Indore Fire Follow-up : आग लगाने वाले को सरेआम फांसी हो, मकान मालिक पर हत्या का केस दर्ज हो

इंदौर : स्वर्णबाग कालोनी में लगी आग में ये खुलासा हुआ है कि आग लगी नहीं थी लगाई गई थी। इसके बाद आम लोगों ने ये मांग करना शुरु कर दी है कि जिसने ये हरकत की है उसे सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए।
घटनास्थल पर पुलिस कमिश्नर और एफएसएल की टीम जांच करने पहुंचे
घटनास्थल पर पुलिस कमिश्नर और एफएसएल की टीम जांच करने पहुंचेRavi Verma - RE

इंदौर, मध्यप्रदेश। स्वर्णबाग कालोनी में लगी आग में ये खुलासा हुआ है कि आग लगी नहीं थी लगाई गई थी। इसके बाद आम लोगों ने ये मांग करना शुरु कर दी है कि जिसने ये हरकत की है उसे सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए। उसकी इस हरकत से सात लोग अकाल मौत के शिकार हुए हैं ये हरकत किसी भी कीमत पर माफ नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही बिल्डिंग मालिक जिसने डेढ़ हजार स्केवयर फीट पर 10 फ्लैट की अवैध बिल्डिंग तान दी और आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए उस पर भी हत्या का केस दर्ज होना चाहिए।

आग की लपटों के साथ उठ रही चीख-पुकार :

स्वर्णबाग कालोनी में लगी आग का मंजर जिसने देखा वह कांप गया। रात के तीन बजे पूरी कालोनी में चीख पुकार मच गई। कई लोग घर के आसपास से निकल आए। बिल्डिंग आग और धुंए से घिरी हुई थी और वहां रहने वाले लोग जान बचाने की गुहार कर रहे थे। आग की लपटों के साथ चीख-पुकार गूंज रही थी। कालोनी में रहने वाले कई लोगों ने फायर ब्रिगेड का इंतजार किए बगैर अपने घरों से बाल्टी लाकर पानी डालना शुरु कर दिया,कुछ कालोनीवासियों ने तो मोटर लगाकर आग पर काबू पाने का प्रयास भी किया लेकिन इसके बाद भी मौतों को रोका नहीं जा सका। इस भयानक हादसे ने इस बात की पोल भी खोलकर रख दी है कि नगर निगम अवैध निर्माण को रोकने के लिए कितनी लापरवाही बरतता है। इस बिल्डिंग के सीसीटीवी कैमरे तो जलकर राख हो गए है लेकिन सामने ही रहने वाले बिल्डिंग मालिक सहित तीन घरों के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिले। इनसे ये खुलासा हुआ कि आग लगी नहीं थी लगाई गई थी।

क्या मिला है सीसीटीवी फुटेज में :

शुक्रवार रात 2:54 बजे सफेद शर्ट पहने एक युवक आता दिखाई दिया, उसने पार्किग में खड़ी एक गाड़ी में से पेट्रोल निकाला और आग लगा दी। क्राइम ब्रांच तक ये फुटेज पहुंच गए हैं। बताते हैं कि फुटेज में युवक दो बार आता दिखाई दे रहा है और वह बिजली मीटर से छेड़छाड़ करता हुआ भी दिख रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि आग लगाने वाले की पहचान सामने आ गई है उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस टीम तीन स्थानों से मिले फुटेज की भी जांच कर रही है।

आग लगाने वाला आरोपी शुभम दिक्षीत
आग लगाने वाला आरोपी शुभम दिक्षीतRavi Verma

9 लोगों की इस तरह बचाई गई जान :

पुलिस और आसपास के लोगों की मदद से हादसे से प्रभावित 9 लोगों की जान बचा ली गई है। उन्हें जलती बिल्डिंग से सुरक्षित निकाल लिया गया।आसपास के रहवासियों ने कई लोगों को रस्सी के सहारे बिल्डिंग से नीचे उतारा। तो कुछ ने छत पर और फ्लैट में लोगों की जान बचाई। विजय नगर टीआई तहजीब काजी ने बताया कि घटना के समय बिल्डिंग में 15-16 लोग थे। बिल्डिंग के मालिक ने इसी इलाके में चार और मकान भी बनवाए हैं वे सभी किराए से देने के लिए बनवाए गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि किसी भी मकान में सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए हैं। मालिक भी इसी कालोनी में रहता है। उसके मकान पर मोबाइल का टावर लगा हुआ है।

