एमवायएच में पहले डॉक्टर को पीटा, फिर पीटने वालों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा

इंदौर, मध्यप्रदेश : प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल बुधवार को एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। अस्पताल में जमकर हंगामा और मारपीट हुई।
एमवायएच में पहले डॉक्टर को पीटा, फिर पीटने वालों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा
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हाइलाइट्स :

  • एक घंटे तक अस्पताल में रहा अफरा-तफरी का माहौल, कर्मचारी ऑफिस बंद कर दुबके

  • कई माह से वेतन न मिलने के कारण एमवायएच पहुंचे थे निजी कंपनी के कर्मचारी

  • धरने पर एमवायएच की सीढ़ियों पर बैठकर रास्ता रोका, इसके बाद शुरू हुआ विवाद

इंदौर, मध्यप्रदेश। प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल बुधवार को एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। अस्पताल में जमकर हंगामा और मारपीट हुई। हालत यह रही कि करीब एक घंटा अस्पताल की तल मंजिल पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। हंगामा उस वक्त शुरू हुआ, जब एमटीएच और सुपर स्पेशलिटी में एचएलएल कंपनी के आउटसोर्स के कर्मचारी तीन माह से वेतन न मिलने को लेकर अस्पताल के ऑडिटोरियम केपास बने एचएलएल कंपनी के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे।

करीब 40-50 की संख्या में एचएचएल के पहुंचे कर्मचारी हंगामा करते हुए अस्पताल के इंट्रेस की सीढिय़ों पर बैठकर नारेबाजी और गाली-गलौज करने लगे। इसी दौरान यहां से हड्डी रोग विभाग के दो जूनियर डॉक्टर डा. सुभाष मिश्रा और डा. अंशुल मीणा गुजरे और प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को हटाते हुए दूसरे मंजिल स्थित वार्ड में सीढ़ियों से जाने लगे। इसी दौरान इन्हें प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने पीछे से मारा। इसके बाद दो-तीन और प्रदर्शन करने वालों ने दोनों को मारना शुरू कर दिया।

जूनियर डॉक्टर्स एकत्र हुए, जमकर हुई सुताई :

मार खाने के बाद दोनों डॉक्टर्स वहां से चले गए और पूरी घटना की अपने साथियों को बताई। इसके बाद घटनास्थल पर जूनियर डॉक्टर एकत्र हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इसके बाद इन जूनियर डॉक्टर्स और एमवायएच के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे एचएलएल के कर्मचारियों की सुताई शुरू कर दी। इससे यहां भगदड़ की स्थिति बन गई। वार्ड में ऊपर जाने के लिए खड़े अटेंडर इस घटनाक्रम से भागे, तो कई लोग गिर गए। वहीं एचएलएल के कर्मचारी भी यहां से पीटते हुए बाहर भागे। इस दौरान अस्पताल की तल मंजिल के कॉरिडोर पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मारो, पकड़ो, भागो की आवाजें गूंजने लगी। डरकर तल मंजिल स्थित कार्यालय को कर्मचारियों ने अंदर से बंद कर दिया।

बाहर एकत्र हुए, तो महिलाएं भी पीटी :

अंदर से भागकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी केजुल्टी के बाहर एकत्र हुए, तो यहां भी अस्पताल के गार्ड और अन्य लोगों ने इनकी पिटाई शुरू कर दी। प्रदर्शन में मौजूद महिला कर्मचारियों की भी पिटाई हो गई। यहां भी हंगामा हो गया और एचएलएल के प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी जान बचाकर भागे। इस दौरान इनमें से कई कर्मचारी घायल हो गए और उन्हें चोट भी आई। इन कर्मचारियों का कहना था कि हमने कोरोना काल में जी-तोड़ मेहनतकर एमटीएच और सुपर स्पेशलिटी में जान जोखिम डालकर काम किया, लेकिन कई माह से वेतन ही नहीं मिल रहा है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में भी गए थे, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि भोपाल से ही रुपया नहीं आया, तो हम कहां से दें?

डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत की पुलिस में शिकायत :

इस मामले को अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए एमवायएच के अंदर प्रदर्शन करने पहुंचे एचएलएल के कर्मचारियों, जिन्होंने जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट की थी के खिलाफ थाना संयोगितागंज में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के साथ ही अन्य धाराओ में कार्रवाई की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मारपीट का शिकार हुए एचएलएल के कर्मचारियों ने भी जूनियर डॉक्टर के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

इतने लोगों को अंदर कैसे आने दिया?

इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एमवायएच प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हर माह लाखों रुपए का भुगतान निजी कंपनी को कर रहा है, तो इन प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने गेट पर ही क्यों नहीं रोका। यदि आक्रोशित प्रदर्शनकारी और अधिक उग्र होकर वार्ड के अंदर पहुंच जाते या अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स, मरीज, अटेंडर के साथ मारपीट शुरू कर देते या अस्पताल की संपति को नुकसान पहुंचा देते तो क्या होता? आम गरीब मरीजों के अटेंडर को बलपूर्वक गेट पर रोका जाता है। मरीजों के लिए लाए फल, खाना आदि छीन लिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ 10-10 रुपए देकर चाहे जिसे अंदर आने दिया जाता है और बुधवार को 40-50 लोग कैसे अंदर आ गए, जबकि वो बाहर से नारेबाजी करते हुए आ रहे थे।

लिफ्ट चालू होती तो नहीं होता हंगामा :

हंगामा का एक बड़ा कारण डॉक्टर्स, स्टाफ लिफ्ट का बंद होना भी है। लिफ्ट बंद थी, जिसके कारण डॉक्टर सीढ़ियों से जा रहे थे। बताया गया कि लिफ्ट का मेंटेनेंस का कार्य भी अस्पताल ने यूडीएस (जिसने अपना काम एचएलएल को दिया हुआ है) को सौंपा हुआ है, वो समय पर लिफ्ट ठीक नहीं करती है। इस कारण यह दिक्कत आती है। पूर्व भी जब स्थानीय कंपनी के पास लिफ्ट मेंटेनेंस का ठेका था, तो तकनीकी कर्मचारी अस्पताल में तैनात रहते थे और हाथों-हाथ सुधार देते थे।

कंपनी पर किया अर्थदंड, एफआईआर भी कराई :

अस्पताल में हुए हंगामे को लेकर हम गंभीर है। इस मामले में मारपीट करने वाले एचएलएल के कर्मचारियों के खिलाफ थाना संयोगितागंज में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए आवेदन दिया गया है। साथ ही अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था देखने वाली एचएलएल कंपनी को भी कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इस मामले में हम आगे भी सख्त कदम उठाने जा रहे हैं।

डॉ. पीएस ठाकुर, अधीक्षक, एमवायएच, इंदौर

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