लॉकडाउन बढ़ाने से बेहतर लोगों को सीखना होगा सावधान रहना

इंदौर ऐसा पहला शहर है, जहां पर लगातार कर्फ्यू जारी है और केवल दवा दुकान और अब आटा चक्की को खोलने की छूट दी जा रही है। ऐसा कब तक चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं।
लॉकडाउन बढ़ाने से बेहतर लोगों को सीखना होगा सावधान रहना
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राज एक्सप्रेस। एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ाते हुए उसे 31 मई तक कर दिया गया है।लॉकडाउन एक साथ पूरे देश में बढ़ाया गया है। जहां देश के अन्य हिस्सों में तीनों श्रेणी ग्रीन, ओरेंज और रेड में कम-ज्यादा छूट मिल रही है, लेकिन देश का शायद इंदौर ऐसा पहला शहर है, जहां पर लगातार कर्फ्यू जारी है और केवल दवा दुकान और अब आटा चक्की को खोलने की छूट दी जा रही है। ऐसा कब तक चलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

एक न एक दिन तो खोलना होगा लॉकडाउन

वहीं शहर में चल रहे कर्फ़्यू को लेकर अब सवाल उठना शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन बढ़ाने से या कर्फ़्यू लगाने से कोरोना संक्रमण पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा? एक न एक दिन तो लॉकडाउन खोलना होगा। लॉकडाउन में कर्फ्यू लगाने या बहुत ज्यादा सख्ती करने से बेहतर है कि लोगों को कोरोना संक्रमण से सावधनी बरतना सीखना होगा? कड़े नियम बनाना होंगे और उनका पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना होगी, तभी सभी व्यवस्थाएं पटरी पर आ पाएंगी।

मास्क, हैंड ग्लब्ज, सेनिटाइजर किया जाए अनिवार्य

विशेषज्ञों का कहना है कि जो दुकानें खोली जाएं, उसके संचालक और स्टाफ के लिए मास्क, हैंड ग्लब्ज और सेनिटाइजर अनिवार्य किए जा रहे हैं, वहीं घर के बाहर निकलने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए भी इसे अनिवार्य किया जाना चाहिए। जो इसका पालन न करे, उसे उसी तरह से दंड दिया जाए, जिस प्रकार वर्तमान में कर्फ़्यू में बाहर बेवजह बाहर निकलने वालों को दिया जा रहा है। सामाजिक संस्थाएं जिस प्रकार से लोगों को वर्तमान में भोजन दे रही हैं। उसी तरह से लोगों को मास्क, हैंड ग्लब्ज, सेनिटाइजर उपलब्ध कराया, ताकि हर व्यक्ति की पहुंच में हो और वह इसका इस्तेमाल करे। घरों में लोगों को कब तक कैद किया जा सकता है? इससे बेहतर होगा कि लोगों को हमेशा के लिए कोरोना जैसे संक्रमण से बचने के लिए तैयार करना होगा। नहीं तो जब भी लॉकडाउन पूरी तरह से खुलेगा, प्रशासन के साथ ही आमजन की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

मुफ्त भोजन कब तक देते रहेंगे?

जानकारों का कहना है कि गत करीब दो माह से लाकडाउन जारी है। इस दौरान विभिन्न सामाजिक संगठन, संस्था, नगर निगम और अन्य विभाग गरीब और मजबूर लोगों को बना हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन ऐसा कब तक किया जाता रहेगा? इस प्रकार से लोगों में बैठकर खाने और काम न करने की आदत हो जाएगी। वर्तमान में ऐसा हो भी रहा है। कई काम ऐसे हैं, जो लोग घरों पर आसानी से कर सकते हैं, लेकिन वो नहीं कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं कि लॉकडाउन के बाद करेंगे। वहीं नगर निगम द्वारा बांटा जा रहा कच्चा राशन अभी भी कई जरूरतमंदों की पहुंच से दूर है। हालत यह है कि कुछ लोगों को यह इतना मिल रहा है कि उसे दूसरों को बेच रहे हैं। सबसे ज्यादा हालत निम्न मध्यम वर्गीय परिवार की हैं, जो किराए के मकानों या अपने स्वयं के मकानों में रहते हैं। उन तक सरकारी और न ही सामाजिक मदद नहीं पहुंच रही है। उनके हालत ऐसे हो गए हैं कि वह किसी से मांग भी नहीं सकते, क्योंकि कभी इस तरह के हालत से दो-चार नहीं हुए हैं। यह लोग लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कुछ काम कर कमा सकें और अपने घर का खर्चा उठा सकें, लेकिन लॉकडाउन लगातार आगे बढ़ने से वो बहुत ज्यादा परेशान हो उठे हैं।

पॉजटिव केस तो निकलते रहेंगे

वर्तमान में इंदौर में कोरोना टेस्ट की तादाद बढ़ा दी गई है। शनिवार को 2182 सेंपल की जांच की गई, जिसमें से 91 मरीज पाजिटिव निकले। अब तक करीब 22 हजार 827 सेंपल जांचें गए हैं, जिनमें से 2470 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है और एक अनुमान के मुताबिक शहर की आबादी 25 लाख से अधिक है यानि यदि शहर की 40-50 प्रतिशत लोगों की जांच आगामी में दिनों में की जाती रहेगी, तो संभवत: दो-चार माह तक पॉजिटिव केस निकलते रहेंगे। ऐसे में कब तक कर्फ़्यू और लाकडाउन के सहारे लोगों को घरों में कैद रखा जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को अब कोरोना जैसे वायरस के साथ जीने की आदत डालना होगी और सोशल डिस्टेसिंग, सेनिटाइजर, मास्क, ग्लब्ज, कैप आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा, तभी जिंदगी की रफ्तार लौटेगी।

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