क्यों फैल रहा है डेंगू
क्यों फैल रहा है डेंगूSyed Dabeer Hussain - RE

Gwalior : क्यों फैल रहा है डेंगू? कारण जानना नहीं चाहते अधिकारी

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : प्रशासन की लापरवाही, अधिकारी नहीं कर रहे मॉनीटरिंग। मनमाफिक रूप से काम कर रहा रोकथाम में लगा अमला।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। डेंगू मरीजों की संख्या प्रतिदिन क्यों बढ़ रही है। इसका कारण अधिकारी जानना नहीं चाहते हैं। इसलिए वह मॉनीटरिंग भी नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों के मॉनीटरिंग ना करने के कारण डेंगू की रोकथाम में लगा अमला भी मनमाफिक हिसाब से काम कर रहा है। हालांकि मलेरिया विभाग में कर्मचारियों की संख्या भी कम है। यदि नगर निगम के कर्मचारी पूरी शिद्दत के साथ मलेरिया विभाग के साथ काम करें तो डेंगू पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

मलेरिया विभाग के दवा छिड़काव में 20 टीमें सर्वे और दवा छिड़काव कार्य में जुटी हुई हैं। 66 वार्डों में इन कर्मचारियों की संख्या ना के बराबर है। देखने में आ रहा है कि शहर के दस वार्डों में ही सबसे अधिक डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। यदि जिला प्रशासन के अधिकारी नगर निगम की टीम और मलेरिया विभाग की टीम निगरानी रखे और दस वार्डों में जहां डेंगू मरीजों की संख्या अधिक है। वहां मॉनिटरिंग करे तो निश्चित ही डेंगू मरीजों की संख्या को काबू में किया जा सकता है। हालांकि मलेरिया विभाग के कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जो पूरी ईमानदारी के साथ क्षेत्र में सर्वे कार्य और दवा के छिड़काव में जुटे हुए हैं।

नगर निगम का अमला नहीं दे रहा दिखाई :

फोगिंग और दवा के छिड़काव के मामले में नगर निगम का अमला गली-मौहल्लों में दिखाई ही नहीं दे रहा है। जबकि निगम ने अपने 66 से अधिक कर्मचारियों को छिड़काव में लगा रखा है। 66 वार्ड हेल्थ ऑफिसरों को नियुक्त किया है। वहीं 5 आशा और एक एएनएम प्रत्येक वार्ड के लिए नियुक्त की गई हैं। लेकिन यह अमला गली-मौहल्लों में दिखाई नहीं दे रहा है। यदि उक्त कर्मचारी ईमानदारी के साथ अपने गली-मौहल्लों का सर्वे और दवा का छिड़काव करेते तो डेंगू मरीजों की संख्या इतनी नहीं बढ़ती।

इन वार्डों में डेंगू मरीजों की संख्या सबसे अधिक :

महाराजपुरा, दीनदयाल नगर-पिंटो पार्क, मुरार क्षेत्र, सिकंदर कम्पू, थाटीपुर, तानसेन, दर्पण कॉलोनी, गोविंदपुरी सिटी सेंटर, कम्पू आमखो, गांधी नगर, शिंदे की छावनी।

शहरवासियों को स्वयं रहना होगा सतर्क :

यदि जिलेवासी टीम के भरोसे रहे तो निश्चित ही डेंगू की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए उन्हें स्वयं ही सावधानी बरतनी होगी। तभी डेंगू से बचा जा सकता है। इस्तेमाल के पानी की टंकी में प्रति सप्ताह आधी कटोरी खाने का तेल अवश्य डाले। यदि पानी में लार्वा दिखाई दे तो उसे कपड़े से छानकर, लार्वा को हाथ से मसलकर नष्ट कर दे। एडीज मच्छर दिन में काटता है अत: दिन में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। पूरी बांह के हल्के रंग के कपड़े पहने,खिड़की और दरवाजे पर मच्छरजाली लगाएं। घर में करवा चौथ के कर्वे, कूलर, शीशी, टूटे-फूटे बर्तनों, गमले, पुराने टायर आदि में पानी जमा ना होने दें।

26 की जांच में 6 निकले डेंगू पॉजिटिव :

शुक्रवार को जिला अस्पताल और जीआर मेडिकल कॉलेज में 26 डेंगू संदिग्ध मरीजों की जांच की गई। इसमें 6 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। वहीं जिले में अब तक 755 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। वहीं चिकिनगुनिया के तीन संदिग्ध मरीजों की जांच में 2 को चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई है।

इनका कहना है :

डेंगू से निपटने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं। मलेरिया विभाग की टीम वार्डों में पहुंचकर सर्वे और दवा का छिड़काव कर रही है। डेंगू के प्रति लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा तभी इससे बचा जा सकता है।

डॉ. मनीष शर्मा, सीएमएचओ ग्वालियर

मलेरिया विभाग की 20 टीमें सर्वे और दवा छिड़काव का काम कर रही हैं। 66 वार्डों में यह 20 टीमें न के बराबर हैं। इसके बाद भी हमारी टीमें जहां पानी में डेंगू का लार्वा मिलता है उसे नष्ट कराने की कार्रवाई कर रही हैं।

डॉ. विनोद दोनेरिया, मलेरिया अधिकारी

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