घटना को 15 दिन बीते, लेकिन शुरू नहीं हुई हाईड्रोलिक प्लेटफार्म की जांच

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : महाराज बाड़े पर नगर निगम के हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के पलटने की घटना में तीन निगम कर्मचारियों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच 15 दिन बीतने के पश्चात भी जांच शुरू नहीं हो सकी है।
घटना को 15 दिन बीते, लेकिन शुरू नहीं हुई हाईड्रोलिक प्लेटफार्म की जांच
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हाइलाइट्स :

  • मुख्यमंत्री ने घटना होने के साथ ही दिए थे जांच के आदेश

  • ऊर्जा मंत्री एवं प्रभारी मंत्री भी जल्द जांच करने की दे चुके हैं हिदायत

  • हाईड्रोलिक फ्लेटफार्म पलटने से हुई थी तीन कर्मचारियों की मौत

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। महाराज बाड़े पर नगर निगम के हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के पलटने की घटना में तीन निगम कर्मचारियों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच करने के आदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए थे। लेकिन 15 दिन बीतने के पश्चात भी जांच शुरू नहीं हो सकी है। हद तो यह है कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट भी जल्द जांच करने की हिदायत दे चुके हैं इसके बावजूद अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब तक हाईड्रोलिक प्लेटफार्म की फाईल तक खोल के नहीं देखी गई है। इससे समझ में आ रहा है कि जांच को लेकर अधिकारी कितने गंभीर हैं।

नगर निगम के फायर बिग्रेड बेडे में शामिल हाइड्रोलिक प्लेटफार्म शनिवार 14 अगस्त को महाराज बाड़े पर पलट गया था। इस घटना में में नगर निगम के तीन कर्मचारी फायरमेन कुलदीप दंडौतिया, प्रदीप राजौरिया एवं चौकीदार विनोद शर्मा की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद मृत कर्मचारियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया था और मामले की जांच के आदेश दिए। घटना के दौरान मौके पर पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट एवं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी जल्द से जल्द जांच करने की हिदायत दी। लेकिन 15 दिन बाद भी जांच शुरू नहीं हो सकी है। घटना के तत्काल बाद कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जांच के निर्देश तत्कालीन अपर कलेक्टर एवं वर्तमान प्रभारी निगमायुक्त आशीष तिवारी को दिए थे। प्रभारी निगमायुक्त काम की अधिकता के चलते जांच शुरू नहीं कर सके। वहीं 25 अगस्त को ग्वालियर प्रवास पर रहे प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट ने इस मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ किशोर कन्याल को सौंपने के निर्देश दिए थे। जांच अधिकारी बदलने के बावजूद अब तक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की फाईल तक खोलकर नहीं देखी गई है।

जानबूझकर कर रहे हैं जांच में देरी :

इस मामले में कर्मचारी संगठनों ने हाईड्रोलिक प्लेटफार्म के घटिया होने के आरोप लगाए थे। कर्मचारियों का कहना था कि सवा दो करोड़ के हाईड्रोलिक प्लेटफार्म को 4 करोड़ 92 लाख में खरीदा गया है। इस मामले में जमकर घपला किया गया है और इसमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। यही वजह है कि जांच में देरी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार हाईड्रोलिक प्लेटफार्म बनाने वाली गुड़गांव की लिफ्टमेक कंपनी ने भी जांच को प्रभावित करने का का प्रयास शुरू कर दिए हैं। कंपनी के अधिकारी निगम अधिकारियों से संपर्क में हैं और हर पल की जानकारी ले रहे हैं।

कर्मचारी संगठनों ने लगाए यह आरोप :

  • स्वयं सेवक अधिकारी कर्मचारी संघ सहित अन्य कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया है कि हाईड्रोलिक प्लेटफार्म गुणवत्ताहीन है।

  • हाईड्रोलिक प्लेटफार्म की खरीददारी में दो करोड़ से अधिक का बंदरवाट किया गया है।

  • फायर बिग्रेड के कर्मचारियों को हाईड्रोलिक मशीन के संचालन की काम चलाई ट्रेनिंग दी गई है। कर्मचारियों को भोपाल भेजकर ट्रेनिक दी जानी थी और इसका सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाता। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।

  • फायर बिग्रेड के जिन दो कर्मचारी कुलदीप दंडौतिया एवं प्रदीप राजौरिया की मौत हुयी है उन्हें हाईड्रोलिक प्लेटफार्म की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी।

इनका कहना है :

इस मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ को सौंपी गई है। अगर आदेश जारी नहीं हुए हैं तो मैं कलेक्टर को बोलता हूं। जल्द ही आदेश जारी कर दिए जायेंगे।

आशीष सक्सैना, निगम प्रशासक एवं संभागायुक्त

इस मामले में अब तक मुझे लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। आदेश मिलते ही मैं जांच शुरू कर दूंगा।

किशोर कान्याल, सीईओ, जिला पंचायत

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