ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने दल बदला और सत्ता बदलने के बाद उसी विभाग की मंत्री बनी पर इसके बाद भी उनकी जो मंशा थी वह नहीं बदली। मंत्री इमरती देवी ने कांग्रेस शासनकाल में आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अंडे देने की घोषणा की थी तो उस समय भाजपा ने इसका जमकर विरोध किया था, लेकिन अब भाजपा सरकार में मंत्री होने के बाद अंडे की आमलेट कैसे बना पाएंगी, क्या अब भाजपा विरोध नहीं करेगी?
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए इमरती देवी ने आंगनबाड़ी के न्द्रों के लिए बेहतर काम किया था ओर कुपोषण से बचाने के लिए बच्चों को अंडे देने का ऐलान किया था। मंत्री के इस ऐलान पर उस समय भाजपा ने जमकर विरोध करते हुए कई सवाल खड़े किए थे, लेकिन इसके बाद भी मंत्री इमरती ने कहा था कि बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहें और वह कुपोषण से बचें यह जरूरी है अब जो विरोध कर रहा है करने दो, लेकिन हमें तो बच्चो को स्वस्थ्य रखना है। मंत्री के ऐलान के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों में अंडे बच्चों को मिले कि नहीं, क्योंकि इसी बाच प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल हो गई थी ओर कमलनाथ सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। अब भाजपा की सरकार है तो इमरती देवी इसमें भी महिला बाल विकास अधिकारी है। मंत्री की अभी भी इच्छा है कि वह आंगनबाड़ी के न्द्रो में बच्चों को अंडे उपलब्ध कराएं। अब सवाल यह है कि क्या अब मंत्री के निर्णय का भाजपा विरोध करेगी? अगर नहीं तो फिर कांग्रेस कई सवाल खड़े करने से नहीं चूकेगी। सवाल फिर राजनीतिक गलियारों में तैरता फिर रहा है कि क्या इमरती के अंडे की आमलेट इस बार पक सकेगा।
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