अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल बना मजाक
अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल बना मजाकShahid - RE

Gwalior : अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल बना मजाक, शिफ्टिंग के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : करीब 600 मीटर स्ट्रेचर धकेलकर मरीज को ले जा रहे परिजन। मेडिसिन वार्ड शिफ्ट नहीं हुआ और हटा दिये सफाई कर्मचारी।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य इन दिनों मजाक बना हुआ है। शिफ्टिंग के चक्कर में यहां मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं विभाग शिफ्ट नहीं हुये और वहां से सफाई कर्मचारी हटा दिये। इससे मरीज जमीन पर गद्दा बिछाकर उपचार ले रहे है, पहले से परेशान मरीजों की प्रबंधन ने और परेशानी बढ़ा दी है। साथ ही ओपीडी करीब 600 मीटर दूरी पर संचालित करने से परिजन स्ट्रेचर खींचकर ओपीडी में मरीजों को दिखाने के लिए लेकर जा रहे हैं।

जयारोग्य और जीआर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन दोनों ही हजार बिस्तर अस्पताल को जल्द से जल्द शुरू करना चाहते हैं। लेकिन, यह समझ से परे है कि दोनों ही प्रबंधकों को शिफ्टिंग की इतनी जल्दबाजी क्यों है कि वह मरीजों की परेशानी को भी नहीं समझ रहे हैं। वर्तमान में कुछ विभागों की ओपीडी माधव डिस्पेंसरी में, कुछ की पुराने ही भवनों में और पांच विभागों की ओपीडी हजार बिस्तर अस्पताल में संचालित हो रही है। यदि अस्पताल में आने वाले मरीज को न्यूरोसंबंधी परेशानी है तो वह पहले न्यूरोलॉजी तक स्ट्रेचर धकेलकर लेकर जा रहा है। न्यूरोलॉजी के चिकित्सक ने यदि मेडिसिन विभाग में दिखाने की सलाह दी तो वह हजार बिस्तर अस्पताल तक स्ट्रेचर धक्केलकर ले जा रहा है। जो न्यूरोलॉजी विभाग से करीब 600 मीटर से अधिक दूरी पर है। यदि किसी गंभीर मरीज की इतनी लम्बी परेड कराई तो अंजाम क्या होगा। यह आप सब जानते हैं।

यहां बता दें कि जेएएच में भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, दतिया, गुना अशोकनगर सहित आसपास के राज्यों के मरीज यहां उपचार कराने आते हैं। लेकिन मरीजों को समय पर उपचार न मिलने के चलते उन्हें निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ता है। एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल से शहर व अंचल के लोगों में उपचार के लिये अच्छी सुविधाजनक व्यवस्था मिलने की उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। जयारोग्य चिकित्सालय एवं एक हजार बिस्तर का मुख्य मार्ग न होने के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मरीज शिफ्ट नहीं हुए और कर्मचारी हटा दिये :

इधर, प्रबंधन ने मेडिसिन विभाग से सफाई कर्मचारी हटा दिये हैं। इससे मरीजों की मुसीबत और बढ़ गई है जो जमीन पर गद्दा बिछाकर उपचार ले रहे हैं। सर्दी के साथ-साथ अब उन्हें दुर्गंध का भी सामना करना पड़ रहा है। साथ ही संक्रमण का खतरा भी पैदा हो गया है।

बैरिकैडस फांदकर अस्पताल में प्रवेश :

ओपीडी में आने वाले मरीज-परिजन जयारोग्य चिकित्सालय और एक हजार बिस्तर अस्पताल के बीच लगे बैरिकैडस फांदकर अस्पताल में प्रवेश कर रहे हैं। अस्पताल के सामने बैरिकेड्स लगे होने के चलते मरीजों को लंबा राउंड लेकर अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है। शासन प्रशासन द्वारा अस्पताल व्यवस्थाओ को सुधारने के निर्देश देने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाएं जुटाने में असफल साबित हो रहा है।

इनका कहना है :

हां, रास्ते को लेकर हमें और मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि मरीजों के लिए हमने कोई व्यवस्था नहीं की। एम्बुलेंस से हम मरीजों को हजार बिस्तर की ओपीडी तक पहुंचा रहे हैं जो चलने फिरने में असमर्थ हैं। मेडिसिन विभाग से सफाई कर्मचारी हटाये नहीं हैं, उन्हें हजार बिस्तर अस्पताल में भेज दिया है।

डॉ.आरकेएस धाकड़, अधीक्षक, जयारोग्य चिकित्सालय समूह

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