इंदौर, मध्यप्रदेश। करीब साढ़े पांच महीने बाद कॉलेजों में स्टूडेंट्स की चहल-कदमी दिखाई देने लगी है। श्री अटल बिहारी शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय (जीएसीसी) में कुछ ही स्टूडेंट्स नजर आए। अधिकांश प्रोफेसर तो तय समय पर कैंपस पहुंच गए थे। पहले दिन जरुर स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग से जांच की गई, लेकिन दूसरे दिन ना तो टेम्परेचर नापा गया ना ही मास्क को लेकर कोई रोक टोक करने वाला नजर आया। कॉलेज में एडमिशन का दौरा चल रहा है, जिसके चलते शहर ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों के भी स्टूडेंट्स गुरुवार को महाविद्यालय पहुंचे। महाविद्यालय की एमबीए बिल्डिंग में पहुंचने के लिए स्टूडेंट्स को बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ा। महाविद्यालय की एमबीए बिल्डिंग में पहुंचने के लिए स्टूडेंट्स को पानी और कीचड़ से होकर गुजरना पड़ा। दरअसल बिल्डिंग के आस-पास पानी जमा होने की वजह से एडमिशन लेने आने वाले स्टूडेंट्स को काफी परेशानी उठाना पड़ रही है। स्टूडेंट्स का कहना हैं शासकीय महाविद्यालय की हालत खराब जरुर होती है लेकिन इतनी भी नहीं की विभाग तक पहुंचने के लिए कीचड़ में से होकर गुजरना पड़े। इतना ही नहीं महाविद्यालय के अंदर की छत से पानी तक टपक रहा है।
कोई नहीं था जांच करने वाला :
उच्च शिक्षा विभाग ने सभी को निर्देश दिए हैं महाविद्यालय में शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टॉफ 100 प्रतिशत उपस्थित के साथ और स्टूडेंट्स 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ उपस्थित रहेंगे। विभाग की ओर से कॉलेजों को सख्त निर्देश है कि पहले सेनेटाइज करवाया जाए, इसके बाद कॉलेज में आने वाले स्टूडेंट्स की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही उनका वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पैरेंट्स का अनुमति पत्र देखा जाए। लेकिन उक्त महाविद्यालय में ना तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग करने वाला मौजूद था ना ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखने वाला। अधिकारी एडमिशन करवाने में व्यस्त थे तो वहीं अन्य कर्मचारी अपनी मस्ती में मस्त थे।
अलग-अलग समूह बनाकर शुरु किए जाएंगे प्रायोगिक और शैक्षणिक कार्य
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों को ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखने को कहा है, क्योंकि ऑफलाइन कक्षाओं के लिए उपस्थिति अनिवार्य नहीं की गई है। लाइब्रेरी को फिर से खोलने की अनुमति दी गई है इसलिए इन स्थानों को यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि प्रवेश करने वाले स्टूडेंट की थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। आधिकारिक वेबसाइट पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, केवल 50 फीसदी स्टूडेंट्स के साथ कक्षाओं को ऑफलाइन मोड में संचालित किया जा रहा है। स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए होस्टल और लाइब्रेरी को भी फिर से खोलने की अनुमति दी गई है। शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स की अधिक संख्या होने की स्थिति में अलग-अलग समूह बनाकर प्रायोगिक और शैक्षणिक कार्य शुरु किया जा सकता है। यह सुरक्षा प्रोटोकॉल के आधार पर किया जाना है।
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