मैदान में डटे रहे निर्दलीय और बागी तो बिगड़ेगा चुनावी समीकरण
मैदान में डटे रहे निर्दलीय और बागी तो बिगड़ेगा चुनावी समीकरणSyed Dabeer Hussain - RE

मैदान में डटे रहे निर्दलीय और बागी तो बिगड़ेगा चुनावी समीकरण, आज पर्चा निकालने की आखिरी तारीख

भोपाल, मध्यप्रदेश : नगर निगम चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी का चुनावी समीकरण आम आदमी पार्टी और बड़ी संख्या में आजाद उम्मीदवार बिगाड़ सकते हैं।

भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी का चुनावी समीकरण आम आदमी पार्टी और बड़ी संख्या में आजाद उम्मीदवार बिगाड़ सकते हैं। अभी नगर निगम के 85 वार्डों में 810 प्रत्याशी मैदान में हैं। ऐसे में बागियों ने फार्म वापस नहीं लिए तो कांग्रेस-बीजेपी को चुनाव लड़ने में खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। हालांकि बुधवार को फार्म वापस लेने की आखिरी तारीख है। इधर पार्टियों से टिकट मिलने के बाद प्रत्याशी मान-मनोबल कर बागियों को फार्म वापस लेने के लिए मना रहे हैं। वहीं पार्टी स्तर पर भी यह प्रयास चल रहा है। जहां बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं और दावेदारी करने वाले नेताओं को निर्देश दिए हैं कि टिकट न मिलने की स्थिति में फार्म वापस ले लें। तो वहीं कांग्रेस ने भी बागियों को मनाने के लिए टीम बना दी है।

बुधवार की शाम तक तय हो जाएगा कि चुनावी मैदान में कौन-कौन प्रत्याशी होंगे। वहीं शुक्रवार से गली-मोहल्लों में चुनावी प्रचार के लिए लाउडस्पीकरों की आवाजें गुंजने लगेंगी। भोपाल के 85 वार्डों में अभी 810 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसके अलावा महापौर के लिए कांग्रेस-बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के अलावा लगभग 8 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। हालांकि अगले 12 घंटों में प्रत्याशियों की संख्या की स्थिति साफ हो जाएगी। लेकिन बागियों और आजाद उम्मीदवारों ने फार्म वापस नहीं लिए तो कांग्रेस-बीजेपी का चुनावी समीकरण बिगड़ जाएगा। वर्तमान में ऐसे भी वार्ड हैं, जहां से 18-18 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है। ऐसे में 23 हजार से 28 हजार जनसंख्या वाले वार्ड में मतदाताओं को मतदान के दौरान प्रत्याशियों का चयन करना मुश्किल होगा और कम मतों से जीत-हार तय हो जाएगी।

7 साल पहले 458 प्रत्याशी थे मैदान में :

वर्ष 2015 के नगर निगम चुनाव में पार्षदी के लिए 458 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया था और अभी 810 मैदान में हैं। पिछले चुनाव में 200 से 2 हजार वोटों के अंतराल में पार्षदों की जीत-हार हो गई थी। इस लिहाज से अगर 85 वार्डों में इतनी बड़ी संख्या में प्रत्याशी मैदान में डटे रहे तो 100 से 500 मतों में ही जीत-हार हो जाएगी। ऐसी स्थिति में राजनेतिक पार्टियां भी चिंतित हैं कि अगर बागियों ने फार्म नहीं निकाले तो चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com