तिघरा में एक इंच बढ़ा पानी
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Gwalior : तिघरा में एक इंच बढ़ा पानी, आधा इंच सप्लाई और वाष्पीकरण में गया

पेहसारी बांध से छोड़ा गया पानी पहुंचने लगा तिघरा, लेवल करेंगे मेंटेन। मंगलवार को 730.60 फीट रहा तिघरा का लेवल, आधा इंच हुआ खाली। जल संसाधन विभाग के गलत आंकड़ों की चीफ इंजीनियर तक पहुंची शिकायत।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। तिघरा बांध से मोतीझील सहित चारों फिल्टर प्लांट को दिए जाने वाले पानी के आंकड़ों को लेकर असमंजस की स्थिति निर्मित हुई है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी कई दिन से गलत आंकड़े दे रहे थे जिसकी शिकायत नगर निगम पीएचई विभाग ने की है। इससे जल संसाधन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ पेहसारी बांध से पानी तिघरा में आने लगा है और मंगलवार को एक इंच जल स्तर बढ़ा जिससे बांध का लेवल 730.60 फीट हुआ। लेकिन इसमें से आधा इंच पानी सप्लाई और वाष्पीकरण के चलते कम हो गया। अधिकारियों के अनुसार अभी उम्मीद से कम पानी आ रहा है और आवश्यकता पड़ी तो तिघरा के स्लूस गेट की चूडिय़ां खोली जा सकती हैं। लेकिन उन्हें बाद में बंद नहीं किया जा सकेगा।

जल संसाधन विभाग द्वारा तिघरा के जल स्तर की प्रतिदिन रिपोर्ट दी जाती है। यह रिपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पोर्टल पर भी अपलोड होती है और नगर निगम के पीएचई विभाग को भी दी जा रही है। लेकिन पिछले कई दिनों से वाटर लेवल के गलत आंकड़े दिए जा रहे थे जिससे गफलत की स्थिति निर्मित हो गई थी। इन आंकड़ों को लेकर नगर निगम पीएचई विभाग ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) से की है। शिकायत के बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब विभागीय अधिकारी गलती होने के कारण को ढूंढने में लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ पेहसारी बांध से छोड़ा गया पानी तिघरा में पहुंचने लगा है लेकिन उम्मीद के मुताबिक आंकड़े नहीं है। मंगलवार को बांध का लेवल लगभग एक इंच बढ़ा था जिसमें से आधा इंच पानी नगर निगम को सप्लाई करने एवं वाष्पीकरण में उड़ गया। अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन जो एक इंच लेवल कम हो रहा था वह अब रूक गया है और आधा इंच ही लेवल कम हो रहा है। लेकिन यह लेवल अगर 370 फीट से कम हुआ तो बांध के स्लूस गेट की चूड़ी खोलने पर विचार किया जाएगा।

चूड़ी खोल तो देंगे लेकिन कम नहीं होगी :

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम अधिकारियों को बताया है कि जो पानी बांध से दिया जा रहा है अगर उससे सप्लाई पूरी नहीं हो रही है तो लिखित स्पष्टीकरण दें। पानी देने के लिए बांध के स्लूस गेट की चूडिय़ा 28 से बढ़ाकर 30 कर दी जायंगी। लेकिन जब बांध का पानी बढ़ेगा तो फिर चूड़ियां कम नहीं हो सकेंगी। इससे अधिक पानी निकलेगा जिसकी सप्लाई संभव नहीं होगी। इस स्थिति को नगर निगम अधिकारी कैसे मैनेज करेंगे यह भी बतााएं। हालांकि अधिकारिक रूप से अभी तक अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

पानी की बर्बादी रूके तो नहीं रहेगी कमी :

शहर में अमृत योजना के तहत जो पाईप लाईन बिछाई गई हैं उनका मिलान पूरी तरह से नहीं हो पाया है। साथ ही कई जगहों पर पाईप लाईनों में रूकवट हो रही है और जैसे ही प्रेशर से पानी देने के लिए टंकियों की चूड़ियां खोली जाती हैं तो लाईनें फूट रहीं हैं। इतना ही नहीं अमृत योजना के तहत जो नलों के कनेक्शन देने के लिए टोटी फिटेड पाईप लगाए गए हैं उनमें से अधिकतर लोगों ने कनेक्शन नहीं लिए। इन पाईपों की टोटिंया टूट गई हैं जिनसे पानी फैलता रहा है। इस स्थिति पर रोक लगाने के लिए भी अधिकारियों को विचार करना चाहिए। अधिकारियों की माने तो सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी उपनगर ग्वालियर में हो रही हैं। अगर बर्बादी पर रोक लगाई जाए तो 10 एमसीएफटी पानी ही सप्लाई के लिए पर्याप्त होगा।

इनका कहना है :

हमें अभी पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है और इस बारे में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। गर्मी में मांग भी बढ़ गई है जिसके चलते मोतीझील के बैलेंसिंग टैंक से भी पानी लिया गया है। जल संसाधन विभाग हमें पर्याप्त पानी दे इसके लिए लगातार चर्चा की जा रही है।

आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री, पीएचई, नगर निगम

हम तिघरा से पर्याप्त पानी छोड़ रहे हैं। अगर अधिक पानी की आवश्यकता होगी तो बांध के स्लूस गेट की दो चूड़ियां और खोल देंगे। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चर्चा चल रही है।

यादवेन्द्र शर्मा, एसडीओ, तिघरा बांध, जल संसाधन विभाग

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