भाजपा पार्षदों के बाद अब कांग्रेसी पार्षद भी टूर पर निकले
भाजपा पार्षदों के बाद अब कांग्रेसी पार्षद भी टूर पर निकलेShahid - RE

Gwalior : भाजपा पार्षदों के बाद अब कांग्रेसी पार्षद भी टूर पर निकले

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : ऊर्जा मंत्री के सक्रिय होते ही कांग्रेस आई हरकत में। कांग्रेस समर्थित पार्षद को प्रद्युम्न सिंह अपने साथ लेकर दिल्ली पहुंचे।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। महापौर पद पर कांग्रेस की जीत के बाद से भाजपा के अंदर उथल-पुथल मची हुई है, क्योंकि अब भाजपा का प्रदेश नेतृत्व ग्वालियर के भाजपा नेताओ से जवाब मांगने की तैयारी कर रहा है कि आखिर भाजपा का अभेद दुर्ग 57 साल बाद कैसे ढह गया। यही कारण है कि भाजपा सभापति बनाने की कौशिश में लगी हुई है, जिससे महापौर पद की हार की कुछ भरपाई हो सके। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह सक्रिय हो गए तो पहले झटके में एक कांग्रेस समर्थिक पार्षद को अपने पाले में ले आएं और उसे लेकर मंगलवार देर रात दिल्ली भी पहुंच गए। ऊर्जा मंत्री की सक्रियता को देखते हुए कांग्रेस भी हरकत में आ गई और अपने पार्षदों को बुधवार को एक बस में सवार कर धार्मिक यात्रा पर ले गए।

सभापति का चुनाव भाजपा ने प्रतिष्ठा का बना लिया है, क्योंकि ग्वालियर में यह पहला मौका है, जब भाजपा को अपने ही पार्षदों पर विश्वास नहीं रहा और उन्हें दिल्ली यात्रा के बहाने हरियाणा के एक रिसोर्ट ले जाकर रुकाया गया। भाजपा को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनके पार्षद छिटककर कांग्रेस का साथ न दे, लेकिन भाजपा के जो मैनेजर अपने पार्षदों पर विश्वास नहीं कर रहे उनको चुनाव के समय करारी चोट लगने की संभावना अभी भी दिख रही है। वैसे अगर भाजपा के पार्षद एकजुट रहे तो भाजपा का सभापति बनना तय है, लेकिन कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी इस बात को समझते है कि सभापति अगर भाजपा का बन गया तो परिषद चलाने एवं विकास कार्य कराने में दिक्कत आ सकती है, यही कारण है कि विधायक सतीश सिकरवार अपना सभापति बनाने का प्रयास कर रहे है और सतीश की सक्रियता के कारण ही भाजपा के दिग्गज नेता चिंता में है, क्योंकि सतीश भाजपा में लम्बे समय तक रहे है जिसके कारण वह भाजपा नेताओ की हर चाल को समझते है।

कांग्रेस समर्थित पार्षद के भाजपा में जाते ही कांग्रेसी हुए सजग :

मंगलवार को देर रात ऊर्जा मंत्री सक्रिय हुए है और प्रयास कर कांग्रेस के समर्थन से जीते पार्षद दीपक मांझी को अपने पाले में ले आएं। सूत्रों का कहना है कि इस पार्षद की कांग्रेस के ही एक पूर्व प्रदेश महामंत्री ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह से बात कराई थी और उन्ही के प्रयास से वह मंत्री के बंगले पर पहुंचा। कांग्रेस नेताओ को भले ही इस बात की जानकारी न हो कि पार्षद किसके प्रयास से मंत्री के पास पहुंचा, लेकिन उसके भाजपा में जाते ही कांग्रेसी सजग हो गए और अपने पार्षदों को भाजपा के दवाब से बचाने के लिए बुधवार को धार्मिक यात्रा पर बस से ले गए।

सेन्ट्रल पार्क होटल से रवाना हुए कांग्रेसी पार्षद :

बुधवार को कांग्रेस के सभी पार्षदों को सूचना दी गई कि वह सेन्ट्रल पार्क होटल पहुंचे। इस सूचना के बाद कांग्रेस पार्षद व कांग्रेस को समर्थन देने वाले होटल पहुंचे जहां प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अशोक सिंह, शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, विधायक सतीश सिकरवार व प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री सुनील शर्मा मौजूद थे। उन्होंने पहले सभी पार्षदों से चर्चा की उसके बाद होटल के बाहर खड़ी बस में सभी सवार होकर धार्मिक यात्रा पर निकल गए।

उधर प्रद्युम्न पहुंचे हरियाणा के रिसोर्ट में :

उधर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने साथ पार्षद दीपक मांझी को लेकर मंगलवार की रात ही वाय रोड दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस दौरान वह रात को ही हरियाणा के उस रिसोर्ट में पहुंचे जहां भाजपा के पार्षदों को ठहराया गया है। ऊर्जा मंत्री ने भाजपा के सभी पार्षदों से चर्चा कर पार्टी धर्म का पाठ पढाने के साथ ही कहा कि सभापति एकजुट रहे तो भाजपा का ही बनेगा और सभापति का उम्मीदवार कौन होगा इसका फैसला प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सभी की सहमति से करेगें। भाजपा को डर इस बात का सता रहा है कि सभापति का उम्मीदवार घोषित होने से नाराजगी बढ़ सकती है, क्योंकि भाजपा में सभापति के लिए कई दावेदार है।

कांग्रेस नेताओ का कहना है :

भगवान की शरण में जा रहे है, दर्शन करेंगे और एन्जॉय करेंगे। जहां जिलाध्यक्ष तय करेंगे उस स्थान पर जाएगे। कांग्रेस भाजपा की राह पर नहीं बल्कि अपनी राह पर चल रही है और हमारे साथ 29 पार्षद है साथ ही कुछ समर्थन देने वाले भी है।

सतीश सिकरवार, विधायक कांग्रेस

चुनाव जीतने के बाद ईश्वर के दर्शन हर कोई करता है तो हम भी अपने पार्षदों के साथ भगवान के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेने के लिए पीतांबरा माई व रामलाल के दर्शन करेगें। दर्शन करने के बाद लौटकर आना है, क्योंकि 5 अगस्त को सभापति का चुनाव है। हमें क्रास वोट का कोई डर नहीं है, क्योंकि यह डर तो भाजपा को है जो अपने पार्षदों को हरियाणा में लेकर बाडाबंदी कर दी है। हमारा तो पहले से भगवान के दर्शन करने का प्लान था, अब भाजपा नेता ग्वालियर छोड़ गए तो हमने सोचा हम भी अपने पार्षदों के साथ भगवान का आशीर्वाद लेने निकले।

देवेन्द्र शर्मा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष

हमारे पार्षदों की इच्छा थी कि सभापति चुनाव से पहले किसी धार्मिक यात्रा पर भगवान के दर्शन करने जाना चाहिए तो उन्ही की इच्छा के अनुसार हमारे सभी पार्षद धार्मिक यात्रा पर गए है। ग्वालियर की जनता ने कांग्रेस की महापौर चुनकर कांग्रेस को मेंडडेट दिया है तो अन्य पार्षदों से उनकी अपील है कि जनता के निर्णय को स्वीकार करते हुए कांग्रेस का सहयोग करें।

अशोक सिंह, प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष

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