भाई का पता नहीं कहां है :

विदिशा का रहने वाला विनोद इंदौर में अपने भाई के साथ रहकर काम करता था। अग्निकांड में विनोद बुरी तरह जल गया। विनोद के भाई का अभी तक कोई पता नहीं है। विनोद इंदौर में अपने भाई के साथ रहकर काम करता था। समाचार लिखे जाने तक विनोद के भाई का पता नहीं चला है। एमवाय अस्पताल में भर्ती घायल विनोद ने बताया कि पूरी बिल्डिंग में आग फैल चुकी थी। मेरा भाई भी यहीं रहता है लेकिन आग की घटना के बाद से वो लापता है। हमने भागने की कोशिश की, लेकिन आग से घिर गए। मेरे बदन पर एक कपड़ा तक नहीं बचा था। मेरी बाइक, मोबाइल, नकदी सहित पूरा सामान स्वाहा हो गया।

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भैय्या-भाभी का मकान बन रहा था इसलिए फ्लैट में थे :

प्रत्यक्षदर्शी एहसान पटेल ने बताया कि रात को बिजली गुल हो गई थी, लेकिन जब बिजली आई तो पार्किंग में आग दिखाई दी। आग लगने और धुंआ होने से पूरी बिल्डिंग में चीख-पुकार शुरु हो गई थी। शुक्रवार की रात तीन बजे के करीब हमें शोर सुनाई दिया। बाहर देखा तो बिल्डिंग में आग लगी हुई थी। हमने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया। इस बिल्डिंग में मेरा भाई रहता है। बिल्डिंग में कुछ छात्र और अन्य परिवार भी रहते थे। उनकी भी मौत हो गई। भैया-भाभी का घर कालोनी में ही बन रहा है। वे करीब तीन माह से यहीं रह रहे थे।

फायर ब्रिगेड जल्दी आ जाती तो हादसा भयानक नहीं होता :

अग्निकांड वाली बिल्डिंग में रहने वाली एक महिला ने बताया कि हालात बहुत भयानक थे। आग का पता चला तो डायल 100 और फायर ब्रिगेड को तीन-चार बार कॉल किए। इसके बावजूद फायर ब्रिगेड करीब एक घंटे बाद पहुंची। विकराल रूप ले चुकी आग पर हम रहवासियों ने जैसे-तैसे काबू पाया। आग बुझी तो देखा लोगों की जलने से मौत हो गई थी। फायर ब्रिगेड समय पर आती तो शायद इनकी जान बच जाती।

पैर में फ्रेक्चर हुआ लेकिन जान बच गई :

बिल्डिंग की पहली मंजिल पर रहने वाले अरशद ने बताया कि मैं नागदा का रहने वाला हूं। मेरा फ्लैट पहली मंजिल पर है। मैं सो रहा था। रात में अचानक मेरा दम घुटने लगा।। नींद खुली तो कमरे में धुआं भरा हुआ था। फ्लैट का मेन गेट खोला तो बाहर भी धुआं था और लपटें उठ रही थीं। वो सब बहुत भयानक था। मैंने घबराकर फ्लैट का दरवाजा लगा लिया। उसके बाद खिड़की खोलकर मदद के लिए शोर मचाया। कुछ लोगों ने नीचे से खिड़की की तरफ पत्थर फेंके। करीब 15 से 20 मिनट तक लोहे की जाली वाली खिड़की को तोडऩे का प्रयास करता रहा। दो जाली निकालने के बाद जैसे-तैसे बाहर की तरफ लटका और कूद गया। उंचाई से कूदने के कारण मेरा पैर फ्रेक्चर हो गया है।

सोनाली की जान बचाई अरशद ने :

अरशद ने बताया मैंने पहली मंजिल पर रहने वाली सोनाली पंवार को भी बाहर निकाला। उसकी भी जान बच गई। अरशद के परिवार में बड़ा भाई और माता-पिता है। वह तीन महीने पहले ही इस बिल्डिंग में रहने आया था। एमआईजी इलाके के पास एक टेली कॉलर कंपनी में नौकरी करता हूं। सोनाली भी मूल रूप से नागदा की रहने वाली है। वह टास्कअस नाम की टेली कॉलर कंपनी में जॉब करती है।

मुनीरा की जान बचाई महेश ने :

