अवैध शराब को लेकर आखिर आबकारी अधिकारी क्यों साधे हैं चुप्पी
अवैध शराब को लेकर आखिर आबकारी अधिकारी क्यों साधे हैं चुप्पीSocial Media

Gwalior : अवैध शराब को लेकर आखिर आबकारी अधिकारी क्यों साधे हैं चुप्पी

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : भिण्ड जिले में हाल ही में रौन क्षेत्र के तहत जहरीली शराब पीने से हुई तीन लोगों की मौत के बाद टीआई तो नपे, लेकिन जिन आबकारी अधिकारी की जिम्मेदारी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं?

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अंचल में अवैध शराब का गोरखधंधा काफी समय से चल रहा है और जहरीली शराब के कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी संबंधित जिम्मेदारी आबकारी अधिकारियों पर कार्यवाही न होना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं अवैध शराब को लेकर मिलीभगत का खेल चल रहा है।

भिण्ड जिले में हाल ही में रौन क्षेत्र के तहत जहरीली शराब पीने से हुई तीन लोगों की मौत के बाद भी आबकारी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। पुलिस के टीआई पर तो तत्काल गाज गिर गई और उनको थानों से हटा दिया गया, लेकिन आबकारी अधिकारी पर आखिर मेहरबानी क्यों बनी हुई है। उपायुक्त आबकारी के पास दोनों संभागों की जिम्मेदारी होने के बाद भी वह शायद ही क्षेत्र में निकलकर गए हों, क्योंकि वह सिर्फ डमी के तौर पर ग्वालियर कार्यालय में बैठे रहते हैं और संभागों की जिम्मेदारी अपने चहेतों के जिम्मे छोड़ रखी है। अब सवाल यह है कि जिस विभाग की जिम्मेदारी है उसके अधिकारियों पर मेहरबानी क्यों बनी हुई है। विभागीय सूत्र का कहना है कि भिंड की ग्वालियर डिस्टलरी के मालिकों और आबकारी अधिकारियों की साजिश का ही नतीजा है कि भिंड में अवैध रूप से जहरीली शराब बिक रही है।

भिंड के इटावा रोड पर डिडी गांव में ग्वालियर डिस्टलरी में इससे पहले कोरोनाकाल में सैनिटाइजर के नाम पर लाखों लीटर शराब की तस्करी करने का मामला भी सामने आया था लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत एवं ग्वालियर डिस्टलरी के मालिकों की ऊंची पहुंच के चलते मामला दबा दिया गया था। जहरीली शराब कांड के तार भी उसी डिस्टलरी से जोड़े जा रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। वैसे देखा जाए तो इस मामले को लेकर राजनीतिक पार्टियां भी कुछ बोलने से बच रही हैं, क्योंकि वहां से सभी मैनेज कर लिए गए है ऐसा विभागीय सूत्र बता रहे है। जहरीली शराब कांड काअंचल में पहला नहीं बल्कि इससे पहले भी मामला सामने आ चुका है और सरकार ने भी सख्त लहजे में उस समय चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बाद भी आबकारी अधिकारियों का खेल जारी है,यही कारण है कि अंचल में बड़े पैमाने पर अवैध शराब का खेल चल रहा है और इसके पीछे कौन है इसको लेकर आबकारी अधिकारी चुप्पी साधे रहते हैं। पुलिस तो कई बार कार्यवाही कर अवैध शराब पकड़ती भी रहती है, लेकिन आबकारी विभाग को सिर्फ कंजरो के टोले ही कच्ची शराब पकडऩे का आसाना तरीका दिखता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com