ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कोरोना काल में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किया और विभाग की जो योजनाएं हैं उनको धरालत तक पहुंचाने में खासी मेहनत की है। कोरोना संक्रमण रोकने एवं जन सामान्य को घर-घर जाकर जागरूक करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आदि ने कोरोना योद्धा के रूप में अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया है। यह बात प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने सम्मान समारोह में कही।
शुक्रवार को डबरा में कम्युनिटी हॉल में आयोजित कोरोना योद्धा सम्मान समारोह में मंत्री इमरती देवी ने कोरोना योद्धा को सम्मानित किया। कार्यक्रम में भाजपा के नेता मोहन सिंह राठौर, डबरा एवं भितरवार परियोजना की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। मंत्री इमरती देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा विभागीय योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने में अहम भूमिका रही है। इनके इस कार्य को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों एवं मैदानी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि हम प्रदेश को कुपोषण मुक्त करें। इसके लिये हमें कुपोषित ब'चों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें कुपोषण मुक्त कराना है।
मंत्री इमरती ने कहा कि महिला एवं बाल विकास के अधिकारी एवं मैदानी कर्मचारियों की लगन एवं मेहनत का ही परिणाम है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती हेमलता वर्मा की कोरोना सर्वे ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो जाने के कारण मृत्यु हो गई थी, जिनके परिजनों को ग्वालियर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 50 लाख की सहायता राशि प्रदाय की गई। जबकि नियमों को शिथिल कराकर श्रीमती हेमलता वर्मा की पुत्री कु. प्रीति वर्मा को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर संविदा अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय की गई। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को ऐसे विकसित करें कि जो अन्य जिलों के लिये मिशाल बनें।
मोहन सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। जिसके पीछे प्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री की लगन, मेहनत एवं सूझबूझ का परिणाम है। इसी कड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का भी सम्मान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सखी संवाद के माध्यम से महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की समस्याओं के निराकरण की पहल की गई थी। जिसके अ'छे परिणाम प्राप्त हुए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्वरूप में बदलाव आया है। केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है।
कार्यक्रम के शुरू में महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने कोरोना योद्धा सम्मान समारोह की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं मैदानी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर मरीजों की पहचान का कार्य पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ किया।
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