इंदौर : चाचा नेहरू अस्पताल की ओपीडी से नदारद सीनियर कंसल्टेंट

इंदौर, मध्य प्रदेश : चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट बैठ ही नहीं रहे हैं और पूरी ओपीडी जूनियर डॉक्टर के (आरएमओ) द्वारा संचालित की जा रही है।
चाचा नेहरू अस्पताल की ओपीडी से नदारद सीनियर कंसल्टेंट
चाचा नेहरू अस्पताल की ओपीडी से नदारद सीनियर कंसल्टेंटSocial Media

इंदौर, मध्य प्रदेश। बच्चों का एक मात्र अस्पताल शासकीय चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में इन दिनों मौसमी बीमारी बढ़ने के कारण बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों को इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं। जब अस्पताल में वो आ रहे हैं, तो यह देखकर निराश हो रहे हैं कि अस्पताल की ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट बैठ ही नहीं रहे हैं और पूरी ओपीडी जूनियर डॉक्टर के (आरएमओ) द्वारा संचालित की जा रही है।

वर्तमान में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में नियमित क्लासेस भी नहीं लग रही हैं, इसके बाद भी ओपीडी के साथ वार्ड में भी राउंड पर सीनियर नहीं आ रहे हैं। प्रतिदिन ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट को पूरे समय यानि सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बैठना अनिवार्य है, लेकिन कुछ देर भी अपने कैबिन में नहीं बैठ रहे हैं।

आम दिनों भी यही हाल रहता है :

लॉकडाउन के दौरान अस्पताल की ओपीडी संचालित नहीं हो रही थी और बाल मरीज भी बहुत ही कम संख्या में भर्ती थे। इसलिए ज्यादातर सीनियर घरों पर ही रहे। अब जबकि लाकडाउन पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। वर्तमान में कोविड के साथ ही मौसमी बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया, वायरल, डायरिया आदि भी बच्चों को चपेट में ले रहा है। इसके बाद भी सीनियर कंसल्टेंट ओपीडी में नहीं आ रहे हैं। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में अस्पताल अधीक्षक डॉ. हेमंत जैन की ड्यूटी कोविड में लगी हुई है, इस कारण यहां लापरवाही चल रही है। कोविड कॉल के पूर्व भी इक्क-दुक्का ही सीनियर कंसल्टेंट थे, जो अपना पूरा समय ओपीडी में देते थे। अब जब कोरोना संक्रमण का खतरा है, तो वो भी ओपीडी में नहीं बैठ रहे हैं और जूनियर डॉक्टर के भरोसे अस्पताल का संचालन हो रहा है। वैसे भी जल्द चाचा नेहरू अस्पताल को कोविड केअर सेंटर में बदला जा रहा है, इसलिए और लापरवाही बढ़ गई है।

एमवायएच की ओपीडी का भी यही हाल :

वहीं एमवायएच में भी नए भवन में ओपीडी का संचालन शुरू कर दिया है। सभी विभागों की ओपीडी का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कुछेक विभागों के कंसल्टेंट ही ओपीडी में पूरा समय दे रहे हैं, जबकि यहां भी मौसमी बीमारियों के चलते बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं एमवायएच में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है और अस्पताल खाली पड़ा हुआ है। ऐसे में जिम्मेदार चिकित्सक कहां अपनी ड्यूटी कर रहे हैं? यहां भी जूनियर डॉक्टरों के भरसे मरीजों का इलाज चल रहा है।

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