वैक्सीनेशन महा अभियान की तैयारी में लापरवाही पर भड़के कलेक्टर
वैक्सीनेशन महा अभियान की तैयारी में लापरवाही पर भड़के कलेक्टरRaj Express

Gwalior : वैक्सीनेशन महा अभियान की तैयारी में लापरवाही पर भड़के कलेक्टर

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : इन दिनों जिले के कलेक्टर कुछ ज्यादा ही गरम नजर आ रहा है। महज दो दिनों में दो बार क्रोधित हुए। पहले अधिकारियों की 11 घण्टे बैठक में और अब वैक्सीनेटरों की बैठक में खोया आपा।

हाइलाइट्स :

  • दलों को रात भर रोको, सुबह यहीं से रवाना करो

  • मंच छोड़कर चले गए कलेक्टर, कहा 460 दल मुझे यहां चाहिए

  • 460 में से महज 230 दल पहुंचे थे सभागार में

  • सीएमएचओ को कलेक्टर ने लगाई फटकार

  • दिए निर्देश जो दल नहीं आए हैं उन्हें पुलिस भेजकर बुलाओ

  • दलों के खिलाफ एफआईआर कराने के भी दिए निर्देश

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। इन दिनों जिले के कलेक्टर कुछ ज्यादा ही गरम नजर आ रहा है। हालत यह है कि महज दो दिन पूर्व ही उन्होंने जहां करीब 11 घण्टे बैठक ली और अधिकारियों की जमकर क्लास ली थी। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने एक अधिकारी से बेवकूफ तक कह डाला था। वहीं गुरुवार को एक बार फिर से वह अपना आपा खोते हुए नजर आए। उन्होंने वैक्सीनेटरों की बैठक में यहां तक कह डाला कि इन सभी को रातभर इसी हॉल में रखो और सुबह यहीं से इन सभी को वैक्सीन लगाने के लिए सेंटरों पर रवाना करना।

चूंकि 17 सितम्बर को जिलेभर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म के अवसर पर वैक्सीन लगाने का महाअभियान चलाया जाना है। महाअभियान के तहत जिले भर में 1 लाख 11 हजार लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की पूर्ती के लिए कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह पूरी ताकत लगा रहे हैं। जिस हिसाब से वह लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं। उसी तरह प्रतीत होता है कि वह स्वयं भी लक्ष्य पूर्ती को लेकर दबाव में हैं।

रातभर हॉल में ही वेक्शीनेटर को रखने के दिए निर्देश :

कलेक्टर सिंह गुरुवार को जीवाजी विवि के मल्टीआर्ट कॉम्पलेक्स में पहुंचे वैक्सीनेटरों के दलों को संबोंधित करने के लिए गए थे। लेकिन जब वहां पहुंचने पर उन्होंने सीएमएचओ से पूछा कि कितने वैक्सीनेशन के दल यहां पर आए हैं। तब सीएमएचओ मनीष शर्मा ने उन्हें बताया कि कुल 460 वैक्सीनेटर दल में से 230 दल यहां पर पहुंच गए हैं। शेष नहीं आए हैं। बस फिर क्या था, इस बात को सुनकर कलेक्टर सिंह का पारा ऊपर चढ़ गया। उन्होंने मौके पर ही सीएमएचओ की क्लास ले डाली। इसके बाद उन्होंने मंच से ही निर्देश दे डाले कि जो दल यहां पर आए हैं, उन्हें रातभर इसी हॉल में रखो। इस हॉल के दरबाजे बंद कर दो। कोई भी सदस्य यहां से बाहर न जाने पाए। सुबह 6 बजे इन सभी वैक्सीनेटर को वैक्सीनेशन सेंटरों के लिए रवाना करना। उन्होंने निर्देश दे डाले कि जो दल नहीं आए हैं। उन्हें पुलिस भेजकर बुलाओ। वैक्सीनेशन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराओ। उन्होंने मंच से ही कह दिया कि मैं तब ही वापस आऊंगा, जब 460 दल यहां पर मौजूद होंगे।

मैराथन बैठक में भी खो दिया था आपा

टीएल, सीएम हेल्प लाइन एवं अन्य आमजन की लंबित शिकायतों को लेकर दो दिन पूर्व ही कलेक्टर ने करीब 11 घण्टे की अधिकारियों की बैठक ली थी। इस बैठक में जब उन्होंने नगर निगम के अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता से निगम की लंबित मांगों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने लंबित शिकायतों से पल्ला छाड़ते हुए भवन अधिकारी पवन सिंघल को जिम्मेदार ठहरा दिया। इसके बाद कलेक्टर भवन अधिकारी पवन सिंघल की क्लास लेना शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने भवन अधिकारी को बेवकूफ कहते हुए कहा कि इतनी टीएल लंबित क्यों हैं। इस मौके पर भवन अधिकारी कुछ इधर- उधर के बहाने बताकर और जल्द ही टीएल का समाधान करने आश्वासन दिया। इस संबंध में जब कलेक्टर से राजएक्सपे्रस के संवाददाता ने सवाल किए तो कलेक्टर सिंह ने स्वीकार किया कि उन्होंने भवन अधिकारी को बेवकूफ कहा था। उन्होंने बताया कि नगर निगम की करीब ढाई वर्ष पुरानी टीएल लंबित हैं। इस वजह से भवन अधिकारी को फटकार लगाई गई थी।

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