छुही खदान हादसा: तो क्या आधा दर्जन मौतों का जिम्मेदार है प्रशासन

शहडोल: छुही खदान धंसकने से तीन नाबालिगों सहित छ: लोगों की असमय मौत से उठा सवाल कि इन मौतों का जिम्मेदार कौन? क्यूंकि 2 साल पूर्व ग्रामीणों ने कलेक्टर से अवैध खदान की शिकायत की थी पर प्रशासन मौन था।
छुही खदान हादसा: तो क्या आधा दर्जन मौतों का जिम्मेदार है प्रशासन
छुही खदान हादसा: तो क्या आधा दर्जन मौतों का जिम्मेदार है प्रशासनRaj Express

ब्योहारी, शहडोल। थाना क्षेत्र के पपरेडी गांव में शनिवार को छुही खदान धंसकने से तीन नाबालिगों सहित छ: लोगों की असमय मौत हो गई। वहीं घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में उक्त अवैध खदान को जेसीबी मशीनों से पाटकर बंद करा दिया। हादसे के बाद लोगों के यह सवाल हैं कि आखिर इस अवैध खदान में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है। जानकारी अनुसार बीते कई वर्षों से अनवरत रूप से यहां से छुही मिट्टी की अवैध खदान संचालित थी। जहां सैकड़ों परिवार उत्खनन कर बेचने का काम करते थे, यहां से यह मिट्टी अन्य जिलों मे भी बिक्री के लिए जाती थी।

कटघरे में प्रशासन :

स्थानीय प्रशासन अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आनन-फानन निजी भूमि में संचालित इस अवैध छुही खदान को जेसीबी मशीनों से बंद तो करा दिया, लेकिन अभी भी कुछ खदानें संचालित होने की चर्चा है, लेकिन इस हादसे में हुई 6 लोगों की मौत और 4 के गंभीर होने के बाद प्रशासन कटघरे में खड़ा हो गया है। यह खदानें मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पपरेड़ी में संचालित थी। जो निजी भूमि जो धीरेंद्र सिंह पिता काशी प्रसाद की आराजी खसरा नंबर 464/1 रकवा 0.7820 हे. रामपति पिता गंगा चमार की आराजी खसरा नंबर 464/2/1 रकवा 0.810 हे. तथा मौजीलाल पिता विश्राम की आराजी खसरा नंबर 464/2/2 रकवा 0.3240 हे. क्षेत्र में चालू थी।

मामले का किया जा रहा पटाक्षेप :

प्रशासन जब मौके पर पहुंचा तो, वहां पर सैकड़ों बोरी छुही मिट्टी मौके पर रखी पाई गई। यहां पर अवैध उत्खनन वर्षों से चल रहा था। जिसकी ग्रामीणों ने पूर्व में कई बार स्थानीय प्रशासन सहित कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन घटना के बाद नींद से जागा प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिए उक्त अवैध खदान को निजी उपयोग में उत्खनन करने की बात कह मामले का पटाक्षेप किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार जिस निजी भूमि में छुही खदान संचालित होती थी। उसमें भू-स्वामी की सहमति और हिस्सा भी फिक्स था।

किससे हुई लापरवाही :

ग्रामीणों का कहना है कि 06 अप्रैल 2018 को ग्राम पपडेरी के मोहन सिंह नारायण सिंह रामप्रसाद सहित दर्जनभर ग्रामीणों ने तत्कालीन कलेक्टर शिकायत की थी, अगर पूरे मामले की जांच हो जाये तो, इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे, यह सामने आएगा, लेकिन किसकी लापरवाही से इतनी बड़ी दुर्घटना हुई, शिकायतों के बाद भी स्थानीय प्रशासन सहित जिले में बैठे जिम्मेदारों ने समय रहते कार्यवाही आखिर क्यों नहीं की, यह भी खनिज अमले और ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों की मिली भगत की पुष्टि करती है।

घटना को दिया आमंत्रण :

पूर्व में की गई शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत पपरेडी के उपसरपंच रामकरण बैस पिता रामस्वरूप बैस द्वारा रामपति साकेत निवासी पपरेडी की भूमि से बिना लीज के छुही मिट्टी का अवैध उत्खनन करवा कर अपने निजी वाहन से जयसिंहनगर, ब्यौहारी, रीवा, सीधी , शहडोल आदि जगहों में बेचने का उल्लेख किया था। साथ ही यह आशंका भी जताई थी कि 30 से 40 फिट गहरी खदान धंसने से कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। एसडीएम-तहसीलदार और खनिज अमले की मिलीभगत और सांठ-गांठ के कारण घटना को आमंत्रित किया गया।

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