खनिज विभाग पहुंची अवैध उत्खनन, परिवहन की फाइल

शहडोल, मध्यप्रदेश : सूबे के मुखिया कमलनाथ के द्वारा माफिया के खिलाफ अधिकारियों को फ्री हैण्ड देने के बाद भी अधिकारी कोल माफिया के खिलाफ पूरे मन से कार्यवाही नहीं कर पा रहे है।
सोहागपुर प्रभारी ने मांगे थे डेढ़ लाख: कोटवानी
सोहागपुर प्रभारी ने मांगे थे डेढ़ लाख: कोटवानीAfsar khan

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल में सूबे के मुखिया कमलनाथ के द्वारा माफिया के खिलाफ अधिकारियों को फ्री हैण्ड देने के बाद भी अधिकारी कोल माफिया के खिलाफ पूरे मन से कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं, हालांकि सोहागपुर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के राजेश कोटवानी नामक कोयला व्यवसायी का अवैध कोयले से लदा ट्रेलर पकड़े जाने के बाद भादवि की धारा 379 के तहत तथा अवैध उत्खनन व परिवहन के मामले में खनिज के पास उक्त मामला कायम कर भेज दिया।

लेकिन अभी भी इस मामले में पुलिस कोल माफिया के खिलाफ अपराध कायम नहीं कर पाई है, जबकि घटना को 4 दिन से अधिक का समय बीत चुका है। सोहागपुर थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है, मेले और उसके बाद मंत्री के आगमन के कारण जांच में विलंब हुआ है, लेकिन पुलिस प्रदेश सरकार की मंशा पर खरी उतरेगी, उन्होंने कहा कि आरोपी कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून के हाथ उस तक जरूर पहुंचेंगे।

एक्शन मोड में व्यापारी

19 जनवरी को वाहन जब्त होने के दिन और उसके 2 दिनों बाद तक छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रहने वाले राजेश कोटवानी नामक कोयला व्यवसायी इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे, लेकिन 21 जनवरी को जब धारा 379 के मामले में माननीय न्यायालय ने वाहन छोड़ने के आदेश दिये और इन आदेशों के बाद जब व्यापारी को इस बात की जानकारी लगी कि, पुलिस ने 379 के साथ मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्यवाही कर, आगे की कार्यवाही हेतु फाईल खनिज विभाग भेज दी है तो, व्यापारी एक्शन मोड में आ गये।

सोहागपुर प्रभारी ने मांगे थे डेढ़ लाख: कोटवानी

उन्होंने थाना प्रभारी योगेन्द्र सिंह द्वारा डेढ़ लाख रूपये रिश्वत मांगने के आरोप तो लगाये ही, व्यापारी ने उन पुलिसकर्मियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया, जो 19 जनवरी की सुबह विभाग के मुखिया के आदेश पर अवैध कोयले से लदे वाहन को पकड़ने गये थे, व्यापारी ने कहा कि ट्रक में दस्तावेज होने के बाद भी पुलिस ने दस्तावेजों को अनदेखा किया, यही नहीं चालक के साथ मारपीट तक की गई।

हमारा कोयला वैध था

राजेश कोटवानी ने यह भी बताया कि कोयला बिलासपुर के उनके डिपो से लोड हुआ था, जिसे कटनी जिले के कैमोर नामक स्थान में भेजा जा रहा था, ट्रक 2 से 3 दिनों तक बुढ़ार में खड़ी थी, दूसरा चालक बुढ़ार से चढ़ा था, बिलासपुर से कटनी कोयला भेजने के लिए 5 दिनों का समय होता है, हमारा कोयला वैध था।

पुलिस किसी के इशारे पर हमें परेशान कर रही है, लेकिन कोयला व्यापारी उन दस्तावेजों के मामले में चुप्पी साध गये, जिस ईटीपी के माध्यम से कोयला कब, कहां और किस रूट से जाने के लिए लोड किया गया था। ग्रेड से लेकर रूट की जांच शहडोल सहित अनूपपुर जिले में भी कोयले का अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर दोनों जिलों की पुलिस ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की हैं, जिले के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब अवैध रूप से कोयला उत्खनन कर ले जा रहे वाहन के मालिक ने पूरे पुलिस अमले को ही कटघरे में खड़ा कर खुद को बेदाग बताया है।

खबर है कि पुलिस इस मामले में कोयले की ग्रेड से लेकर उस रूट की जांच कर रही है, जहां से व्यापारी द्वारा कोयला लोड होकर कैमोर भेजे जाने की बातें कही जा रही है, यही नहीं उन चालकों के साथ ही ट्रक मालिक और डिपो के संचालक के अलावा कैमोर स्थित प्लांट के जिम्मेदारों के बयान भी लिये जा सकते हैं। यह बात भी चर्चा में रही की छग के कथित व्यापारी भोपाल स्तर पर जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनवाकर न सिर्फ अपना वाहन बेदाग निकालना चाहते हैं, बल्कि कोयले के कारोबार में अनूपपुर और शहडोल में बाहर के व्यापारी अपने पैर भी जमाने की फिराक में है।

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