अनूपपुर : डोंगरिया को छलनी कर रहा खेड़िया

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : डोंगरिया कला का नाम अब अखबार के पन्नों में इसलिए आ रहा है क्योंकि यहां करोड़पतियों ने चंद खदाने लेकर नियम विरूद्ध कार्य से अरबपति बनने का सपना देख रहे हैं।
डोंगरिया को छलनी कर रहा खेड़िया
डोंगरिया को छलनी कर रहा खेड़ियाRaj Express

हाइलाइट्स :

  • नियम से परे पत्थर का उत्खनन, ब्लास्टिंग भी है जारी

  • पांच वर्षो में नहीं लगाये पौधे, पर्यावरण विभाग की अनदेखी

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। खनिज विभाग द्वारा मंजूर खदानों में नियम कानून ताक पर रखकर पत्थर उत्खनन किया जा रहा है, डोंगरिया कला में खदान ग्रेनाइट की है और पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है, उत्खनन करने खदान की जहां लीज है, उस स्थान को छोड़कर अन्यत्र से पत्थर निकाला जा रहा है, पत्थर निकालने में सबसे अधिक बारूद का उपयोग हो रहा है, पांच वर्षो में पौधे नहीं लगाये गये हैं और पर्यावरण व खनिज विभाग सोशल डिस्टेसिंग मैंटेन कर रहा है।

डोंगरिया कला का नाम अब अखबार के पन्नो में इसलिए आ रहा है क्योंकि यहां करोड़पतियों ने चंद खदानें लेकर नियम विरूद्ध कार्य से अरबपति बनने का सपना देख रहे हैं। यह स्थान उनके नजरों में कुबेर का असली खजाना जैसा लगता है क्योंकि जिम्मेदारों ने पांच वर्षो में इस स्थल का निरीक्षण करना तो भूल ही गये। खदान की अनुमति देते समय खदान संचालकों को किन-किन नियमों का पाठ पढ़ाया गया था उसे तो याद ही नहीं है और पर्यावरण विभाग की नजरें बहुत दूर हैं, शायद इसलिए खदान संचालक अपने आप को डोंगरिया कला का बादशाह मान बैठा और अपने मनमुताबिक गतिविधयों को अंजाम दे रहा है।

ब्लास्टिंग से भूकंप जैसे हालात :

लगातार होने वाली ब्लास्टिंग किसी का भी दिल दहलाने वाली साबित हो रही हैं, कुछ ही दूरी पर गांव में तो हालात बद से बदतर हो गए हैं। उत्खनन की ब्लास्टिंग से गांव में बने मकान और ग्रामवासी अब सुरक्षित नहीं हैं, ब्लास्टिंग के बाद भूकंप जैसे हालात बनते हैं। पत्थर उत्खनन के लिए ब्लास्टिंग का कोई निश्चित समय नहीं है, दिन हो या रात, जब चाहे ब्लास्टिंग कर दी जाती है। मशीनों से होल कराकर बारूद भरी जा रही है, जोरदार ब्लास्टिंग का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं। पर्यावरण के साथ गांव वालों के लिए यह उत्खनन खतरनाक साबित हो रहा है। इसके बाद भी खनिज विभाग और प्रशासन गंभीर नहीं है।

मामला खसरा नंबर-451 का :

जानकारी के अनुसार ग्राम डोंगरिया कला के खसरा नंबर 451 पर 10 हेक्टेयर में लीज और क्रेशर प्लांट स्थापित है। जिसके संचालक है बिजुरी निवासी बालमुकुंंद खेडिया है, जिनके द्वारा ग्रेनाइट और पत्थर की लीज स्वीकृत कराई गई और लेकिन ग्रेनाइट को छोड़कर पत्थर का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है, पूरे कार्य को नियम विरूद्ध तरीके से किया जा रहा है। विभाग के द्वारा अगर निरीक्षण कर जांच की जाती है तो सच पूरी तरह सामने आ जायेगा।

क्रेशर सिर्फ कमाई का जरिया

ग्राम डोंगरिया कला के निकट आम जन के हितों की अनदेखी करके चलाई जा रही क्रेशर सिर्फ कमाई का जरिया बनी है। खनन नियमों के तहत आमजनों के हितों का ख्याल करना तो दूर की बात क्रेशर संचालक द्वारा यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं। प्रशासन कार्य के नाम पर खानापूर्ति के अलावा कुछ भी नहीं कर सका है। यह भी आरोप है कि क्रेशर संचालक द्वारा खदान की सीमा के बाहर ब्लास्टिंग कर पत्थर निकालने का काम किया जा रहा है।

इनका कहना है :

वहां मेरी खदानें हैं, आप आकर मिलिए तो... सब ठीक हो जायेगा।

बालमुकुंंद खेडिया, संचालक, डोगरिया कला ग्रेनाईट/पत्थर खदान

विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया है, कारण बताओ नोटिस भेजने की तैयारी विभाग कर रहा है।

पी.पी. राय, खनिज अधिकारी, अनूपपुर

हम निरीक्षण कराते हैं, अगर किसी भी तरह की कमियां पाई जाती है तो उसे पूर्ण कराया जायेगा और कार्यवाही भी की जायेगी।

संजीम मेहरा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल

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