इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भाजपा के स्थानीय विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बल्ले से कथित तौर पर पीटने के मुकदमे में अभियोजन को गुरूवार को अदालत में फिर झटका लगा। निगम अधिकारी ने बचाव पक्ष की जिरह के दौरान मुकदमे में भाजपा विधायक की कथित भूमिका को लेकर अभियोजन की कहानी का स्पष्ट समर्थन नहीं किया गया। विधायकों और सांसदों से जुड़े मुकदमे सुनने वाली एक विशेष अदालत ने अभियोजन की गुजारिश पर नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र सिंह बायस को दंड प्रक्रिया संहिता सीआरपीसी की धारा 311 के तहत गवाही के लिए फिर से बुलाया था। अदालत में हुई सुनवाई के दौरान वह वीडियो क्लिप भी चलाई गई जो घटना के बाद सोशल मीडिया पर सामने आई थी और जिसकी बुनियाद पर अभियोजन ने आरोप लगाया है कि भाजपा विधायक ने 26 जून 2019 को निगम अधिकारी बायस को बल्ले से पीटा था। बहरहाल, बचाव पक्ष के एक वकील ने जब बायस से जिरह की, तो उन्होंने बल्ला कांड में भाजपा विधायक की कथित भूमिका को लेकर अभियोजन की कहानी का स्पष्ट समर्थन नहीं किया गया।
मुकदमे में पहले भी अभियोजन को झटका मिल चुका है :
गौरतलब है कि यह निगम अधिकारी मामले में भाजपा विधायक की कथित भूमिका को लेकर अपने विरोधाभासी बयान से मुकदमे में अभियोजन को पहले भी झटका दे चुका है।
अन्य भवन निरीक्षक के होंगे बयान दर्ज :
अदालत ने मुकदमे में अगली सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय की है और अगले गवाह के रूप में निगम के अन्य भवन निरीक्षक असित खरे के बयान होने हैं जो घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे।
एक जर्जर भवन को गिराने के दौरान विधायक आकाश विजयवर्गीय का नगर निगम के अधिकारियों से 26 जून 2019 को विवाद हो गया था। गुरूवार को कोर्ट में विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने वाले नगर निगम के अधिकारी ने दोबारा बयान पर भी पहले से दर्ज बयान पर वह कायम रहें।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।