बच्चा चोरी जैसी घटना रोकने के लिए एमवायएच में लगेंगे हाई रेजोल्यूशन कैमरे

इंदौर, मध्य प्रदेश : एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एमवायएच और अन्य अस्पतालों में जल्द ही हाई रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीनSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एमवायएच और अन्य अस्पतालों में जल्द ही हाई रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जायेंगे। यह कैमरे एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर के साथ ही एमवायएच परिसर, चाचा नेहरू अस्पताल, एमटीएच में भी लगेंगे, ताकि भविष्य में बच्चा चोरी जैसी घटनाएं हों, तो घटना को अंजाम देने वालों के चेहरे कैमरे में साफ कैद हो सकें।

पिछले दिनों जो बच्चा चोरी की घटना एमवायएच में हुई थी, उसमें बच्चा चुराने वाली महिला सीसीटीवी कैमरे के सामने आ गई थी, लेकिन सीसीटीवी कैमरा पिक्चर क्वालिटी बेहतर नहीं थी, यहां हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे भी नहीं लगे है, जबकि पूर्व में एमवायएच में बच्चा चोरी, हत्या के साथ ही अन्य घटनाएं हो चुकी हैं।

घटनाएं रोकने में मिलेगी मदद :

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि बेबी लिफ्टिंग मामले में जांच के दौरान, यह पाया गया कि एमवाय अस्पताल में स्थापित कैमरे उच्च रिज़ॉल्यूशन के नहीं हैं, जिसके कारण आरोपी का चेहरा और अन्य विशेषताएं नहीं देखी जा सकती हैं। इसी तरह, उसका वाहन नंबर भी फुटेज में साफ नहीं दिखा। इस कारण हम जल्द ही एमवायएच परिसर और एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में नए उच्च रिज़ॉल्यूशन कैमरे स्थापित करेंगे। इस कदम से इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही जांच को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

आज कमेटी सौंपेगी अपनी रिपोर्ट :

डॉ. दीक्षित ने बताया कि घटना में कहां लापरवाही हुई है और आगे क्या सावधानी बरती जा सकती है। इसको लेकर जो पांच सदस्यों वाली कमेटी बनी है, उसने अपनी जांच पूरी कर ली है और सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं कमेटी के अध्यक्ष डॉ केके अरोड़ा ने बताया कि हमने दर्ज सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के बयान के रूप में जांच पूरी कर ली है और ऐसी घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से सभी पहलुओं की जांच की गई। हम सोमवार को डीन को रिपोर्ट सौंपेंगे।

अभी भी लापरवाही बरत रहे सुरक्षकर्मी :

अस्पताल सूत्रों ने बताया कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी अस्पताल के सुरक्षाकर्मी नहीं सुधरे हैं। लापरवाही का दौर जारी है। स्टाफ के नाम पर कौन अंदर जा रहा है, उसकी जांच नहीं की जा रही है। स्टाफ ने सुझाव दिया है कि एमवायएच में स्टाफ के अंदर जाने-आने के लिए एक अलग से पूर्व की तरह दरवाजा हो, जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों और सुरक्षाकर्मी भी सतर्कता से स्टाफ की जांच करे, ताकि भविष्य में स्टाफ के नाम पर अस्पताल में कोई बदमाश घुसकर कोई घटना को अंजाम न दें।

अब तक नहीं बना कंट्रोल रूम :

पूर्व में जब एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर थे, तब एक योजना बनी थी कि अस्पताल के अंदर और परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों का लाइव प्रसारण कंट्रोल रूम में हो, जो अस्पताल की पुलिस चौकी के पास बनाया जाए। वहां पर 24 घंटे 7 दिनों सुरक्षाकर्मी कैमरों की आंखों से अस्पताल और परिसर की निगरानी करते रहें, जैसे ही गड़बड़ी दिखे, तुरंत वहां मौजूद सुरक्षकर्मी को सूचना देने के साथ ही पुलिस को सूचना दे, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके, लेकिन आज तक ऐसा कंट्रोल रूम नहीं बना, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अधीक्षक कार्यालय में लगे मानिटर पर आती तो है, लेकिन उस पर 24 घंटे नजर रखना तो दूर, कुछ भी घंटे भी किसी की नजर नहीं रहती है और पूर्व अधीक्षक यह निगरानी करते थे कि मीडियाकर्मी कहां जा रहे हैं और किससे मिल रहे हैं।

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