
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सीआरपीएफ (CRPF) जवान (Jawan) की मौत के बाद परिजनों ने कैंसर पहाड़ी स्थित सिम्स हॉस्पिटल (SSIMS Hospital) में हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप था कि हमारा मरीज स्वस्थ था, उसकी अचानक मृत्यु कैसे हो सकती है। डॉक्टरों ने उन्हें काफी समझाया कि बाथरूम करते समय उन्हें सडन कार्डियक अरेस्ट (Sudden Cardiac Arrest) आया और उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन परिजन सुनने को तैयार नहीं थे। करीब 8 घंटे की समझाइश के बाद वह शव लेकर गए।
भिण्ड निवासी सीआरपीएफ जवान अशोक कुमार को 19 जुलाई को तेज घबराहट, सांस लेने में तकलीफ और बुखार आने पर सिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उन्हें आईसीयू में रखकर हृदय और किडनी की समस्त जांच की। लेकिन जांचों में कुछ नहीं निकला। अशोक कुमार का उपचार करने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.दुष्यंत देव ने बताया कि मरीज स्वस्थ था। रविवार की सुबह 7 बजकर 19 मिनट पर ईसीजी की। वह एकदम नॉर्मल आई थी। इस पर मैंने और मेरी टीम ने तय किया था कि उक्त मरीज को सोमवार को डिस्चार्ज कर देंगे। मरीज ने बाथरूम की नली लगवाने से मना कर दिया था। इस पर मैंने उन्हें बोला था कि आप अकेले बाथरूम करने नहीं जाएं। किसी को अपने साथ लेकर जाएं। लेकिन वह सुबह 8 बजे अपने पलंग से उठे और बाथरूम करते समय वहीं गिर पड़े। बाथरूम से लाकर बेड पर लिटाया और सीपीआर दिया। लेकिन हम मरीज को बचा नहीं सके, क्योंकि उसे सडन कार्डियक अरेस्ट आया था। वहीं परिजनों का आरोप था कि हमारा मरीज स्वस्थ तो उसकी मौत कैसे हो सकती है। उपचार करने वाले चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इसी मांग को लेकर परिजन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक अस्पताल में डटे रहे और प्रबंधन को कोसते रहे।
सीआपीएफ डॉक्टर के आने पर बनी बात :
उक्त घटना की जानकारी झांसी रोड थाना प्रभारी ने सीआरपीएफ को दी। जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के डॉक्टर भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मरीज का उपचार कर रहे डॉक्टर दुष्यंत देव और परिजनों के साथ बैठक की। तब कहीं जाकर मृतक के परिजन बॉडी का पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए और अस्पताल से शव लेकर गए।
क्या होता है सडन कार्डियक अरेस्ट :
सडन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) हृदय की ऐसी स्थिति है जिसमें धड़कनें सामान्य (60-100 प्रति मिनट) से 300-400 तक हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर अचानक गिरने लगता है। साथ ही हृदय की विद्युतीय तरंगों में अनियमितता आ जाती है। ऐसे में हृदय की पंपिंग प्रक्रिया प्रभावित होने से रक्त अन्य अंगों तक नहीं पहुंचता है। इससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
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