इंदौर : राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकारी खाते से क्यों किया भुगतान

इंदौर, मध्य प्रदेश : हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब। मामला सांवेर विधानसभा में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए 600 बसें अधिग्रहित किए जाने का।
राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकारी खाते से क्यों किया भुगतान
राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकारी खाते से क्यों किया भुगतानSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। इंदौर जिले के सांवेर में हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम के लिए 600 बसों के अधिग्रहण का मामला हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पहुंच गया है। इसे लेकर एक जनहित याचिका दायर हुई है। इसमें कहा है कि राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकार ने अपने खाते से भुगतान किया है। केंद्र की गाइडलाइन को दरकिनार कर हजारों लोगों की भीड़ जुटाई गई। हाईकोर्ट ने शासन, जिला प्रशासन और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न बसों के अधिग्रहण पर खर्च की गई रकम की वसूली अधिकारियों से की जाए। क्यों न मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के नाम पर हुए खर्च को चुनाव खर्च में जोड़ा जाए। कोर्ट मामले में अब चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी। इंदौर, मध्य प्रदेश। इंदौर जिले के सांवेर में हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम के लिए 600 बसों के अधिग्रहण का मामला हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पहुंच गया है। इसे लेकर एक जनहित याचिका दायर हुई है। इसमें कहा है कि राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकार ने अपने खाते से भुगतान किया है। केंद्र की गाइडलाइन को दरकिनार कर हजारों लोगों की भीड़ जुटाई गई। हाईकोर्ट ने शासन, जिला प्रशासन और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न बसों के अधिग्रहण पर खर्च की गई रकम की वसूली अधिकारियों से की जाए। क्यों न मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के नाम पर हुए खर्च को चुनाव खर्च में जोड़ा जाए। कोर्ट मामले में अब चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।

हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका कांग्रेस के प्रवक्ता जयेश गुरनानी ने दायर की है। इसमें कहा है कि 26 सितंबर 2020 को सांवेर क्षेत्र में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें भीड़ जुटाने के लिए 600 बसों को अधिग्रहित किया गया था। बसों के डीजल और अन्य व्यय का भुगतान शासन के मद से किया गया, जबकि यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक था। यहां बता दें कि सांवेर में उपचुनाव होना है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री की सभा आयोजित की गई थी। याचिका में कहा है कि केंद्र द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक सिर्फ 100 लोगों की अनुमति थी बावजूद इसके हजारों की भीड़ जमा की गई। मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में करवाई जाए। इसके लिए सीनियर एडवोकेट या सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए। कोर्ट ने चुनाव आयोग, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर सहित अन्य से जवाब मांगा है।

केंद्रीय चुनाव आयोग, मुख्य सचिव मप्र समेत आठ को नोटिस जारी :

मंगलवार को डिविजन बेंच ने सुनवाई करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग, मुख्य सचिव सहित आठ को नोटिस जारी किए हैं। अधिवक्ता गौरव वर्मा के तर्कों से सहमत होते हुए भारत निर्वाचन आयोग, मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग, मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर जिला इंदौर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास इंदौर संभाग एवं कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास सनावद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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