हादसे में घायल मुनीरा बोली मैं सो रही थी। अचानक चीखों की आवाज आने लगी। थोड़ा दम घुट रहा था। दरवाजे की तरफ गई तो वह लपटों से घिरा हुआ था। घबराकर वापस कमरे में आ गई। पहले मकान मालिक इंसाफ को कॉल किया लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया। बालकनी में आई तो वहां फ्लोर काफी गर्म था। बाहर सड़क से लोग चिल्ला रहे थे। पड़ोस के फ्लैट की बालकनी से महेश सुनसाले ने मुझे पास वाली बिल्डिंग में आने के लिए कहा। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और दूसरी तरफ अंदर खींच लिया। मैं काफी देर तक सांस नहीं ले पाई। बाद में मुझे एमवाय अस्पताल पहुंचाया गया। मैं उज्जैन की रहने वाली हूं। पिछले कई सालों से इंदौर में रहकर टेली कॉलर की जॉब कर रही हूं। डेढ माह पहले ही इस बिल्डिंग में रहने आई थी। परिवार में दो भाई और माता-पिता है।

फ्लैट खाली करने वाला था और हादसा हो गया :

अस्पताल में भर्ती विनोद सोलंकी ने बताया कि मैं विदिशा का रहने वाला हूं। तीन-चार दिन पहले सेकंड फ्लोर के फ्लैट में अपने तीन साथी तुषार, आशीष और एक अन्य के साथ रहने आया था। मेरे दोस्त पहले से ही इस फ्लैट में रह रहे थे। रात में धुएं से दम घुटने लगा। बड़ी मुश्किल से लपटों के बीच बाहर आया। बालकनी से मदद मांगता रहा। यहां से बाहर नहीं निकल पाया तो लपटों के बीच ही छत की तरफ भागा। वहां से नीचे आ गिरा। मुझे इस फ्लैट में अच्छा नहीं लग रहा था। फ्लैट खाली करने ही वाला था, उससे पहले ये हादसा हो गया। मुझे नहीं पता कि मेरे तीन साथी कहां है। मुझे बस इतना पता है कि विशाल प्रजापति भी घायल है,जो ऊपर के ही फ्लैट में रहता है। मैं इंदौर में ओला रिक्शा चलाने का काम करता हूं। पिता किसान हैं। परिवार में एक भाई है, जो पिता के साथ रहता है।

एक दिन पहले ही आया था :

तुषार ने बताया मैं विनोद, विनीत और आशीष के साथ सेकंड फ्लोर के फ्लैट में रहता हूं। एक दिन पहले ही देवास से यहां नौकरी की तलाश में आया था। शुक्रवार को आकांक्षा के जन्मदिन की पार्टी छत पर अरेंज की थी। पार्टी के बाद रात में मैं और दोस्त छत पर ही सो गए। तीन बजे के लगभग विनोद जलता हुआ ऊपर आया। आसपास धुआं था। मैंने पास की छत पर छलांग लगा दी। विनोद नीचे जा गिरा। उसके शरीर पर कई चोटें आई हैं। मेरे परिवार में माता-पिता और एक छोटा भाई है, जो देवास में रहते हैं।

पति-पत्नी की एक साथ निकली शवयात्रा :

स्वर्ण बाग कॉलोनी में देर रात भीषण अग्निकांड हुआ। हादसे में किराए पर रहने वाले दंपती की भी दम घुटने से मौत हो गई। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के बाद दोपहर घर लाया गया। इसके बाद दोनों की शव यात्रा एक साथ निकाली गई। दंपति का परिवार भी इसी कालोनी में रहता है। पति-पत्नी की एक साथ निकली शवयात्रा को देख पूरी कॉलोनी का माहौल गमगीन हो गया। पुलिस के मुताबिक मृत दंपती ईश्वरसिंह, नीतूसिंह सिसौदिया और गौरव की मौत दम घुटने से हुई है। जबकि आकांक्षा आशीष और दो अन्य पूरी तरह से जल चुके है। सभी का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। मृतकों में तीन लोगों की मौत दम घुटने से हुई जबकि चार पूरी तरह से जल गए थे। मृतक गौरव पिता अजय पंवार सिटी बस डिपो में सुपरवाइजर था। डिपो के मैनेजर नीम सरकार ने बताया कि वह रात 10:00 बजे ड्यूटी कर घर लौटा था। गौरव बैतूल के काला पाठा, काली चट्टान में रहता था। इसके रिश्तेदार हादसे की सूचना बाद भोपाल से निकले हैं।

पति-पत्नी की एक साथ निकली शवयात्रा
पति-पत्नी की एक साथ निकली शवयात्राRavi Verma - RE

दोस्त के कहने पर रुका और मौत आ गई :

