Gwalior : कांग्रेस के संपर्क में है भाजपा के कई पार्षद पद के दावेदार
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने महापौर का टिकट तय कर भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है और यही कारण है कि वह अभी तक नाम तय नहीं कर पाएं है। अब कांग्रेस ने भाजपा के नाराज नेताओं पर नजर रखना शुरू कर दी है, क्योंकि कांग्रेस के संपर्क में भाजपा के कई पार्षद पद के दावेदार बने हुए है, जैसे ही उनका टिकट कट हुआ वैसे ही वह कांग्रेस में एंट्री मार सकते है। वैसे इस आने-जाने से भाजपा को कोई खास नुकसान तो नहीं होगा, लेकिन चुनावी समय में माहौल बनता है उससे जरूर कुछ नुकसान होने की संभावना रहती है।
भाजपा में सिंधिया समर्थको को एडजेस्ट किया जाएगा तो मूल भाजपाईयों के टिकट कट होंगे ही ऐसे में कांग्रेस की नजर मूल भाजपाईयों पर टिकी हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस फिलहाल भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों की सूची का इंतजार कर रही है। वैसे कांग्रेस ने तो प्रत्याशियों की सूची बना ली है और शहर व ग्रामीण अध्यक्ष भोपाल में ही डटे हुए है, लेकिन एक रणनीति के तहत कांग्रेस पार्षदो की सूची को फिलहाल जारी नहीं कर रही है। वहीं भाजपा को इस बात का डर सता रहा है कि अगर सिंधिया समर्थकों को एडजेस्ट किया जाता है तो भाजपा पार्षद पद के दावेदार नाराज हो सकते है ऐसे में भाजपा के अंदर फिलहाल विचार मंथन चल रहा है और जिनके टिकट कट किए जाना है उनको मनाने का काम किया जा रहा है। यह काम संगठन स्तर पर किया जाना है, लेकिन ग्वालियर में भाजपा जिलाध्यक्ष के विरोधी भी पार्टी में काफी है, ऐसे में नाराजगी को शांत करने में काफी कठिनाई हो सकती है। इस बात से भाजपा के वरिष्ठ नेता भी अंजान नही है इस कारण नाराज होने वालो को मनाने की जिम्मा उनको सौप दिया गया है।
सतीश व पाठक के संपर्क में भाजपाई :
सतीश सिकरवार लम्बे समय से भाजपा में थे इस कारण उनके भाजपाईयों से खासे संबंध है। अब उनकी पत्नी को महापौर का टिकट कांग्रेस ने दिया है तो विधायक सतीश अपने संबंधो को फायदा उठा सकते है। सूत्रों का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कई भाजपाईयों को सतीश सिकरवार अपने साथ लाने का प्रयास कर सकते है और उसमें उन्हे सफलता भी मिल सकती है। वहीं दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने तो इस काम को शुरू भी कर दिया है और भाजपा के पूर्व पार्षद मुन्नेश जादौन को कांग्रेस मेें शामिल करवा दिया है। पाठक के संपर्क में अभी भी कई भाजपा नेता है जो टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में शामिल हो सकते है। विधायक पाठक अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी मजबूती के लिए अब काम कर रहे है यही कारण है कि वह दूसरे दल के लोगों के साथ भी संपर्क कर उनको अपने साथ जोड़ने में जुट गए है और इसके साथ वह कमलनाथ के यहां अपना कद भी बढ़ाने में लगे है।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।