्णत: नियंत्रण में कर लिया गया है। बाद में कोचिंग सेंटरों के संचालकों की बैठक भी बुलाई गई है। जिसमें संचालकों का भ्रम दूर किया गया और उन्हें छात्रों को समझाइश देने के लिए कहा गया। कलेक्टर एसपी के साथ निगम आयुक्त ने भी युवाओं को समझाइश दी।

युवाओं में था भारी आक्रोश :

युवाओं का कहना है कि वह पिछले दो साल से मैदान में पसीना बहा रहे हैं और अब कहा जा रहा है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की जाएगी, यह सरासर अन्याय है। ये आंदोलन की केवल शुरुआत है, यदि आदेश में बदलाव नहीं किया गया तो आंदोलन विकराल रूप धारण करेगा।

दुकानों के शटरबंद कर अंदर हो गए व्यापारी :

गुरुवार को हंगामा होते ही लोग दहशत में आ गए । पूरा स्टेशन बजरिया, गोला का मंदिर, मुरार बाजार बंद कर व्यापारी दुकान के अंदर ही खुद को बंद कर बैठे गए, क्योंकि लोगों को वर्ष-2014 में हुए सेना भर्ती उपद्रव का सीन याद आ गया। तब ग्वालियर के मेला ग्राउंड में सेना भर्ती के दौरान हुए विवाद के बाद करीब 25 से ज्यादा गाड़ियां जला दी गईं थी। एक करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति की तोड़फोड़ की गई थी।

क्या है अग्निपथ स्कीम ?

अग्निपथ स्कीम आर्म्ड फोर्सेज के लिए एक देशव्यापी शॉर्ट-टर्म यूथ रिक्रूटमेंट स्कीम है, जिसके तहत ट्रेनिंग सहित युवाओं का चार साल तक सेवा करने का मौका मिलेगा। इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। अग्निवीरों की तैनाती रेगिस्तान, पहाड़, जमीन, समुद्र या हवा, समेत विभिन्न जगहों पर होगी।

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क्या है 'अग्निपथ स्कीम'? भारतीय सेना में क्यों हुई इसकी शुरुआत?

इंटरसिटी सहित 4 ट्रेनों के शीशे तोड़े :

यार्ड में खड़ी इंटरसिटी ट्रेन पर पत्थर फैंककर शीशे तोड़े गए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर युवाओं को खदेड़ा। रिजर्व फोर्स के आने के बाद हालात संभले। कई ट्रेनों को आगरा और झांसी पर रोक दिया गया है। कई ट्रेनें चार से पांच घंटे लेट होंगी। घटना के कारण दिल्ली से भोपाल और भोपाल से दिल्ली की और जाने वाली लगभग एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई। दिल्ली से भोपाल की और जाने वाली कुछ ट्रेनों को आगरा पर रोका गया, वहीं, भोपाल से दिल्ली की और जाने वाली ट्रेनों को झांसी स्टेशन पर ही खड़ा कर दिया गया। करीब एक दर्जन ट्रेनें ढाई घंटे तक आगरा, झांसी के बीच विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी रहीं। इस वजह से स्वर्णजयंती, झेलम, पंजाबमेल, संपर्कक्रांति आदि ट्रेनें प्रभावित हुई। दिल्ली जाने वाली स्वर्ण जयंती 1 बजकर 20 मिनट पर ग्वालियर आई थी, लेकिन हंगामा और तोड़फोड़ की वजह से उसे 3 बजकर 50 मिनट पर ग्वालियर से रवाना किया गया। रेलवे ने ट्विटर के माध्यम से ट्रेनों के बदले हुए टाइम की जनता को जानकारी दी। उपद्रव के दौरान रेलवे स्टेशन के स्टॉल बंद हो गए। यात्री जान बचाकर भाग गए।

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