पहले अस्पताल के बढ़ाए बेड, पोल खुली तो लगाई कम करने की गुहार
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Indore : पहले अस्पताल के बढ़ाए बेड, पोल खुली तो लगाई कम करने की गुहार

इंदौर, मध्यप्रदेश : स्वास्थ्य विभाग पर आरोप निजी अस्पताल को बिस्तर क्षमता बढ़ाने की दे दी थी अनुमति।

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर के एक निजी नर्सिंग कॉलेज से संबद्ध अस्पताल की बिस्तर क्षमता स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने ही बढ़ा दी। जब मामले में शिकायत हुई तो जांच बैठाते हुए जांच का जिम्मा भी उन्हीं अफसरों को दे दिया, जिन्होंने यह कारनामा किया था। जब मामले में स्वास्थ्य विभाग और प्रबंधन की पोल खुलने लगी तो तुरंत ही अस्पताल के बेड कम करने का आवेदन दे दिया। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत सामने आई है।

मामला राऊ स्थित एएनएस हॉस्पिटल का है, जहां पर स्वास्थ्य विभाग ने आधारभूत संरचना और सुविधाओं का देखते हुए पिछले वर्ष मात्र 50 बेड पर ही अस्पताल संचालन की अनुमति दी थी। यह अनुमति स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसरों द्वारा दी गई थी।

अस्पताल शुरू हुए एक वर्ष भी नहीं हुआ है कि अस्पताल ने फिर से 50 बेड बढ़ाने की अनुमति मांग ली। इस बार भी अफसरों ने नर्सिंग होम एक्ट समेत अस्पताल संचालन के लिए संसाधन व स्टॉफ की जरूरत को नजरअंदाज करते हुए 50 बेड अतिरिक्त रूप से बढ़ाने की अनुमति दे भी दी। जब मामले में अस्पताल के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की गई। बड़ी बात यह है कि मामले में शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच बैठाई और जांच का जिम्मा भी उन्हीं झोनल व ब्लॉक मेडिकल ऑफिसरों को दिया गया, जिन्होंने अस्पताल की बेड क्षमता बढ़ाने की अनुमति के लिए अनुशंसा की थी। मामले के तूल पकडऩे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच अधिकारी बदलने के साथ है अस्पताल का संचालन जारी रखने के लिए 50 बेड कम करने का आवेदन ले लिया इस पूरे मामले में जहां नर्सिंग कॉलेज की आड़ में चल रहे अस्पताल और स्वास्थ विभाग के अफसरों की मिलीभगत सामने आई है वही बगैर सुविधाओं के कागजी तौर पर अस्पताल के बेड बढ़ाने और घटाने का खेल उजागर हुआ है। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या का कहना था कि इस मामले की मुझे विस्तार से जानकारी नहीं, मैं दिखवाता हूं।

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