दो अन्य मृतकों में आशीष राठौर निवासी देवास और देवेंद्र साल्वे बैतूल का रहने रहने वाला था। देवेंद्र साल्वे अपनी बहन प्रार्थना को बास्केटबॉल कॉम्पीटिशन के लिए इंदौर छोड़ने आया था। इसके बाद वह दोस्त गौरव से मिलने गया था। गौरव के कहने पर देवेंद्र उसी के साथ रुक गया था। हादसे में दोनों की ही मौत हो गई।

पत्नी ने फांसी लगाई थी बेटी जल गई :

हादसे में आंकांक्षा पिता राजेश अग्रवाल की भी जलने से मौत हो गई। पिता राजेश अग्रवाल ने बताया कि आकांक्षा की मां ने कुछ अरसे पहले ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह इकलौती बेटी थी। उससे बहुत आशाएं थी उसकी शादी के लिए वर की तलाश में जुटा था इसी दौरान पता चला कि आकांक्षा भी मुझे छोड़कर चली गई। अब मैं किसके सहारे जीवन गुजारुंगा,मेरी तो इच्छा हो रही है कि मैं भी अपनी पत्नी और बेटी के पास चला जाऊं।

कितने वाहन जले हैं आग में :

विजयनगर टीआई तहजीब काजी के मुताबिक स्वर्णबाग कॉलोनी में इंसाफ पुत्र इंसाद पटेल की दो मंजिला इमारत है। इसमें 10 फ्लैट हैं। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनी हैं। देर रात यहां 3.30 बजे बिल्डिंग के निचले हिस्से में भयानक आग लग गई। जिसमें नीचे पार्किंग में खड़ी 13 टू व्हीलर ओर एक कार जलकर खाक हो गई। यहां से आग तेजी से ऊपर की ओर फैल गई। बिल्डिंग में रह रहे लोगों को नीचे उतरने का मौका नहीं मिला। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई जबकि नौ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। घायलों के नाम फिरोज,मुनीरा,विशाल प्रजापति,अरशद,सोनाली पंवार और अन्य बताए गए हैं।

संकरी गलियां ने रोका फायर ब्रिगेड का रास्ता :

भीषण आग की घटना के बाद फायर ब्रिगेड के देरी से पहुंचने की शिकायत वहां के रहवासियों ने की है। पता चला है कि फायर ब्रिगेड की टीम को रात को करीब तीन सवा तीन बजे सूचना मिली थी। टीम वहां से रवाना हुई लेकिन स्वर्णबाग कालोनी में स्पाट तक पहुंचने के लिए संकरी गलियों और बेतरतीब घरों के बाहर खडे वाहनों ने टीम का रास्ता रोक दिया। काफी मशक्कत के बाद फायर वाहनों को रास्ता मिला और टीम स्पाट पर देरी से पहुंच पाई। पूरी स्वर्ण बाग कालोनी अवैध बनीं हुई है। यहां रहने वाले लोगों ने अपनी मनमर्जी से मकान के आगे तक अतिक्रमण कर लिया है। कई तो वाहन रास्ते में ही खड़े कर देते हैं जिसके कारण कालोनी वासियों को भी निकलने में दिक्कत होती है ऐसे हालात में फायर ब्रिगेड की टीम समय पर कैसे पहुंच पाती। केवल यहीं नहीं शहर की कई कालोनियों और बस्तियों में यही हालात हैं।

घायलों का बेहतर इलाज कराया जाएगा : तुलसीराम सिलावट

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने एमवाय हॉस्पिटल पहुंचकर कल रात हुई अग्नि दुर्घटना के घायलों से मुलाक़ात की और उन्हें बेहतर से बेहतर चिकित्सा के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए है कि सभी का बेहतर इलाज किया जाए। मंत्री सिलावट ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दुर्घटना में अकाल काल-कवलित लोगों के लिए शोक संवेदना व्यक्त की।

कलेक्टर मनीष सिंह घायलों से मिले :

कलेक्टर मनीष सिंह अग्नि दुर्घटना के घायलों से मिलने के लिए एमवाय हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। घायलों एवं परिजनों को सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि वे घायलों का अच्छे से अच्छा इलाज करें। इलाज में किसी भी तरह की कमी नहीं रखी जाए। घायलों का इलाज शासन के खर्च पर होगा। उन्होंने कहा कि अग्नि दुर्घटना के मृतकों और घायलों को पात्रता अनुसार पूरी मदद दी जाएगी।

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