इंदौर: पारंपरिक 'हिंगोट युद्ध' में जमकर चले अग्निबाण, कई घायल
हाइलाइट्स :
प्रेम प्रदर्शन का अजब त्योहार
दिवाली के दूसरे दिन इंदौर में सदियों पुरानी परंपरा 'हिंगोट युद्ध' का आयोजन हुआ
तुर्रा-कलंगी दल के योद्धाओं के बीच चले अग्निबाण
इस दौरान कई घायल हो गए
राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के इंदौर के पास देपालपुर तहसील में पारंपरिक रूप से दीपावली के दूसरे दिन खेले जाने वाले हिंगोट (अग्निबाण) युद्ध में सोमवार को 20 से ज्यादा योद्धा (खिलाड़ी) घायल हो गए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले के देपालपुर के गौतमपुरा स्थित देव नारायण मंदिर के खेल मैदान पर सोमवार को पारंपरिक गौतमपुरा के तुर्रा और रुणजी गांव के कलंगी के दल आमने-सामने हुए।
इस हैरतअंगेज खेल में सोमवार को 22 के लगभग खिलाड़ी घायल हो गए हैं, जिन्हे खेल मैदान के नजदीक तैनात एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है। पिछले वर्षों से सबक लेकर स्थानीय प्रशासन ने दर्शक दीर्घा और खेल मैदान के बीच लगभग आठ फिट ऊंची जालीदार बेरिकेटिंग कर रखी थी, जिसके चलते इस वर्ष दर्शकदीर्घा में बैठे किसी जनसमान्य के घायल अथवा चोटिल होने की सूचना नहीं है।
पांच हजार दर्शक थे मौजूद
आयोजन में विशेष रूप से इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और स्थानीय विधायक विशाल पटेल भी मौजूद रहे। श्री पटेल ने इस मौके पर बताया कि, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के आमंत्रण पर वर्ष 1984 में दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में हिंगोट युद्ध का प्रदर्शन किया गया था। इस आयोजन को देखने के लिए देशविदेश के दर्शक यहां पहुंचते हैं।
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