दवा और धुंआ छोड़ अब अमले को सर्द मौसम का इंतजार
दवा और धुंआ छोड़ अब अमले को सर्द मौसम का इंतजारRaj Express

Gwalior : दवा और धुंआ छोड़ अब अमले को सर्द मौसम का इंतजार

ग्वालियर : शुक्रवार को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग में डेंगू के 56 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है। इमसें 18 को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। 18 मरीजों में 9 ग्वालियर के हैं।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हर रोज थोक की संख्या में मरीज डेंगू संक्रमित पाए जा रहे हैं। शुक्रवार को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग में डेंगू के 56 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है। इमसें 18 को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। 18 मरीजों में 9 ग्वालियर के हैं। बाकि आसपास के जिलों के हैं। अब अमले को इंतजार है तो बस सर्दी बढऩे का, क्योंकि सर्दी के मौसम में डेंगू का मच्छर खत्म हो जाता है।

संक्रमितों के आंकड़े को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि ग्वालियर जिले में किस हद तक डेंगू का प्रकोप फेल चुका है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सारे दावे फेल हो गए, मलेरिया विभाग के अधिकारी डेंगू स्थिति गत वर्ष की तरह ही रहने की बात कह रहे थे, लेकिन सितंबर धीरे-धीरे डेंगू का संक्रमण शुरू हुआ तो और इस सीजन में अभी तक कुल 1700 के करीब मरीज डेंगू की चपेट में आ चुके हैं और चार मरीजों की इससे जान भी जा चुकी है।

मलेरिया, निगम की टीम में तालमेल की कमी :

डेंगू का प्रकोप इस वर्ष अधिक रहने की मुख्य वजह डेंगू व मलेरिया विभाग में तालमेल की कमी रही है। मलेरिया विभाग ने कागजी सर्वे किया तो दूसरी ओर निगम की टीम ने शहर में डेंगू का प्रकोप शुरू होने पर फॉगिंग नहीं कि, जिसकी वजह से डेंगू के केस लगातार बढ़ते गए हैं और आज यह स्थिति हो गई हैं कि शहर का ऐसी कोई कॉलोनी या फिर क्षेत्र नहीं है जहां से डेंगू पॉजिटिव नहीं निकले हैं इसी की वजह से डेंगू के पिछले सारे रिकार्ड टूट चुके हैं इससे पहले वर्ष 2018 में डेंगू के अधिक केस निकले थे।

पिछले वर्ष इस तरह किया था काम :

तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शहर में डेंगू को विकराल रूप धारण नहीं करने दिया था। इसके पीछे का सिर्फ एक ही कारण था। वह थी स्वयं के द्वारा मॉनीटरिंग। अनुराग चौधरी ने प्रत्येक वार्ड के लिए टीमों का गठन किया था। टीम में एक प्रशासनिक अधिकारी रखा गया था, जो मलेरिया विभाग और नगर निगम के अमले पर नजर रखता था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। विभाग के कर्मचारी अपने-अपने हिसाब से काम कर रहे हैं।

डेंगू की पिछले कुछ वर्षों की स्थिति :

  • 2015 में 466 केसेस

  • 2016 में 707 केसेस

  • 2017 में 465 केसेस

  • 2018 में 1202 केसेस

  • 2019 में 370 केसेस

  • 2020 में 16 केसेस

डेंगू से बचने यह बरतें सावधानी :

  • इस्तेमाल के पानी की टंकी में प्रति सप्ताह आधी कटोरी खाने का तेल अवश्य डाले।

  • यदि पानी में लार्वा दिखाई दे तो उसे कपड़े से छानकर, लार्वा को हाथ से मसलकर नष्ट कर दे।

  • एडीज मच्छर दिन में काटता है अत: दिन में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें।

  • पूरी बांह के हल्के रंग के कपड़े पहने, खिड़की और दरवाजे पर मच्छरजाली लगाएं।

  • घर में करवा चौथ के कर्वे, कूलर, शीशी, टूटे-फूटे बर्तनों, गमले, पुराने टायर आदि में पानी जमा ना होने दें।

  • इस्तेमाल के पानी को हमेशा एयर टाइट ढक्कन से अथवा कपड़े से ढक कर रखे।

  • घर में पानी में लगाने वाले पौधे जैसे मनीप्लांट, कमल आदि न लगाए।

  • यदि घर में कोई डेंगू से पीडि़त है, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें मच्छर न काटे इस लिए उन्हें कम से कम 10 दिनों तक 24 घंटे मच्छरदानी में रखें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com