ग्वालियर, मध्य प्रदेश। शहर में यातायात के हालात बेहद खराब है। पुलिस ने यातायात व्यवस्था को दुरुस्थ करने के लिए कई प्रयोग किए पर उन प्रयोगों ने हालात को और खराब कर दिया है। इसका नजारा सनातन धर्म मंदिर के आगे लगाएं गए बैरीकेट्स से दिखने लगा है। जब से यहां बैरीकेट्स लगाएं गए हैं तब से चौराहा जाम के नाम से जाना जाने लगा है। नया बाजार के हालात बेहद खराब हैं। यहां दिन दहाड़े लोडिंग-अनलोडिंग तो हो ही रही है, वहीं दुकानदार अपने सामान को बीच सड़क तक पसार कर यातायात में बाधा बन रहे हैं। इन हालात में यहां दिन भर वाहन फंसते रहते हैं।
नया बाजार जेएएच के नजदीक है, ऐसे में गंभीर मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस भी यहां फंस जाती है जिससे मरीज की जान पर बन आती है। यह स्थिति तब है, जबकि इस बाजार के दोनों ओर पुलिस चौकियां बनी हुई हैं।
नया बाजार कपड़ों का बड़ा थोक बाजार है, इसके चलते दूरदराज से भी व्यापारी यहां पहुंचते हैं, लेकिन इन्हें नियत स्थान पर पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, क्योंकि जाम के कारण पैदल चलने के लिए भी मार्ग शेष नहीं रहता। भारी वाहनों का बाजार में प्रवेश और माल की लोडिंग-अनलोडिंग दिन के वक्त नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है, यहीं से बाजार में यातायात के हालात बिगड़ने शुरु होते हैं, इनके कारण आधा मार्ग घिर जाता है, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को रेंग-रेंग कर आगे बढ़ना पड़ता है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि यातायात पुलिस यहां कोई कार्रवाई नहीं करती।
रोड तक रखते हैं सामान :
यहां यातायात में मुख्य बाधा स्थानीय व्यवसायी हैं, जो दुकान के सामान को रोड तक पसार कर रखते हैं, इससे सड़क तो घिर ही जाती है, बल्कि दुकानों तक पहुंचने का मार्ग भी अवरुद्ध हो जाता है, कमोवेश यहां यातायात जाम होने का यह भी एक बड़ा कारण है, लेकिन फुटपाथी दुकानदारों का सामान समेट ले जाने वाला नगर निगम का मदाखलत अमला यहां झांकने तक नहीं पहुंचता।
सड़क पर होते हैं वाहन पार्क :
स्थानीय व्यापारी अपने चार पहिया और दो पहिया वाहन भी सड़क किनारे ही पार्क करते हैं, वहीं खरीदार और बाहर से आने वाले व्यापारियों के वाहन भी बीच सड़क तक पार्क हो जाते हैं, ऐसे में यह साठ फुट का मार्ग महज तीन से चार फुट का रह जाता है। इतने बड़े बाजार में वाहन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
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