इंदौर : ग्रेटर कैलाश अस्पताल में हुई चूक, शवों को बदल दिया

इंदौर, मध्य प्रदेश : शहर के निजी अस्पतालों की लापरवाही लगातार सामने आ रही हैं। एक बार फिर ग्रेटर कैलाश अस्पताल में लापरवाही का मामला शनिवार को सामने आया।
ग्रेटर कैलाश अस्पताल में हुई चूक
ग्रेटर कैलाश अस्पताल में हुई चूकSocial Media

हाइलाइट्स :

  • परिजन अपना समझ शव ले गए थे 80 किमी दूर

  • नॉन कोविड मान शव के साथ ही बैठे थे परिजन

  • बदले में दे दिया कोविड पॉजिटिव का शव

इंदौर, मध्य प्रदेश। शहर के निजी अस्पतालों की लापरवाही लगातार सामने आ रही हैं। एक बार फिर ग्रेटर कैलाश अस्पताल में लापरवाही का मामला शनिवार को सामने आया। खंडवा के एक बर्तन व्यापारी की ग्रेटर कैलाश में इलाज के दौरान मौत हो गई। वो कैंसर से पीड़ित थे। परिजनों को अस्पताल की ओर से सौंपा गया वो महू के किसी अन्य व्यक्ति का था। इस बात की खबर परिजनों को तब लगी, जब वो शव लेकर इंदौर से 80 किलोमीटर दूर सनावद में पहुंच गए थे।

इस दौरान तभी दूसरा पक्ष महू से अस्पताल अपने परिजन का शव लेने अस्पताल पहुंचा तो मामले का खुलासा हुआ। तुरंत खंडवा के परिवार को फोन पर सूचना दी गई। जैसे ही उन तक खबर पहुंची के जो शव वो लेकर गए हैं, वो कोरोना पॉजिटिव मरीज का है और तुरंत वापस लेकर आएं, तो परिजनों में हड़कंप मच गया, क्योंकि वो शव के साथ बैठकर ही घर जा रहे थे।

लंग्स के कैंसर के इलाज के लिए हुए थे भर्ती :

गेंदालाल राठौर निवासी खंडवा को 4 दिन पूर्व पलासिया स्थित ग्रैटर कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बेटे नितिन ने बताया कि हमारी खंडवा में शक्ति मेटल्स और विवेक मेटल्स नाम से पुरानी फर्म खंडवा में हैं। उनके पिता को लंग्स में कैंसर था, वह नॉन कोविड थे और कैंसर के इलाज के लिए इंदौर के ग्रेटर कैलाश अस्पताल आए थे। यहां अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें कोविड संदिग्ध मानते हुए आईसीयू में भर्ती कर दिया था। बेटे की हालत रात तक ठीक थी, पिता ने यह बताया था कि उन्हें काफी दर तक बैठा रखा, इस वजह से उन्हें थकान हो रही है। देर रात बेटे नितिन के पास अस्पताल से फोन आया कि पिता की हालत नाजुक है। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। बेटा नितिन वार्ड तक पहुंचता, उसके पहले ही खबर आ गई कि गेंदालाल राठौर का निधन हो गया है। शव को हमें सौंप दिया गया। शव को पूरा पैक कर दिया गया था और खोलने से मना किया गया था। बेटे नितिन का आरोप है कि वह शव लेकर खंडवा के लिए रवाना हो गए थे। करीब 80 किमी दूर सनावद में फोन आने के बाद वह शव लेकर लौटे। यहां पर दोनों ही परिवारों ने इस लापरवाही को लेकर जमकर हंगामा किया।

अस्पताल लगातार बना हुआ है चर्चा में :

उल्लेखनीय है कि पिछले दोनों ख्यात डॉक्टर एमवायएच के पूर्व सीएमओ डॉ. जीएस मित्तल के परिजनों ने आरोप लगाया था कि डॉ. मित्तल को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया था, समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई है। वहीं रुपए नहीं मिलने से अस्पताल के डाक्टरों ने अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में शव बदलने का मामला सामने आने से अस्पताल एक बार सुर्खियों में आ गया है। वहीं अस्पताल संचालक डॉ. अनिल बंडी ने मीडिया से कहा कि दो शव एक साथ रखे होने के कारण यह चूक हुई है, जो बड़ी गलती है और इसे स्वीकार करते हैं।

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