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नागदा जं.: बनबना तालाब का सीना चीर कर सैकड़ों डंपर मुर्रम निकाली

खनिज माफियाओं द्वारा लॉकडाऊन का फायदा उठा बनबना तालाब से सड़क निर्माण के लिए पोकलेन से गड्डे खोद कर लगातार मुर्रम निकली जा रही है, शिकायत के बाद भी अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

नागदा जं., मध्य प्रदेश। खनिज माफियाओं ने लॉकडाऊन का फायदा उठाते हुए शहर का एक मात्र बनबना तालाब का सीना चीर कर अपना लाभ-शुभ कर तालाब में नहाने जाने वाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए, शासन को भी लाखो रूपये के राजस्व का चूना लगाकर लगातार रात-दिन पोकलेन चलाकर सैकड़ों डंपर मुर्रम निकालकर सड़क निर्माण कर दिया। विभाग के अधिकारी की चुप्पी शंका-कुशंका को जन्म दे रही है।

लॉकडाऊन के दौरान हर अधिकारी लोगों को इस महामारी से बचाने में लगे हुए थे। इसका फायदा कुछ मुर्रम माफियाओं ने उठाते हुए लॉकडाऊन के दौरान शहर में एक मात्र बनबना तालाब के सीने को चीरते हुए रात-दिन पोकलेन मशीन लगाकर सैकड़ो डंपर मुर्रम निकालकर सड़क निर्माण में लगा दी। जिससे शासन को करोड़ों रूपये राजस्व का चूना तो लगा ही दिया साथ ही तालाब में नहाने जाने वाले लोगो की जान के साथ भी खिलवाड़ किया। मुर्रम निकालने के कारण तालाब के किनारे ही गहरे गड्डे खोद दिए गए। वहां कोई संकेतक चिन्ह नही होने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जबकी जल उपभोक्ता समिति अध्यक्ष ने अधिकारियों को मामले की शिकायत के साथ पंचनामा भी उपलब्ध करा दिया इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई।

तो रॉयल्टी की ही जांच कर लें :

वैसे सड़क निर्माण के दौरान लगने वाली मुर्रम गिट्टी व मिट्टी की रॉयल्टी होगी तो ही नियमानुसार ठेकेदार का भुगतान होता है। पर अधिकारियों के साठगांठ के चलते फर्जी कागज लगाकर भुगतान हो जाता है। बनबना तालाब से निकाली गई सैकड़ो डंपर मुर्रम के मामले में यदि खनिज विभाग अधिकारी निष्पक्ष जांच करे तो सारा मामला सामने आ सकता है। और शासन को भी करोड़ो रूपये राजस्व मिल सकता है। जांच में सिर्फ इतना ही अधिकारियों को करना है की रूपेटा से बनबना की बनी सड़क में कितनी मुर्रम लगी है और इसकी रॉयल्टी की जांच कर ले।

सिर्फ पैसे के कारण :

पैसे की हवस के चलते कुछ लोग व अधिकारी भी लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं। इसी तालाब में ऐसे ही तालाब से मुर्रम चुराने के कारण किनारे पर ही गहरे गड्डे हो गए थे। इसके चलते चार बालक डुब गए थे। वैसे भी तालाब में इसी के कारण इक्का-दुक्का कई लोग मौत का शिकार हो गए है। इसके बाद भी जवाबदार अधिकारियों की चुप्पी इन खनिज माफियाओं के होंसले बुलंद कर रही है।

इनका कहना :

तालाब में अवैध मुर्रम खुदाई हो रही थी। उसी समय संबंधित अधिकारियों को जानकारी दे दी गई थी। यहां तक की पंचनामा बनाकर भी अधिकारियों को दे दिया गया था। इसके बाद भी कार्यवाही नहीं की गई। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया जाएगा।

करणसिंह शेखावत, अध्यक्ष, जलउपभोक्ता समिति, नागदा

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