पानी पानी हुआ श्योपुर जिला, नदी-नाले उफान पर, राजस्थान से सम्पर्क कटा

श्योपुर, मध्यप्रदेश : श्योपुर में झमाझम बरसात के बाद जिले के नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। जिला मुख्यालय स्थित बंजारा डेम, अमराल नदी के उफान पर रहने से दिनभर लोगों को जमावड़ा बना रहा।
श्रीगुप्तेश्वर महादेव जलमग्न, आवदा और बंजारा डेम लबालब
श्रीगुप्तेश्वर महादेव जलमग्न, आवदा और बंजारा डेम लबालबराज एक्सप्रेस, संवाददाता

श्योपुर, मध्यप्रदेश। जिले के नगरीय क्षेत्र सहित ग्राम्यांचल और वनांचल में मानसूनी बारिश से प्राकृतिक व बरसाती नदियों सहित जिले भर के छोटे-बड़े जलाशयों के जल-स्तर में हुई बढ़ोत्तरी ने आम जनजीवन के साथ-साथ उस कृषक समुदाय को भी कुछ हद तक राहत पहुंचाने का काम किया है जो भूजल पर निर्भरता के बावजूद वर्षा के जल पर काफी हद तक निर्भर रहता है। जिले में झमाझम बरसात के बाद जिले के नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। जिला मुख्यालय स्थित बंजारा डेम, अमराल नदी के उफान पर रहने से दिनभर लोगों को जमावड़ा बना रहा। वहीं दूसरी शहर के किला क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक श्रीगुप्तेश्वर महादेव मंदिर पर पानी आ जाने के कारण लोग मंदिर पर नहीं पहुंच सके। पानी को तरस रहा जिले आवदा बांध भी भराव क्षमता के करीब पहुंच गया।

18 फीट ऊपर चल रहा था पानी, जिले का राजस्थान से सम्पर्क पूरी तरह कटा

सोमवार मंगलवार की दरमियानी रात से जिले के शहरी ग्रामीण व जंगल क्षेत्र में झमाझम बरसात के बाद शहरी सीमा क्षेत्र से होकर गुजरी सीप स्थित बंजारा डेम, अमराल नदी उफान पर रही। वहीं बड़ौदा क्षेत्र के ग्राम ललितपुरा, पिपल्दा सहित कई गांवों में बाढ़ के चलते निचली बस्तियों के घरों में पानी भर गया एवं कई कच्चे मकान धाराशाही हो गए। हर वर्ष की तरह बाढ़ के कारण कई परिवार की जान आफत में बनी रही, जो पानी के उतार का इंतजार करते नजर आए। झमाझम बरसात के कारण बड़ौदा क्षेत्र की अहेली नदी, कराहल क्षेत्र की कूनो नदी, बावन्दा नाला भी उफान पर रहा। जिले के नदी-नालों के उफान के कारण जिले व प्रदेश की सीमा क्षेत्र से होकर गुजरी चम्बल, पार्वती नदी में भी पानी का जल स्तर बढ़ गया। समाचार लिखे जाने तक मध्यप्रदेश ओर राजस्थान को जोड़ने वाली पार्वती नदी पुल पर 18 फीट पानी उपर चल रहा था जिसके चलते जिले का राजस्थान से सम्पर्क पूरी तरह कट गया। जिले में मानसून की विलम्ब से सक्रियता के बाद अभी मानसूनी बारिश के मौसम का महज एक पखवाड़ा ही बीता है तथा सावन के साथ-साथ भादों का पूरा महीना सामने है। लोगों का मानना है कि मानसून की मेहरबानी इसी तरह बरकरार रही तो आगामी डेढ़ माह की इस अवधि में अगला-पिछला सारा हिसाब बराबर हो जाएगा और जिला औसत बारिश के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।

जिले में 236.4 मिमी औसत वर्षा

श्योपुर जिले में 27 जुलाई तक 236.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि इसी अवधि में विगत वर्ष 44.4 मिमी औषत वर्षा हुई थी। अधीक्षक भू-अभिलेख नाथूराम सखवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के वर्षामापी केन्द्र श्योपुर में 236.4 मिमी, बडौदा में 242.2 मिमी कराहल में 398.4 मिमी विजयपुर में 209.8 मिमी वीरपुर में 94 मिमी कुल वर्षा 1180.8 मिमी हुई है। जिसका औसत 236.2 मिमी है।

कलेक्टर-एसपी ने जलालपुरा में पार्वती नदी के जल स्तर का लिया जायजा

कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव एवं पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने श्योपुर जिले में हुई 236.2 मिली मीटर वर्षा के कारण जिले की नदी और नालो में आये पानी के बहाव के मद्देनजर निर्मित होने वाली बाढ की स्थिति पर निगरानी रखने की कडी में मप्र और राजस्थान की सीमा से निकलने वाली पार्वती नदी के जलालपुरा चौकी पहुचंकर पानी के जलस्तर का जायजा लिया। साथ ही पार्वती नदी के पुल पर चल रहे पानी की हकीकत जानी। इसी प्रकार श्योपुर शहर से निकलने वाली सीप नदी पर बने बजारा डैम में पानी के बहाव का अवलोकन किया। साथ ही अधिकारी/कर्मचारियों को पानी के बहाव पर सतत् निगरानी रखने के निर्देश दिये। कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कराहल क्षेत्र के ग्राम पहेला में जल भराव के कारण कुछ लोगो के मकान जलमग्न हो गये है। उन सभी व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। कलेक्टर ने जिले में बाढ़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए अधिकारी/कर्मचारियों की टीम पूर्व में गठित कर दी गई थी।

वनांचल कराहल में आफत की बारिश साबित हुई 14 घंटे की बरसात

कराहल। 14 घण्टे की मूसलाधार बरसात से कराहल क्षेत्र में तबाही मचा कर रख दी है, बारिश के चलते पहेला, झिरन्या, सेसईपुरा, गोरस, कराहल की निचली बस्तियों में पानी भर गया है, वहीं वनांचल की कूनो नदी, ख़िरखिरी, रिछी, सुसबाड़ा सहित दो दर्जन नदियां उफान पर आने से आवागमन बन्द हो गया था। पहेला गांव में नदी का पानी तालाब में जाने से कई स्थानों से तालाब की पार टूट गई ओर तालाब का पानी पहेला गांव में आने से एक सैकड़ा से अधिक घरों में पानी भर गया। वहीं ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग एक दर्जन से अधिक आशियाने भी बारिश की भेंट चढ़ गए। दोपहर में श्योपुर ग्वालियर मार्ग को जोड़ने वाली कूनो नदी के पुल पर भी 12 फीट तक पानी बताया गया जिससे 08 घंटे तक पूरी तरह आवागमन अवरुद्ध बना रहा।

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