ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कांग्रेस सरकार में भले ही भागीदार रहे हो, लेकिन पाला बदलने के बाद अब सुर बदल गए हैं। अब जो कमलनाथ सरकार में मंत्री थे वहीं कह रहे हैं कि अगर 15 माह की सरकार का लेखा-जोखा खुल जाए तो कमलनाथ बाहर नहीं जेल की हवालात में होंगे। यह बात बुधवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कही।
ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए गरीबो के हक को काटने का काम किया था। गरीबों के हक में जो पैसा जाना था उसे अपने एवं अपने बेटे को चुनाव जिताने के लिए छिन्दवाड़ा ले गए। संबल योजना गरीबों के लिए मददगार साबित हो रही थी, लेकिन कमलनाथ ने गरीबों की मदद की योजना को बंद कर दिया था। अब प्रदेश में शिव का राज है तो गरीबो की मदद की योजना संबंल फिर शुरू हो गई है। ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि कमलनाथ व शिवराज में यही अंतर है कि शिवराज गरीबो के बारे में सोचते हैं जबकि कमलनाथ स्वंय के बारे में सोचते हैं। ऊर्जा मंत्री तोमर ने व्यंग भरे लहजे में कहा कि प्रदेश कांग्रेस के सीईओ कमलनाथ के 15 माह के कार्यकाल की जांच कराने की मैं केन्द्र सरकार से मांग करता हूं, अगर जांच हो गई तो कमलनाथ बाहर नहीं जेल की कोठरी के अंदर होंगे।
हमारे सामने कोई चैलेंज नही: सखलेचा
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में जो उप चुनाव होने जा रहे हैं उसमें भाजपा के कोई चुनौती सामने नहीं है। आज देश एवं दुनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माना है वहीं दूसरी तरफ व्यवस्थित टीम तक नहीं है ओर न जमीन पर काम करने वाले लोग फिर कोई चुनौती कैसे हो सकती है। सखलेचा ने बताया कि कमलनाथ धोखे से सरकार में आ गए थे, गांव में कहावत है कि काठ की हांडी बार-बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती। नौजवानों को बेरोजगार भत्ता, 2 लाख तक का ऋण माफ सहित कई बाते कही गई थी, क्या वह पूरी हुई? ऐसे में उप चुनाव में भाजपा के सामने कोई चुनौती हो नहीं सकती।
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