ग्वालियर : शहर में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मिलेगी एंट्री

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : महाराष्ट्र-पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से आने वालों की होगी जांच। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए निर्देश।
शहर में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मिलेगी एंट्री
शहर में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मिलेगी एंट्रीसांकेतिक चित्र

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर में महाराष्ट्र-पंजाब व केरल सहित अन्य प्रदेश से आने वाले लोगों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। शहर में तेजी से बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए रेलवे स्टेशन व शहर के चारों सीमाओं पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात करने के निर्देश कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सीएचएमओ डॉ. मनीष शर्मा को दिए हैं।

देश के कई प्रदेशों सहित शहर में भी लोगों की लापरवाही व इन प्रदेशों से आने वाले लोग बिना जांच के आने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बीते दस दिन में बढ़ी है। आरटीपीसीआर व रेपीड एंटीजन टेस्ट में साठ फीसदी लोग संक्रमित मिले हैं जो बीते दिनों महाराष्ट्र-दिल्ली के साथ ही पंजाब व केरल प्रदेश की यात्रा से लौटने के बाद साथ में कोरोना संक्रमण लेकर आए है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए मंगलवार से स्टेशन पर बाहर से आने वाले यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।

बॉडी में संक्रमण, पर नहीं करा रहे जांच :

कोरोना संक्रमण को लेकर एक बार फिर स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही का आलम यह है कि लोग लगातार सर्दी-जुकाम में बने रहने के बाद भी घरों के बाहर घूम रहे हैं लेकिन जांच के लिए फीवर क्लीनिक व जांच सेंटर नहीं पहुंच रहे हैं। इस वजह से ही शहर में संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। शहर मे एक बार फिर बीते साल जैसी स्थिति बनती दिख रही है। रोजाना ही संक्रमित मरीजों की संख्या ने प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य अमले की एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। बीते दिनों जांचे गए सैंपलों में पॉजिटिव का प्रतिशत यानी संक्रमण दर बढ़कर छह फीसदी से ऊपर जा पहुंची है जबकि दिसंबर के आसपास संक्रमण दर इस स्तर पर थी उसके बाद यह दर लगातार घटते हुए डेढ़ फीसदी से नीचे आ गई थी।

ट्रू-नेट मशीन से नहीं हो रही जांच :

बीते साल कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए मुरार जिला अस्पताल में दो ट्रूनेट मशीन भी लगाई गई थी संक्रमण कम होने के बाद मशीन को ताले में बंद कर दिया है अब ट्रू-नेट मशीन से कोविड जांच नहीं बल्कि टीबी मरीजों की जांच की जा रही है। वहीं एंटीजन व आरटीपीसीआर से जांच कराने कम ही लोग पहुंच रहे हैं। इसी के साथ ही पूल सैंपलिंग भी चार महीने पहले ही बंद कर दी गई है।

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