मीडिया को संबोधित करते सचिन यादव
मीडिया को संबोधित करते सचिन यादवRaj Express

किसान की आमदनी दोगुना करने की जगह दर्द सौ गुना कर दिया : सचिन यादव

भोपाल, मध्यप्रदेश : मीडिया से रूबरू हुए प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव और कहा किसान सम्मान निधि बनी, किसान अपमान निधि।

भोपाल, मध्यप्रदेश। किसान की आमदनी दोगुना करने का वादा करने वाली भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकार ने किसानों का दर्द 100 गुना कर दिया है। साथ ही किसान सम्मान निधि अब अपमान निधि बन गई है। यह आरोप कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए।

श्री यादव ने कहा कि छह साल हो गए हैं, 28 फरवरी 2016 को उत्तरप्रदेश के बरेली की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना कर दी जाएगी। मगर आज छह साल बाद मोदी और शिवराज सरकार के विश्वासघात का परिणाम है कि किसानों की आय बढ़ना तो दूर उल्टी पहले की अपेक्षा कम हो गई है। इसके लिए उन्होंने सितंबर 2021 में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसएसओ) एवं हाल ही में मोदी सरकार द्वारा संसद में किए गए खुलासे के द्वारा ग्रामीण भारत में कृषि परिवारों की स्थिति को लेकर जारी रिपोर्ट का हवाला दिया, साथ ही स्वभाव से भाजपा सरकारों को किसान विरोधी बताया।

श्री यादव ने प्रदेश में समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी का सच भी उजागर किया, जिसमें 7189.1 करोड़ रुपए के अनाज खरीदी के एवज में अब तक मात्र 3,802 करोड़ रुपए का भुगतान सरकार द्वारा किसानों को किया जाना बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि यूक्रेन-रशिया युद्ध की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फसलों के दाम अच्छे मिल रहे हैं तो क्या मप्र की भाजपा सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान न करके सरकारी खरीद को हतोत्साहित किया और किसानों ने औने-पौने भाव में अपना अनाज व्यापारियों को बेच दिया।

श्री यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 से किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी, जिसमें यह तय किया था कि प्रत्येक किसान के खाते में 6000 रुपए सालाना डाला जाएगा, ताकि खेती का लागत मूल्य घटाया जा सके। मगर सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने बीते सात सालों में 25 हजार रुपए हेक्टेयर खेती की लागत बढ़ा दी। आज चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि मप्र में हजारों की संख्या में किसानों को शिवराज सरकार किसान सम्मान निधि वापिस लौटाने के नोटिस दे रही है और राशि नहीं लौटाने पर बलात् कार्यवाही की धमकी दे रही है। जबकि एक तरफ कमलनाथ सरकार थी जो किसानों के दो लाख रूपए तक के कर्ज को माफ कर किसानों को राहत दे रही थी। दूसरी तरफ शिवराज सरकार ने आते ही किसान कर्जमाफी को रोक दिया अब दूसरा कुठाराघात किसानों से किसान सम्मान निधि वापस मांग रही है।

श्री यादव ने आरोप लगाया कि किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को भाजपा सरकार ने किसान विनाश विभाग बना दिया है। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत मोदी सरकार ने किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की योजनाओं में मात्र 44.37 प्रतिशत राशि ही मप्र को जारी की। कृषि विकास की कई योजनाओं में तो बीते वर्ष एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एक लाख छह हजार 583 लाख रुपए के बजट में कुल 44.37 प्रतिशत राशि ही केंद्र ने अपने हिस्से की भेजी। इतना ही नहीं एक तरफ मोदी सरकार ने प्रदेश को राशि जारी नहीं की। दूसरी ओर मोदी सरकार ने बीते तीन वर्षों में कृषि कल्याण विभाग के 67 हजार 929.10 करोड़ रुपए खर्च ही नहीं किए और सरेंडर कर दिए।

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