ग्वालियर : चारों एसटीपी के संचालन पर बिजली का बिल आएगा एक करोड़ महीना
हाइलाइट्स :
अमृत योजना के तहत शहर में चार जगह बनाए गए हैं सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
दो प्लांट चालू, एक ट्रायल पर, चौथे को चालू होने में लगेगा समय
चारों प्लांट से 223 एमएलडी सीवर का पानी प्रतिदिन होगा फिल्टर
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नगर निगम द्वारा शहर के चार स्थान पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए गए हैं। अमृत योजना के तहत बनाए गए इन प्लाटों में से दो चालू हो चुके हैं जबकि एक ट्रायल पर है। बाकी बचे एक प्लांट को चालू होने में समय लगेगा। इन प्लांटों के शुरू होने से प्रतिदिन 223 एमएलडी सीवर का पानी प्रतिदिन फिल्टर हो सकेगा। परेशानी की बात यह है कि इन प्लांटों के संचालन में हर महीने एक करोड़ रुपय की बिजली जलेगी। अगर इन प्लांटों को सोलर ऊर्जा के जरिए चलाने की व्यवस्था की जाय तो यह पैसा बच सकता है।
सीवर के पानी से शहर के आसपास में खेती की जा रही है। इस जहरीले पानी से उगने वाली सब्जियां और अनाज शहर वासी खाने को मजबूर हैं। इस गंदे पानी के कारण है लोगों में कैंसर एवं त्वचा रोग बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि सीवर के पानी को साफ करके नालों में बहाने के लिए अमृत योजना के तहत चार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। इन प्लाटों को बनाने में तीन साल लग चुके हैं। शर्मा फार्म जलालपुर के पास बनाया गया प्लांट 20 प्रतिशत क्षमता के साथ चालू किया गया है जबकि लाल टिपारा का प्लांट भी बहुत ही कम क्षमता पर चल रहा है। लोहारपुर शताब्दीपुरम में प्लांट को ट्रायल बेस पर चालू किया गया है और ललियापुरा के प्लांट को चालू करने में समय लगेगा। जो प्लांट चालू किए गए हैं उनका बिजली का बिल भी आना शुरू हो गया है। अधिकारियों के अनुसार जब चारों प्लांट चालू किए जायंगे तो एक महीने का बिजली का बिल लगभग एक करोड़ रुपय आयगा।
सोलर प्लांट लगाने को है पर्याप्त जगह :
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बहुत बड़े एरिए में बनाए गए हैं। साथ ही खुली भूमि भी बची हुई है। अगर अधिकारी चाहे तो इस खुली भूमि पर सोलर प्लांट लगाकर हर महीने एक करोड़ रुपय के बिजली के बिल की बचत कर सकते हैं। इससे पहले पीएचई अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य द्वारा तिघरा स्थित वाटर फिल्टर प्लांट पर सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया चालू हुई थी। इससे बिजली के बिल में काफी बचत हो रही है। लेकिन सीवर प्लांट पर सोलर सिस्टम लगाने की पहल नहीं की गई।
44 करोड़ रुपये खर्च होंगे संचालन में :
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वाली कंपनी पांच साल तक इनका संचालन करेगी। लेकिन इनके संचालन पर जो भी राशि खर्च होगी वह नगर निगम को देनी होगी। अधिकारियों के अनुसार अमृत योजना के टेण्डर में संचालन के लिए लगभग 44 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं। इस राशि से बिजली के बिल सहित अन्य खर्चों का वहन किया जायेगा।
कहां कितनी क्षमता के प्लांट बने :
शर्मा फार्म जलालपुर पर 145 एमएलडी का एसटीपी लगाया गया है। यह चालू हो चुका है।
जलालपुर पर 65 एमएलडी के पुराने सीवर प्लांट को अपग्रेड किया गया है। यह भी शुरू किया जा चुका है।
लोहारपुर शताब्दीपुरम के पास 8 एमएलडी का एसटीपी लगाया गया है। इसका अभी ट्रायल चल रहा है।
ललियापुरा में अभी एसटीपी का काम पूरा नहीं हुआ। इसे शुरू करने में समय लगेगा।
इनका कहना है :
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर सोलर पैनल लगाने का आयडिया हमारे दिमाग में है। इसके लिए चर्चा भी की गई है। प्लांट लगाने की स्वीकृति मिलने के बाद हम सोलर प्लांट लगाने का कार्य शुरू करेंगे।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री, अमृत योजना
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