कोरोना की स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार को बाजार से और लेना पड़ेगा कर्ज

भोपाल, मध्य प्रदेश : सरकार को अप्रैल से जुलाई तक 28 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का हुआ नुकसान।
कोरोना की स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार को और लेना पड़ेगा कर्ज
कोरोना की स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार को और लेना पड़ेगा कर्जसांकेतिक चित्र

भोपाल, मध्य प्रदेश। केंद्र सरकार ने कोरोना संकट की वजह से मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को देखते राज्य को लगभग 14 हजार 500 करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर्ज लेने की सशर्त अनुमति दी है। इसे मिलाकर राज्य वर्ष 2020-21 में अब 40 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज ले सकती है।

इसी के चलते अब शिवराज सरकार प्रदेश में वित्तीय प्रबंधन के लिए लगभग हर माह भारतीय रिजर्व बैंक के जरिए वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेगी। सरकार द्वारा विगत जुलाई माह में दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। उधर, कोरोना संक्रमण की स्थिति में यदि सुधार नहीं होता है तो कर्ज पर निर्भरता और बढ़ जाएगी क्योंकि करों से होने वाली आय में करीब 28 हजार करोड़ की कमी आ रही है।

28 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान :

सूत्रों के मुताबिक राज्य में लॉकडाउन के चलते प्रदेश सरकार को अप्रैल से जुलाई तक करीब 28 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। कोविड महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसके कारण करों से होने वाली आय घटी है। इसके मद्देनजर ही प्रदेश सरकार ने इस बार बजट का आकार लगभग 28,000 करोड़ रुपए घटाकर दो लाख पांच हजार करोड़ रुपए से कुछ अधिक रखा है। इसमें भी अधिकांश विभागों पर राशि खर्च करने से पहले वित्त विभाग की अनुमति लेने का प्रावधान कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पिछले माह वित्त सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वित्तीय प्रबंधन पर चर्चा की और निर्देश दिए कि अनावश्यक खर्च पर रोक लगाई जाए क्योंकि आने वाले समय में राशि की जरूरत होगी। इसके मद्देनजर ही मुख्यमंत्री ने अपने वेतन-भत्ता का 30 फीसदी हिस्सा सितंबर तक मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला किया है।

वित्त विभाग से जुड़े अमले ने बताया :

वित्त विभाग से जुड़े अमले ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा स्वीकूति कर्ज लेने की अतिरिक्त सीमा को लेकर बैठक की थी। इसमें निर्देश दिए गए कि जो कर्ज सशर्त मिलना है, उसके लिए शर्तें समय-सीमा में पूरी की जाए ताकि कर्ज लेकर व्यवस्थागत सुधार किए जा सके। वहीं, राज्य की पूर्व से तय सीमा के भीतर कर्ज भी ऐसी रणनीति बनाकर लिया जाए, जिससे विकास परियोजनाओं की गति बनी रहे। बताया जा रहा है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए वित्त विभाग कर्ज लेने की रणनीति को अंतिम रूप देगा। इसमें हर माह जरूरत के मुताबिक कर्ज लेना शामिल है। केंद्र सरकार से लगभग चार हजार करोड़ रुपए का कर्ज बिना शर्त लेने की अनुमति मिली है।

वर्ष 2020 में वित्त विभाग द्वारा लिया गया कर्ज

तारीख - कर्ज की राशि

10 जनवरी - 1000 करोड़

01 फरवरी - 1000 करोड़

22 फरवरी - 1000 करोड़

29 फरवरी - 1000 करोड़

07 मार्च - 1000 करोड़

16 मार्च - 1000 करोड़

20 मार्च - 750 करोड़

26 मार्च - 500 करोड़

01 अप्रैल - 500 करोड़

28 मई - 500 करोड़

05 जून - 500 करोड़

10 जून - 500 करोड़

03 जुलाई - 1000 करोड़

10 जुलाई - 1000 करोड़

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