पीजी में एडमिशन के नाम पर साढ़े 26 लाख वसूले, बिना एडमिशन 3 साल पढ़ाते रहे

इंदौर, मध्य प्रदेश : इंडेक्स मेडिकल कालेज में मेडिकल भर्ती के नाम से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। कोर्ट में दायर हुई याचिका।
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज पर धोखाधड़ी का आरोप
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज पर धोखाधड़ी का आरोपSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। इंडेक्स मेडिकल कालेज में मेडिकल भर्ती के नाम से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। लखनऊ की डॉ. उपमा श्री इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस किया था तथा 2016 में पैथलॉजी में पीजी के लिये उनका एडमिशन करने का कहकर 26 लाख 60 हजार पेमेंट लिया। इसकी विधिवत रसीद भी उन्हें मिल गई। एमबीबीएस के बाद उन्हें पीजी पैथोलॉजी में एडमिशन भी दे दी गई किंतु डॉक्टर 3 वर्षों तक कॉलेज में क्लाट अटेंड करते रहे। तीन साल बाद भी पीजी की डिग्री नहीं मिली तब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में आरटीआई लगाकर पीजी पैथॉलाजी के छात्रों की सूची मांगी, तो यह घोटाला उजागर हुआ और पता चला कि वे तो पीजी की स्टूडेंट के रूप में कही पर एनरोल ही नहीं हैं।

शहर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई है। डॉ.उमाश्री सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा है कि उक्त कॉलेज ने उनसे पीजी (पैथलॉजी) में एडमिशन देने के नाम पर 26 लाख 60 हजार रुपए जमा करवा लिए। तीन साल तक कॉलेज प्रबंधन कहता रहा कि उनका एडमिशन हो गया है। शक होने पर जब उन्होंने मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से पैथालॉजी के पीजी छात्रों की सूची हासिल की तो मालूम हुआ कि उनका नाम लिस्ट में है ही नहीं। उनका एडमिशन पीजी में हुआ ही नहीं था। याचिका में मांग की है कि एडमिशन के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े की सीबीआइ जांच करवाई। कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर, मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया और डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

फीस वापस दिलाएं, एक करोड़ का मुआवजा दिलाया जाए :

एडवोकेट आदित्य संघी ने बताया कि डॉ.उमाश्री ने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज से 2016 में एमबीबीएस की पढाई पूरी की थी। 2017 में कॉलेज डायरेक्टर ने उनसे कहा कि नई नीति के तहत कॉलेज को कुछ सीटों पर सीधे एडमिशन के अधिकार हैं। क्या उन्हें पीजी (पैथलॉजी) में एडमिशन चाहिए। डायरेक्टर की बात पर विश्वास करते हुए डॉ.उमाश्री ने तीन साल में 26 लाख 60 हजार रुपए इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में डीडी के जरिए जमा कराए। इस दौरान उनकी कभी कोई परीक्षा नहीं ली गई। कॉलेज प्रबंधन से पूछने पर हर बार कहा जाता था कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। शक होने पर उन्होंने एमसीआई से 2017 में पीजी (पैथलॉजी) में एडमिशन लेने वाले डॉक्टरों की सूची हासिल की। इसमें उनका नाम ही नहीं था। कॉलेज बगैर एडमिशन ही उनसे मोटी रकम वसूलता रहा। कॉलेज द्वारा जारी रसीद में भी उमाश्री को पीजी (पैथलॉजी) स्टूडेंट लिखा जाता था। खुद को ठगा महसूस कर रही डॉ.सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें मांग की है कि उन्हें इंडेक्स मेडिकल कॉलेज से 26 लाख 60 हजार रुपए वापस दिलवाए जाएं। फर्जीवाडे की वजह से उनके तीन सुनहरे साल बर्बाद हुए हैं। इसके एवज में उन्हें एक करोड़ रुपए मुआवजा दिलवाए जाए और इस मामले की सीबीआइ जांच करवाई जाए। बुधवार को हाई कोर्ट की युगल पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी कर दिए। उल्लेखनीय है कि व्यापमं घोटाले में भी कॉलेज और प्रबंधन का नाम सामने आ चुका है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co