Gwalior : कम्पनी पर मेहरबानी ऐसी की 5 साल में खत्म नहीं करा पाए कचरे के ठिये
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जीआर मेडिकल कॉलेज और जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन की मेहरबानी से हाईट्स कम्पनी के अधिकारी यहां मौज कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी व चिकित्सक इनसे जब साफ-सफाई और सुरक्षा की बात करते हैं तो वह उसे टालते हुए आगे बढ़ जाते हैं, जबकि उन्हें चिकित्सकों की बात को तबज्जो देते हुए उस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए। लेकिन हो इसके बिल्कुल उल्ट रहा है। उसी का नतीजा है कि कम्पनी अधिकारी-कर्मचारी अस्पताल से 5 साल में कचरे के ठिये खत्म नहीं कर पाए।
कमलाराजा अस्पताल में बने हनुमान मंदिर के ठीक सामने एसएनसीयू बना हुआ है। यहां नैनिहाल जिंदगी और मौत से लड़ते हैं। इसी के पास हाईट्स कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों ने यहां नया कचरे का ठिया बना दिया है। इसका विरोध केआरएच के चिकित्सकों ने कई बार किया, लेकिन कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारी उनकी बात को तबज्जो नहीं दिया। जबकि प्रबंधन के आलाधिकारी आए दिन यहां निरीक्षण करने के लिए पहुंचते हैं, उसके बाद भी उन्हें यह ठिये दिखाई नहीं देते या यूं कहें कि कम्पनी अधिकारियों पर मेहरबानी होने की वजह से यह ठिये दिखने के बाद भी नजर अंदाज करने पड़ते हैं।
अस्पताल के ही चिकित्सकों का कहना है कि एसएनसीयू के पास ही कचरे का ठिया बना दिया है। इससे बदबू तो आती ही है। साथ ही बच्चों को संक्रमण का खतरा बना रहता है। साफ व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई बार कम्पनी अधिकारियों से बोला जा चुका है, लेकिन उसके बाद भी कोई परिवर्तन दिखाई नहीं देता।
खुले में ही फेंका जा रहा बायोमेडिकल बेस्ट :
कम्पनी के कर्मचारी वार्डों से निकलने वाला कचरा ही नहीं बायोमेडिकल बेस्ट भी खुले में फेंक रहे हैं। जबकि वह भी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि बायोमेडिकल बेस्ट को खुले में नहीं फेंका जाता। खुले में फेंका गया बायोमेडिकल बेस्ट भी जिम्मेदार अधिकारियों को भी नजर नहीं आता।
मवेशी कर रहीे प्रवेश :
अस्पताल परिसर में मवेशी भी प्रवेश कर रहे हैं। वह भी कचरे के ठियों के पास पहुंच जाते हैं और खाने के चक्कर में वह ठियों पर जमा कचरे को फैला देते हैं। इससे दुर्गंध की सीमा और बढ़ जाती है बायोमेडिकल बेस्ट उन्हे लगने से वह घायल भी जाती हैं।
पांच डीन और तीन अधीक्षक बदले :
हाईट्स कम्पनी के आने के बाद से पांच डीन और तीन अधीक्षक बदल चुके हैं। पांचों डीन और तीनों अधीक्षकों ने सफाई-सुरक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए भरसक प्रयास किये, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। उसके बाद भी फिर से हाईट्स कम्पनी को ही ठेका दिलाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
इनका कहना है :
इस विषय में हाईट्स कम्पनी के अधिकारियों को कई बार मौखिक-लिखित रूप में अवगत करा चुका हूं। उसके बाद भी सुधार नहीं हुआ है। अब अपने वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में इस मामले को लेकर जाऊंगा।
डॉ.बालेन शर्मा, अस्पताल सहायक प्रबंधक, जीआर मेडिकल कॉलेज
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