आने और जाने वाले प्रवासी मजदूरों की हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य:शिवराज

मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि सभी आने एवं जाने वाले मजदूरों के लिये भोजन, चाय-नाश्ते आदि और हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्थाएँ प्रत्येक जिले के कलेक्टर खुद सुनिश्चित करें।
आने और जाने वाले प्रवासी मजदूरों की हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य:शिवराज
आने और जाने वाले प्रवासी मजदूरों की हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य:शिवराजKratik Sahu-RE

राजएक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विभिन्न प्रदेशों से मध्यप्रदेश लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की सीमा पर हेल्थ स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाये। साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में फँसे हुए मजदूरों को सीमा तक छोड़ने के लिये वाहनों की व्यवस्था सुचारु रहे।

चौहान आज मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने एवं जाने वाले सभी मजदूरों के लिये भोजन, चाय-नाश्ते आदि की व्यवस्थाएँ कलेक्टर्स अपने-अपने जिलों में सुनिश्चित करें। जो मजदूर ट्रक आदि वाहनों में ओव्हरलोड होकर जाते दिखें, उन्हें उतार कर पृथक वाहन से भिजवाने की व्यवस्था की जाये।

पन्ना जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में एक कोरोना का मरीज था, जो मुम्बई से आया था। वह आज स्वस्थ होकर घर चला गया है। अब पन्ना जिला संक्रमण मुक्त है। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि सभी सावधानियाँ रखी जायें, जिससे जिला पुन: संक्रमित न हो।

अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मनरेगा के अंतर्गत 20 लाख मजदूरों को कार्य दिया गया है। साथ ही उन्हें तुरंत भुगतान भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में प्रवासी मजदूर यदि काम चाहें, तो उनका भी जॉब-कार्ड बनवाकर उन्हें कार्य दिया जाये। इस बार बरसात में भी मनरेगा के अंतर्गत कुछ कार्य जारी रखे जा सकते हैं, तदनुरूप व्यवस्था कर लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा अनुसार सभी प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों को 2 माह का नि:शुल्क राशन दिया जाना है। अत: इस संबंध में सभी जिले आवश्यक व्यवस्थाएँ करें। मुख्य सचिव बैंस ने निर्देश दिये कि सभी जिले ऐसे हितग्राहियों की सूचियाँ तैयार कर लें।

अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि गत दिवस प्रदेश में कोरोना के रिकार्ड 5,828 टेस्ट किये गये। इनमें से 3,924 टेस्ट प्रदेश की 14 टेस्ट लैबों में दिये गये तथा 1904 टेस्ट राज्य से बाहर किये गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग की दो मशीनें एक इंदौर तथा एक भोपाल में आ गई हैं। इनके चलते अब हमें राज्य से बाहर टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी सर्वेलेंस के लिये कांटेक्ट ट्रेसिंग एप अत्यंत उपयोगी है। इसका उपयोग शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया जाये।

बताया गया कि प्रदेश में अभी तक 3 लाख 73 हजार प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से वापस आ गये हैं। इनको लेकर 85 ट्रेनें आ गई हैं तथा 8 ट्रेनें आज आने वाली हैं। आज चेन्नई से ट्रेन मध्यप्रदेश के लिये रवाना होगी। लगभग एक लाख मध्यप्रदेश के मजदूर अभी अन्य राज्यों में फँसे हुए हैं, जिन्हें ट्रेन एवं बस से लाने की व्यवस्था की जा रही है।

प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर आने-जाने की अनुमति संबंधित 3 लाख 4 हजार 544 ई-पास अभी तक जारी किये गये हैं। अब ई-पास के लिये आने वाले कॉल्स की संख्या अत्यंत कम हो गई है। मुख्य सचिव बैंस ने निर्देश दिये कि जिन व्यक्तियों को ई-पास जारी किये गये हैं, उन्हें फोन कर उनके स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी ली जाये।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। सिर्फ शीर्षक में बदलाव किया गया है। अतः इस आर्टिकल अथवा समाचार में प्रकाशित हुए तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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