10 दिन का समय निकला, ठीक नहीं हुईं सड़कें, प्रभारी मंत्री आज करेंगे जांच
हाइलाइट्स :
26 अगस्त को प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट ने बैठक में जताई थी नाराजगी।
रविवार को ग्वालियर प्रवास पर रहेंगे प्रभारी मंत्री, फिर करेंगे सड़कों की चर्चा।
एयरपोर्ट के लिए मिली जमीन देखने भी जायंगे।
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर की सड़कों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। अमृत योजना के तहत सीवर एवं पानी की लाईनें डालने के लिए पूरा शहर खोद दिया गया है। इन सड़कों की रिपयेरिंग भी ठेकेदार को करनी थी लेकिन अधिकारियों की मिली भगत के चलते काम चलाऊ पेंच रिपयेरिंग कराई गई। खुदी हुई सड़कों को लेकर प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट ने 26 अगस्त को ग्वालियर में बैठक लेकर नाराजगी जताई थी। साथ ही 10 दिन में सड़कें ठीक करने के निर्देश दिए थे। लेकिन समय सीमा निकलने के बाद भी सड़कें खुदी पड़ी हैं। रविवार को फिर प्रभारी मंत्री ग्वालियर प्रवास पर आ रहे हैं और वह सड़कों की पेंच रिपेयरिंग भी देखेंगे।
नगर निगम में पदस्थ अधिकारियों की कार गुजारी का खामियाजा शहर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालात यह है कि पिछले चार साल से लोग खुदी सड़कों का दर्द झेलने को मजबूर हैं। अमृत योजना के तहत 733 करोड़ की लागत से सीवर एवं पेजयल की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्य कराए गए। इसके लिए शहर की 800 किलोमीटर एरिए की सड़कें खोद दी गई। अमृत योजना के टेण्डर में साफ लिखा था कि ठेकेदार को खुदी हुई सड़कों को पहले की तरफ करके देना है। इसके लिए नगर निगम अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई। लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिली भगत कर पूरे प्रोजेक्ट को पलीता लगा दिया। जिस उद्देश्य से अरबों रुपये के कार्य कराए गए हैं वह तो पूरा नहीं हुआ उल्टा सड़कों को खोद कर और डाल दिया। शहर की खुदी सड़कों की गूंज भोपाल तक पहुंच गई है। यही वजह है कि 26 अगस्त को ग्वालियर प्रवास पर आए प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट ने अधिकारियों की बैठक लेकर गंभीर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों 10 दिन में शहर की सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए थे। ऐसा न करने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जानी थी। यह समय सीमा 6 सिंतबर को पूरी हो चुकी है लेकिन अब तक 20 प्रतिशत सड़कें भी ठीक नहीं हुई। रविवार को प्रभारी मंत्री तुलसी राम सिलावट फिर ग्वालियर प्रवास पर आ रहे हैं वह शहर की सड़कों देखने भी जायंगे। सड़कों की हालत को लेकर वह क्या कार्यवाही करते हैं यह तो निरीक्षण के बाद ही पता चलेगा।
कलेक्टर के आदेश हुए हवा, कर्मचारी करा रहे पेंच रिपेयरिंग :
प्रभारी मंत्री की बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पेंच रिपयेरिंग की कलई खोल दी थी। उन्होंने कहा था कि पेंच रिपेयरिंग का कार्य बहुत घटिया है। स्थिति को समझते हुए प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर को ही मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी थी। इसे देखते हुए कलेक्टर स्वयं पेंच रिपेयरिंग के समय निरीक्षण करने जयेन्द्रगंज पहुंचे थे। यहां कर्मचारी पेंच रिपेयरिंग कर रहे थे। कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पेंच रिपेयरिंग के समय उपयंत्री को मौके पर मौजूद रहने के निर्देश दिए। लेकिन यह निर्देश दो दिन ही चले। वर्तमान में कर्मचारी ही पेंच रिपेयरिंग करा रहे हैं।
मोटल तानसेन से राजमाता चौराहे तक सड़क पर मौजूद गड्ढेसालों से जमें अधिकारियों को हटाना जरूरी :
शहर की व्यवस्थाएं अगर सुधारनी हैं तो जो वरिष्ठ निगम अधिकारी 20-20 साल से नगर निगम में जमें हैं उन्हें हटाना आवश्यक है। कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं जिनका तबादला 3 से 4 बार हो चुका है लेकिन वह शहर से जाना नहीं चाह रहे। साथ ही अमृत योजना से जुड़े अधिकारियों की जांच कराना भी आवश्यक हो गया है। टेण्डर के अनुरूप कार्य क्यों नहीं हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन है इसकी जांच करते हुए कार्यवाही आवश्यक है।
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